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धनबाद-चंद्रपुरा पैसेंजर फाइलों में, धनबाद-गिरिडीह रेल लाइन हवा में... पढ़‍िए पूरी खबर

यही हाल धनबाद से प्रधानखंता गोविंदपुर और टुंडी होकर गिरिडीह तक बिछने वाली नई रेल लाइन परियोजना का है। लगभग 70 किमी लंबी रेल लाइन का 50 किमी हिस्सा धनबाद और शेष गिरिडीह जिले में बिछना है। बजट में सर्वे को मंजूरी भी मिल चुकी है।

By Tapas BanerjeeEdited By: Atul SinghPublished: Thu, 17 Nov 2022 08:41 PM (IST)Updated: Thu, 17 Nov 2022 09:35 PM (IST)
बजट में सर्वे को मंजूरी भी मिल चुकी है।

जागरण संवाददाता, धनबाद: धनबाद-चंद्रपुरा पैसेंजर चलाने की घोषणाएं होती रही हैं। बावजूद ट्रेन अब तक फाइलों में कैद हैं। 15 जून 2017 को धनबाद-चंद्रपुरा रेल लाइन बंद होने के दौरान बंद हुई ट्रेन पांच साल बाद भी पटरी पर नहीं लौट सकी। रेलवे ने चंद्रपुरा पैसेंजर को मेमू रैक से चलाने की योजना भी बनाई। पर अब तक न मेमू रैक मिली न ही ट्रेन चलाने को मंजूरी मिली। एक अक्टूबर से लागू हुए नए टाइम टेबल में धनबाद-चंद्रपुरा पैसेंजर को जगह मिलने की उम्मीद थी, पर पूरी नहीं हुई।

यही हाल धनबाद से प्रधानखंता, गोविंदपुर और टुंडी होकर गिरिडीह तक बिछने वाली नई रेल लाइन परियोजना का है। लगभग 70 किमी लंबी रेल लाइन का 50 किमी हिस्सा धनबाद और शेष गिरिडीह जिले में बिछना है। बजट में सर्वे को मंजूरी भी मिल चुकी है। बावजूद अब तक सर्वे शुरू नहीं हो सका है। शुक्रवार की मंडल संसदीय समिति की बैठक में धनबाद और गिरिडीह दोनों सांसदों के उपस्थित होने की संभावना है। उम्मीद है सांसद रेल अधिकारियों पर दबाव बनाने में कामयाब होंगे।

गंगा-दामोदर और स्वर्णरेखा के विलय का मुद्दा 

गंगा-दामोदर और स्वर्णरेखा एक्सप्रेस का विलय भले ही न हुआ हो पर रोक पर निर्णय को लेकर रेलवे ने अब तक अपना रुख स्पष्ट नहीं किया है। विलय पर रोक को लेकर आधिकारिक आदेश भी जारी नहीं हो सका है। शुक्रवार को होनेवाली मंडल संसदीय समिति की बैठक में विलय का मुद्दा हावी रहेगा। रेलवे ने सात नवंबर से गंगा-दामोदर एक्सप्रेस और स्वर्णरेखा के विलय का आदेश जारी कर दिया था। दोनों ट्रेनों के टाइम टेबल में भी बदलाव किया गया था। सांसद पशुपतिनाथ सिंह के विरोध के बाद विलय टल गया। रेलवे सूत्रों का कहना है कि विलय की योजना अस्थायी रूप से टली है। आदेश वापस नहीं लिया गया है। भविष्य में विलय की संभावना बनी हुई है। शुक्रवार को मंडल संसदीय समिति की बैठक में पूर्व मध्य रेल महाप्रबंधक के साथ सीपीटीएम भी मौजूद रहेंगे। जनप्रतिनिधियों के दबाव में रेलवे विलय को लेकर रुख स्पष्ट कर सकती है। इन प्रस्तावों पर होगी चर्चा - रांगाटांड़ गया पुल के चौड़ीकरण पर रेलवे की स्वीकृति - पारसनाथ-मधुबन-गिरिडीह रेल लाइन परियोजना की प्रगति


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