1969 में बनी दुग्दा कोल वाशरी का आउटसोर्सिंग के जरिए होगा संचालन, जल्द निकाला जाएगा टेंडर
इस वाशरी का निर्माण व संचालन हिंदुस्तान स्टील लिमिटेड ने किया था। उसके बाद स्टील अथाॅरिटी उद्योग ने इसका संचालन किया। इसके बाद कोयला उद्योग के राष्ट्रीयकरण के बाद इसका संचालन बीसीसीएल करने लगी। अब इसके संचालन का जिम्मा निजी कंपनियों को देने की तैयारी हो रही है।
By Ashish Kumar AmbasthaEdited By: Deepak Kumar PandeyUpdated: Tue, 04 Oct 2022 03:07 PM (IST)
धनबाद [आशीष अंबष्ठ]: 1969 में बनी दुग्दा कोल वाशरी आनेवाले दिनों में निजी हाथों में होगी। करीब 53 साल पहले इस वाशरी का निर्माण व संचालन हिंदुस्तान स्टील लिमिटेड ने किया था। उसके बाद स्टील अथाॅरिटी उद्योग ने इसका संचालन किया। इसके बाद कोयला उद्योग के राष्ट्रीयकरण के बाद इसका संचालन बीसीसीएल करने लगी। अब इसके संचालन का जिम्मा निजी कंपनियों को देने की तैयारी हो रही है।
जीएम वाशरी सत्येंद्र कुमार ने बताया कि दुग्दा कोल वाशरी को आउटसोर्सिंग कंपनी के जरिए चलाने का निर्णय लिया गया है। इसके लिए सीएमडी के निर्देश पर कमेटी गठित की गई है, जो रिपोर्ट तैयार कर रही है। उन्होंने बताया कि दुग्दा वाशरी का आउटसोर्स के जरिए संचालन के लिए जल्द ही निविदा निकाली जाएगी। उन्होंने बताया कि इस वाशरी से दो मिलियन टन वाश कोल उत्पादन की क्षमता है।
दुग्दा कोल वाशरी के अधीन 1194 श्रमिक आवास
जीएम ने बताया कि दुग्दा कोल वाशरी के अधीन 1194 श्रमिक आवास हैं, जिनमें उच्च कोटि के आवास की संख्या 58 है। 1140 आवास में तीन सौ आवास में ही सीधे श्रमिकों को आवंटन है। शेष आवास में या तो सेवानिवृत्त कर्मी रह रहे हैं या फिर किसी ने किसी रूप में अवैध कब्जा है। इसको लेकर बीते गुरुवार को जीएम वाशरी सत्येंद्र कुमार, दुग्दा परियोजना पदाधिकारी के साथ वरीय सलाहकार कार्मिक पीवीआरकेएम राव ने गंभीरता से विचार विमर्श किया। दुग्दा कोल वाशरी क्षेत्र की सुरक्षा में सीआइएसएफ के 90 जवान तैनात हैं। इन जवानों को बीसीसीएल दुग्दा कोल वाशरी के आवास को आवंटित करने को लेकर सीआइएसएफ के डीआइजी विजय काजला से बातचीत की। कहा कि इससे आवास भत्ता में भी बचत होगी।
फिलहाल तीन सौ करोड़ रुपये के घाटे में है वाशरी
इस वाशरी के आउटसोर्सिंग कंपनी के जरिए संचालन को लेकर पांच सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है, जो निजी कंपनी द्वारा वाशरी संचालन की स्थिति व निविदा प्रक्रिया को लेकर रिपोर्ट तैयार कर रही है। कमेटी में जीएम वाशरी सत्येंद्र कुमार, जीएम वाशरी कंस्ट्रक्शन एपी स्वर्णकार, वाशरी कंस्ट्रक्शन विभाग के स्वरूप दत्ता, जीएम सेल्स यूबी सिंह व विभागाध्यक्ष वित्त को रखा गया है।
बताया जाता है कि फिलहाल दुग्दा कोल वाशरी करीब तीन सौ करोड़ रुपये के घाटे में है। कंपनी का मानना है कि आउटसोर्स के जरिए संचालित होने से बीसीसीएल को लाभ होगा। 21 मई 2021 से वाशरी से उत्पादन पूरी तरह से ठप है। यहां करीब 2.5 लाख टन रिजेक्ट कोल का भंडार भी है, जिसके लिए जल्द ऑक्शन किया जाएगा।
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