Drivers Strike Impact: अस्पताल में कम पहुंचे मरीज, तो ओपीडी से डॉक्टर भी हो गए गायब; चालकों की हड़ताल का कुछ ऐसा पड़ रहा असर
हिट एंड रन कानून को लेकर जारी प्रदर्शन का असल सिर्फ सड़कों ही नहीं अस्पताल में भी देखने को मिल रहा है। हॉस्पिटल और सदर अस्पताल में अन्य दिनों की तुलना में मरीजों की भीड़ कम हो गई है। मरीजों की संख्या कम होने पर इसका फायदा डॉक्टर भी काफी उठा रहे हैं। सदर अस्पताल के ओपीडी में कई विभागों के डॉक्टर 12 बजे ही गायब हो गए।
जागरण संवाददाता, धनबाद। बस और ट्रक ओनर एसोसिएशन की हड़ताल का असर धनबाद में भी देखने को मिल रहा है। सड़कों पर लोगों की आवाजाही कम हो गई। छोटे-छोटे वाहन भी अन्य दिनों की तुलना में कम चल रहे हैं। इसका सीधा असर अब अस्पतालों पर भी देखने को मिल रहा है।
शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल और सदर अस्पताल में अन्य दिनों की तुलना में मरीजों की भीड़ कम हो गई है। मेडिकल कॉलेज में दोपहर 2:00 बजे तक मात्र 600 लोगों का रजिस्ट्रेशन हो पाया है। सामान्य दिनों की तुलना में 1000 रजिस्ट्रेशन हो जाता था।
ग्रामीण इलाकों में रहने वाले मरीज किराए के वहां से यहां पहुंचते थे, लेकिन किराया वहां बंद होने से कम लोग पहुंचे हैं। सबसे ज्यादा पर्ची मेडिसिन विभाग के लिए काटे गए हैं। मेडिकल कॉलेज में सीनियर के अलावा जूनियर डॉक्टर भी ओपीडी में सेवा देते देखे गए। हालांकि अन्य दिनों की तुलना में रजिस्ट्रेशन काउंटर पर ज्यादा भीड़ नहीं रही।
सदर अस्पताल में 12:00 ही डॉक्टर हो गए गायब
मरीजों की संख्या कम होने पर इसका फायदा डॉक्टर भी काफी उठा रहे हैं। सदर अस्पताल के ओपीडी में कई विभागों के डॉक्टर 12:00 ही गायब हो गए। काफी मुश्किल से अस्पताल पहुंचने वाले मरीज डॉक्टर से नहीं मिल पाए। सदर अस्पताल के शिशु रोग विभाग, हड्डी रोग विभाग में डॉक्टर नहीं मिले।
डॉक्टर नहीं मिलने पर कई लोग यहां से मेडिकल कॉलेज के लिए चले गए। वहीं सदर अस्पताल के दवा खाना में भी पर्याप्त दवा नहीं है, यहां पर्ची लेकर आने वाले लोगों को लौटना पड़ रहा है। कई लोगों ने इसकी शिकायत अस्पताल प्रबंधन से की है।
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