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Earthquake In Dhanbad : चौंकिए नहीं; धनबाद में हर दिन आता है भूकंप, इस वजह से लोगों को नहीं चलता पता

Earthquake In Dhanbad झारखंड का धनबाद जिला भूकंप के लिहाज से संवेदनशील है। आइआइटी (आइएसएम) की सिस्मोलाजिकल आब्जर्वेटरी के अनुसार यहां रोज भूकंप आता है। हालांकि इस भूकंप का लोगों को पता नहीं चल पाता है। कारण कि यह भूकंप कम तीव्रता वाला होता है। बता दें कि झारखंड को भूकंप संवेदनशील इलाकों के क्रम में जोन-3 में रखा गया है।

By Ashish SinghEdited By: Yogesh SahuUpdated: Tue, 28 Nov 2023 10:24 AM (IST)
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Earthquake In Dhanbad : चौंकिए नहीं; धनबाद में हर दिन आता है भूकंप, इस वजह से नहीं चलता पता

आशीष सिंह, धनबाद। भूकंप का जिक्र होते ही कंपकंपाती धरती का नजारा जेहन में आता है। इससे जानमाल का भी काफी नुकसान होता है। नेपाल में हाल में आए भूकंप से दुनिया दहल गई थी। पर, क्या आप जानते हैं कि धनबाद में हर दिन भूकंप आता है।

चौंकिए नहीं, पिछले सप्ताह धनबाद में भी 3.8 मैग्नीट्यूड का भूकंप आया था। इसका केंद्र आसनबनी था। धनबाद में आने वाले भूकंप की तीव्रता इतनी नहीं होती कि उससे कोई नुकसान हो। अक्सर तो पता भी नहीं चलता कि धरती कांपी भी थी।

आइआइटी (आइएसएम) की सिस्मोलाजिकल आब्जर्वेटरी के मुताबिक धनबाद में हर दिन भूकंप तो आता है, मगर तीव्रता एक से तीन मैग्नीट्यूड के बीच ही होती है। इसलिए उसके असर का अहसास तक नहीं होता।

छह माह पहले धनबाद के बलियापुर में भूकंप आया था, उसका कुछ अहसास हुआ था। जब 6.0 या उससे अधिक तीव्रता वाले भूकंप आते हैं, वे खतरनाक होते हैं। उनसे जानमाल के नुकसान की आशंका रहती है।

झारखंड ईस्टर्न इंडिया शील्ड में है, यह क्षेत्र भूकंप के लिए संवेदनशील है, मगर खतरे की संभावना यहां नहीं है। आब्जर्वेटरी के कोआर्डिनेटर प्रो. मोहित अग्रवाल हमारे सिस्मोलाजिकल आब्जर्वेटरी सेंटर के 300 किमी के दायरे में दस साल में 22 बड़े भूकंप आए हैं, मगर उनका मैग्नीट्यूड भी रिएक्टर स्केल पर 3 से 4 के बीच ही था।

पांच भूकंपीय जोन में है भारत

प्रो. मोहित के अनुसार भारतीय मानक ब्यूरो ने भारत को पांच भूकंपीय जोन में बांटा है। सबसे अधिक खतरा जोन-5 में है। यहां नौ मैग्नीट्यूड तक की तीव्रता का भी भूकंप आ सकता है।

जोन-5 में पूर्वोत्तर भारत, जम्मू-कश्मीर के कुछ हिस्से, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, गुजरात का कच्छ, उत्तर बिहार का कुछ हिस्सा और अंडमान निकोबार द्वीप हैं।

जोन-4 में जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश के बाकी हिस्से, दिल्ली, सिक्किम, उत्तर प्रदेश का उत्तरी भाग, बिहार और बंगाल, गुजरात के कुछ हिस्से, पश्चिमी तट के समीप महाराष्ट्र का कुछ हिस्सा और राजस्थान हैं।

जोन-3 में केरल, गोवा, लक्षद्वीप, उत्तर प्रदेश के बाकी हिस्से, गुजरात, बंगाल, पंजाब, राजस्थान, मध्यप्रदेश, बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, ओडिशा, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और कर्नाटक हैं।

जोन-2 भूकंप की दृष्टि से सबसे कम सक्रिय क्षेत्र है। इसमें देश के बाकी हिस्से शामिल हैं। पांचवां जोन सबसे खतरनाक है। इसीलिए उत्तरकाशी, दिल्ली व हरिद्वार संवेदनशील हैं।

पृथ्वी की प्लेटों में घर्षण से आते हैं भूकंप

प्रो. मोहित के अनुसार पृथ्वी के नीचे अनेक टेक्टोनिक प्लेट हैं। इनमें गति होती है। इनमें बीच-बीच में इनकी इंटरलाकिंग होती है। इस घर्षण से ऊर्जा निकलती है। इसे निकलने को रास्ता चाहिए, इसलिए प्लेट में हलचल होती है। तब धरती कांप उठती है, इसे ही भूकंप कहते हैं।

आइआइटी ने यहां अपने परिसर के साथ गिरिडीह, पेटरवार, निरसा और देवघर में आब्जर्वेटरी स्थापित की है। इससे भूकंप की तीव्रता मापने में मदद मिलती है। झारखंड छोटानागपुर प्लेट्स में आता है।

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