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ED Raid in Jharkhand: झारखंड में एक और घोटाले में ईडी का शिकंजा, धनबाद में 6 ठिकानों पर छापा

Dhanbad ED Raid झारखंड के धनबाद में ईडी की छापेमारी लगातार जारी है। इस बार ईडी ने धनबाद में 6 जगहों पर छापेमारी की है। ईडी ने राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन गबन मामले में शिकंजा कसा है। इस मामले के आरोपी प्रमोद कुमार सिंह व उनके सहयोगियों से जुड़े छह ठिकानों पर गुरुवार की सुबह से ही ईडी की छापेमारी चल रही है।

By Jagran News Edited By: Sanjeev Kumar Published: Thu, 04 Jul 2024 07:48 PM (IST)Updated: Thu, 04 Jul 2024 07:48 PM (IST)
झारखंड के धनबाद में ईडी की ताबड़तोड़ छापेमारी (जागर

राज्य ब्यूरो, रांची। Dhanbad ED Raid: पद का दुरुपयोग कर राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (एनआरएचएम) निधि के छह करोड़ 97 लाख 43 हजार 832 रुपये के गबन मामले के आरोपित प्रमोद कुमार सिंह व उनके सहयोगियों से जुड़े छह ठिकानों पर गुरुवार की सुबह से ही ईडी की छापेमारी चल रही है। इस छापेमारी में ईडी को गबन से संबंधित दस्तावेज व गबन की राशि से खरीदे गए वाहन मिले हैं। इन्हें जब्त करने की कार्रवाई चल रही है।

प्रमोद कुमार पर लग रहे गंभीर आरोप

प्रमोद कुमार प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) झरिया के तत्कालीन बैंक खाता प्रबंधक थे, जिनपर एनआरएचएम के विभिन्न कार्यक्रमों के एवज में आवंटित उक्त फंड के गबन का आरोप है। इस पूरे प्रकरण को ईडी मनी लांड्रिंग के बिंदु पर जांच कर रही है। ईडी प्रमोद कुमार सिंह पर पूर्व में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो धनबाद व रांची में दर्ज दो अलग-अलग कांडों के आधार पर पूरे मामले की जांच कर रही है।

प्रारंभिक जांच के बाद एसीबी धनबाद ने प्रमोद कुमार सिंह के विरुद्ध आठ जून 2016 को कांड संख्या 46/2016 दर्ज किया था। उक्त प्राथमिकी के अनुसार प्रमोद कुमार सिंह प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र झरिया में 17 हजार रुपये मासिक वेतन पर ब्लाक खाता प्रबंधक के पद पर कार्यरत थे।

प्रमोद कुमार 2008 से मार्च 2016 तक पदस्थापित रहे

वे वहां नवंबर 2008 से मार्च 2016 तक पदस्थापित रहे। वर्ष 2008 से 2012 तक वह सिर्फ कैशबुक व रजिस्टर ही मेंटेन करते थे, लेकिन अप्रैल 2012 में उन्हें खातों से जुड़ा हुआ काम दे दिया गया। ब्लाक खाता प्रबंधक के रूप में उन्हें संविदा आधारित कर्मचारियों को वेतन देना था। इसके अलावा उन्हें सीएमओ या जिला स्वास्थ्य सोसाइटी से प्राप्त निर्देशों के अनुसार लाभार्थियों को धन वितरित करना था।

प्रमोद कुमार ने आधिकारिक पद का दुरुपयोग किया

प्रमोद कुमार सिंह व एक अन्य कर्मी शशि भूषण प्रसाद (अब स्वर्गीय) के साथ संयुक्त रूप से विभिन्न कार्यक्रमों पर एनआरएचएम निधि खर्च करने के लिए अधिकृत किया गया था। इसके बावजूद इन लोगों ने अपने आधिकारिक पद का दुरुपयोग किया और एनआरएचएम निधि से 6.97 करोड़ रुपये का गबन कर लिया। इससे सरकार को भारी नुकसान हुआ।

आरोपितों ने एनआरएचएम निधि की इस राशि को अपने सहयोगियों के बैंक खातों में स्थानांतरित किया और उन खाता धारकों से नकद निकासी करवाकर रुपये ले लिया। इस राशि से अपने सहयोगयों के नाम पर वाहन खरीदा और उसका इस्तेमाल स्वयं किया और अपने कब्जे में रखा। बाद में उसका मालिकाना हक अपनी पत्नी प्रिया सिंह के नाम पर बदलवा दिया।

एनआरएचएम फंड के दुरुपयोग और पीएचसी झरिया सह जोड़ा पोखर, सिविल सर्जन धनबाद व वहां तैनात कर्मचारियों की भूमिका के लिए प्रमोद कुमार सिंह के विरुद्ध एसीबी रांची ने भी 26 अगस्त 2019 को कांड संख्या 15/2019 में प्राथमिकी दर्ज की थी।

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