Fly Ash Export: झारखंड के फ्लाई ऐश से बांग्लादेश की दीवार होगी मजबूत, बोकारो से निर्यात शुरू
टीटीपीएस डीवीसी और बीपीएससीएल (BPSCL) हर साल लगभग 30 लाख टन फ्लाई ऐश का उत्पादन करते हैं। इस फ्लाई ऐश का निस्तारण इन संयंत्रों के लिए बड़ी समस्या है। इसके लिए भारी भरकम राशि सभी संयंत्रों द्वारा खर्च किया जाता है।
By MritunjayEdited By: Updated: Tue, 16 Nov 2021 07:32 AM (IST)
बीके पाण्डेय, बोकारो। कोरोना को अवसर में बदलने का एक मौका भी भारत सरकार छोड़ना नहीं चाहती है। अब बोकरो पावर स्पलाई कंपनी का फ्लाई ऐश बंग्लादेश भेजा जाएगा। जहां इससे सीमेंट का निर्माण होगा। दूसरे शब्दों में कहें तो बोकारो का फ्लाई ऐश से बना सीमेंट बंग्लादेश की दीवार को मजबूत करेगा। इसके लिए पहला रैक बांग्लादेश भेजा जा रहा है। यहां से फ्लाई ऐश को बांग्लादेश के दर्शना इलाके के एक सीमेंट प्लांट में भेजा जा रहा है। रेलवे भी फ्लाई ऐश के निर्यात से जुड़े आर्थिक गतिविधि को बढ़ाने के लिए आगे आया है। हालांकि फ्लाई ऐश बंग्लादेश भेजने को लेकर कई वर्षों से बात चल रही थी। पर यह पहला मौका है जब इसे मूर्त रूप दिया गया है। वहां इससे सीमेंट तथा फ्लाई ऐश का ईट निर्माण होगा।
बढ़ा है देश में भी उपयोगकेन्द्र सरकार द्वारा लाल ईंट के प्रयोग पर पाबंदी के बाद से फ्लाई ऐश के ईंट बनाने वाले उद्योगों की संख्या झारखंड-बिहार में बढ़े हैं। पर अभी भी उत्पादन के मुकाबले खपत न्यूनतम हैं। खास कर झारखंड व पश्चिम बंगाल में सबसे अधिक पावर प्लांट हैं। जहां कोयला का उपायोग होता है और उससे निकलने वाला फ्लाई ऐश पर्यावरण के लिए बड़ा खतरा है।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।