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गैंगस्टर फहीम खान की हत्या की रची गई थी साजिश, गिरफ्तारी के बाद बिहार के कुख्यात अपराधी ने खोला राज Dhanbad News

फहीम खान काफी दिनों से जमशेदपुर के घाघीडीह जेल में बंद है। महत्वपूर्ण बात है यह है कि ओमप्रकाश उर्फ गुड्डू की गिरफ्तारी की सूचना धनबाद पुलिस को नहीं थी।

By Edited By: Updated: Mon, 16 Mar 2020 12:58 PM (IST)
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गैंगस्टर फहीम खान की हत्या की रची गई थी साजिश, गिरफ्तारी के बाद बिहार के कुख्यात अपराधी ने खोला राज Dhanbad News
धनबाद, जेएनएन। पांच करोड़ के सोना लूटकांड में शामिल कुख्यात अपराधी ओमप्रकाश प्रसाद उर्फ गुड्डू को शेखपुरा पुलिस ने सरायढेला स्थित एक होटल से गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार अपराधी गुड्डू ना केवल बिहार का वांटेड था बल्कि वह बोकारो के चंदनकिरायी में वासुदेव हत्याकांड का भी आरोपित है। पूछताछ के दौरान उसने बिहार पुलिस के पास कई सनसनीखेज खुलासा किया है। उसने बताया है कि वासेपुर के डॉन फहीम खान की पेशी के दौरान हत्या की भी साजिश रची गई थी। 

घाघीडीह जेल में बंद है फहीम खान 

बताते चलें कि फहीम खान काफी दिनों से जमशेदपुर के घाघीडीह जेल में बंद है। महत्वपूर्ण बात है यह है कि ओमप्रकाश उर्फ गुड्डू की गिरफ्तारी की सूचना धनबाद पुलिस को नहीं थी। ना ही शेखपुरा की पुलिस ने गुड्डु की गिरफ्तारी के लिए धनबाद पुलिस से संपर्क किया था। एसएसपी किशोर कौशल ने बताया कि गुड्डू की गिरफ्तारी की सूचना उन्हें बिहार पुलिस ने अब तक नहीं दी है और ना ही थाने को सूचना है। राजीव नगर थाना क्षेत्र में दीघा-आशियाना मुख्य सड़क स्थित पंचवटी ज्वेलर्स से पांच करोड़ रुपये के सोना लूटकांड में शामिल ओमप्रकाश प्रसाद उर्फ गुड्डू मूलरूप से राजगीर का रहने वाला है। लेकिन लंबे समय से वह धनबाद के स्टील गेट नंबर क्षेत्र में रह रहा था। शेखपुरा जिले की पुलिस ने गिरफ्तारी के बाद पटना, आसनसोल और झारखंड पुलिस को सूचना देने की बात बताई है। वहां के एसएसपी उपेंद्र कुमार शर्मा के आदेश पर राजीव नगर थाने की पुलिस गुड्डू से पूछताछ कर रही है।

मुंगेर डीआइजी मनु महाराज को मिली सूचना पर हुई गिरफ्तारी 

दरअसल मुंगेर डीआइजी मनु महाराज को गुप्त सूचना मिली थी कि गुड्डू शेखपुरा इलाके में किसी बड़े व्यवसायी को लूटने की फिराक में है। उसके गुर्गो ने रेकी भी कर ली है। तत्काल उन्होंने शेखपुरा एसपी दयानंद को कार्रवाई करने का निर्देश दिया। शेखपुरा जिला विशेष इकाई के प्रभारी दिलीप कुमार चौधरी के नेतृत्व में विशेष टीम गठित की गई। टीम गुड्डू के पीछे लगी ही थी कि धनबाद के एक होटल के पास उसे देखे जाने की खबर मिली। वहां गुड्डू, रवि पेसेंट, आशीष राय व अन्य तीन अपराधी शराब पी रहे थे। पुलिस ने तत्काल वहां से गुड्डू को दबोच लिया, लेकिन अन्य अपराधी फरार हो गए। गौरतलब है कि रवि पेसेंट उर्फ रवि गुप्ता उर्फ नेताजी ने पंचवटी ज्वेलर्स लूटकांड में साजिश रची थी, जबकि आशीष राय 2006 में पाटलिपुत्र के चर्चित पापिया घोष हत्याकांड का आरोपित है।

दिसंबर में फरार हुए थे रवि और आशीष

पटना सिविल कोर्ट में पेशी के दौरान 18 दिसंबर 2019 को रवि पेसेंट और आशीष राय एक सिपाही की पिटाई कर भाग निकले थे। इस वारदात की रणनीति गुड्डू ने बनाई थी, क्योंकि उसने पश्चिम बंगाल, झारखंड और बिहार के विभिन्न जिलों में लूट की कई घटनाएं करने की साजिश रच डाली थी। दोनों बदमाशों को भगाने के लिए झारखंड से अपराधी भेजे गए थे। रवि और गुड्डू पुराने दोस्त हैं। दोनों की दोस्ती कोलकाता के अलीपुर जेल में पांच साल पहले हुई थी। बेउर जेल से रवि लगातार गुड्डू के संपर्क में था। आसनसोल में लूटा था सोना फरार होने के दो महीने तक रवि और आशीष को गुड्डू ने आसनसोल में छिपाकर रखा। इस साल 19 फरवरी को तीनों ने हथियार के बल वहां के साउथ पुलिस स्टेशन क्षेत्र में एक ज्वेलरी शॉप से पांच करोड़ रुपये का सोना और पांच लाख नकदी लूटी थी। बड़ी बात थी कि इस वारदात को अंजाम देने के दौरान आशीष के हाथ में शराब थी और रवि सिगरेट पी रहा था। वे भोजपुरी में बातें कर रहे थे।

बोकारो और जामताड़ा में की हत्या

आसनसोल में लूट के बाद अपराधी बोकारो के चंदनकियारी थानांतर्गत एक गांव में सफेद स्कॉर्पियो से पहुंचे थे। वहां जेवरात से टैग हटाकर जला रहे थे, तभी कुछ ग्रामीण पहुंच गए। नशे की हालत में अपराधियों ने ताबड़तोड़ फाय¨रग शुरू कर दी, जिसमें एक ग्रामीण वासुदेव की मौत हो गई थी और दो घायल हो गए थे। इसके बाद उन्होंने जामताड़ा में लूट की घटना को अंजाम दिया। उसी का जश्न मनाने के लिए धनबाद के एक होटल में दारू-मुर्गा की पार्टी कर रहे थे। पूछताछ में उसने बताया कि वह जेल में बंद वासेपुर के फहीम को कोर्ट में पेशी के दौरान मारने वाला था।गुड्डू की डायरी से खुले राज गुड्डू के पास से शेखपुरा पुलिस को एक डायरी मिली है। उससे कई राजफाश हुए। पुलिस सूत्रों की मानें तो डायरी में गुड्डू के 15 कांडों का जिक्र है, जिसमें वह जमानत पर है। इसके अलावा 22 वैसे वारदात हैं, जो उन्होंने किए, लेकिन या तो पुलिस को उनके नाम नहीं पता चल पाए अथवा उन मामलों में फर्जी लोगों को जेल भेज दिया गया। सात वारदातों की जानकारी मिली है, जिसमें तीन घटनाएं हो गई हैं और चार होने वाली थीं।

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