कहां जाएं हम, पापी पेट का सवाल है... उपराष्ट्रपति के आगमन पर हटाई गईं फुटपाथ की दुकानें, अब रोजी-रोटी कमाने के लिए नहीं मिल रही जमीन
Jharkhand News कल उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ धनबाद आए थे। इस दौरान नगर निगम ने रणधीर वर्मा चौक से लेकर आइएसम गेट तक स्थाई और अस्थाई दुकानों को हटवा दिया था। दुकानदारों का कहना है कि उनसे कहा गया था कि उपराष्ट्रपति चले जाएंगे तो दुकानें लगा लेना लेकन अब नगर निगम मनमानी कर रहा है। दुकानदार बोले कि अब तो दुकानें यहीं लगेगी चाहे जो भी हो जाए।
जागरण संवाददाता, धनबाद। हमें तो कहा गया था कि उपराष्ट्रपति चले जाएंगे तो सब लोग अपनी-अपनी दुकान लगा सकते हैं, लेकिन अभी हटा दीजिए। हम लोगों ने भी साहबों की बात का भरोसा कर लिया और दुकान स्वेच्छा से हटा लीं। दो दिन तक रोजी-रोटी नहीं चली। अब कहा जा रहा है कि यहां दुकानें नहीं लगेंगी।
यह कहना था पुलिस लाइन के पास फुटपाथ पर दुकान लगाकर रोजी-रोटी कमाने वाले फुटपाथ दुकानदारों का। सोमवार को जब इन्होंने दुकान लगाने का काम शुरू किया तो नगर निगम की इंफोर्समेंट टीम हटाने पहुंच गई। सभी फुटपाथ दुकानदारों ने विरोध जताया और जमकर नारेबाजी की।
इंफोर्समेंट टीम के सदस्य जबरन दुकान हटाने पर अड़ गए। इसके बाद दुकानदार भी आमने-सामने हो गए। फुटपाथ दुकानदारों की संख्या अधिक होने की वजह से इंफोर्समेंट टीम को वापस लौटना पड़ा। हालांकि टीम ने यह जरूर कह दिया कि दुकान नहीं लगेगी।
नगर निगम की टीम ने इस तरह हटवा दी दुकानें
नगरपालिका एक्ट के तहत फुटपाथ पर स्थाई दुकान लगाना अपराध की श्रेणी में है। नियम का पालन कराया जाएगा। इस पर फुटपाथ दुकानदारों ने भी चेतावनी दे दी निगम और जिला प्रशासन ने ही कहा था कि 24 घंटे तक दुकान नहीं लगाएं, उसके बाद लगा सकते हैं।
दुकानदार बोले कि अब तो दुकानें यहीं लगेगी चाहे जो भी हो जाए। पहले उपराष्ट्रपति के नाम पर डराया अब मनमानी कर रहे हैं। दुकानदारों ने तो यहां तक कहा कि निगम कर्मचारी फुटपाथ पर दुकान लगाने के नाम पर पैसे मांग रहे हैं।
अतिक्रमण हटाओ अभियान
विरोध प्रदर्शन के बाद फुटपाथ दुकानदारों का एक प्रतिनिधिमंडल नगर निगम पहुंचा और अधिकारियों से मुलाकात करने का प्रयास किया। हालांकि, मुलाकात नहीं हो सकी।
बता दें कि उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के प्रस्तावित कार्यक्रम को लेकर नगर निगम ने रणधीर वर्मा चौक से लेकर आइएसम गेट तक व्यापक स्तर पर अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाकर स्थाई और अस्थाई दुकानों को हटवा दिया था।
निगम की यह कार्रवाई चर्चा में थी, क्योंकि लंबे समय बाद इस तरह की कार्रवाई की गई। वीआइपी आगमन नहीं होता तो यह कार्रवाई भी नहीं होती। वीआइपी आगमन की वजह से नगर निगम ने आधे शहर की त्वरित साफ सफाई कर दी, जबकि आम दिनों में ऐसा नहीं दिखता है।
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