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झारखंड में होने लगी पश्चिम बंगाल टाइप राजनीति, बोकारो में विरोध में फर्श पर बैठे MLA Amar Bauri; मुख्य सचिव ने लगाया फोन

झारखंड के बोकारो में मंगलवार को खूब राजनीतिक ड्रामा हुआ। दलित उपेक्षा का आरोप लगाते हुए उपायुक्त कार्यालय में चंदनकियारी के विधायक अमर कुमार बाउरी फर्श पर ही धरना देने बैठ गए। वेदांता के कोविड अस्पताल के उद्घाटन समारोह में आमंत्रण नहीं मिलने से नाराज थे।

By MritunjayEdited By: Updated: Tue, 08 Jun 2021 07:21 PM (IST)
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बोकारो कलेक्ट्रेट में फर्श पर बैठे झारखंड के पूर्व मंत्री अमर बाउरी ( फोटो जागरण)।

बोकारो, जेएनएन। अब झारखंड में भी पश्चिम बंगाल टाइप राजनीति होने लगी है। यहां के अधिकारी उसी राह पर चलने लगे हैं जैसे पश्चिम बंगाल में चलते हैं। जनप्रतिनिधियों के लिए तय सामान्य प्रोटोकॉल का भी पालन विपक्षी जनप्रतिनिधियों के साथ नहीं कर रहे हैं। इससे तनाव और टकराव बढ़ रहा है। मंगलवार को बोकारो में तो खूब ड्रामा हुआ। इलेक्ट्रोस्टील वेदांता के माध्यम से सेक्टर पांच स्थित पुस्तकालय मैदान में बने अस्थाई कोविड-19 अस्पताल का मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने ऑनलाइन उद्घाटन किया गया। इस समारोह में चंदनकियारी के स्थानीय विधायक अमर बाउरी को आमंत्रण पत्र तक नहीं भेजा गया। जबकि इलेक्ट्रोस्टील वेदांता का प्लांट अमर बाउरी के विधानसभा क्षेत्र चंदनकियारी में ही स्थित है। इससे विधायक खासे नाराज हो गए। अपनी उपेक्षा से आहत अमर बाउरी विरोध में बोकारो कलेक्ट्रेट ( डीसी ऑफिस) के फर्श पर ही बैठ गए। उन्हें मनाने के लिए झारखंड के मुख्य सचिव सुखदेव सिंह को फोन करना पड़ा। 

दलित अपमान का लगाया आरोप 

इलेक्ट्रोस्टील वेदांता के माध्यम से सेक्टर पांच स्थित पुस्तकालय मैदान में बने अस्थाई कोविड अस्पताल का ऑनलाइन उदघाटन राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मंगलवार को किया. उद्घाटन के कार्यक्रम की सूचना नहीं मिलने से नाराज चंदनकियारी विधायक अमर कुमार बाउरी खासे नाराज हो गए। विधायक का दर्द छलका और कहा कि वे दलित हैं, इसलिए कंपनी के साथ-साथ जिला प्रशासन के अधिकारियों ने भी सूचना देना उचित नहीं समझा। मुख्यमंत्री भी एक विधायक हैं। इस प्रकार प्रतिशोध की भावना के साथ सरकार काम करेगी, यह ठीक नहीं है। इस तरह की राजनीति झारखंड में पहले नहीं होती थी। पश्चिम बंगाल में सुनने को मिलती थी। अब झारखंड में भी होने लगी।  इसके बाद विधायक विरोध में कलेक्ट्रेट में धरना पर बैठ गए।

मुख्य सचिव के आश्वासन के बाद धरना से उठे

अमर बाउरी को मनाने और फर्श से उठाने के लिए बेरमो विधायक कुमार जयमंगल, गेामिया विधायक डॉ. लंबोदर महतो सहित जिले के अधिकारी भी पहुंचे लेकिन विधायक नहीं माने। मामला राज्य के मुख्य सचिव तक पहुंच गया। मुख्य सचिव सुखदेव सिंह के आश्वासन के बाद वे धरने पर से उठे। इसके बाद स्थिति सामान्य हुई। अमर बाउरी पूर्ववर्ती भाजपा सरकार में राज्य के राजस्व मंत्री थी। वह झारखंड प्रदेश भाजपा अनुसूचित मोर्चा के अध्यक्ष हैं। झारखंड में भाजपा के दलित चेहरा हैं।

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर साधा निशान

विधायक अमर बाउरी ने सीएम हेमंत सोरेन पर निशाना साधा। कहा कि सीएम दलित व आदिवासी की बात करते हैं। उन्हीं की सरकार में दलित व आदिवासियों के साथ अन्याय हो रहा है। राज्य की हेमंत सोरेन सरकार को कॉरपोरेट घराना चला रही है। आज अस्पताल के उद्घाटन कार्यक्रम में उन्हें नहीं बुलाना इस बात का सबसे बड़ा उदाहरण है। सरकार चल नहीं रही कारपोरेट सरकार को चला रहे हैं। कहा कि यह केवल उनका अपमान नहीं बल्कि संपूर्ण चंदनकियारी व दलित समाज का अपमान है.

कंपनी व विधायक के बीच विवाद

पूर्व की सरकार में विधायक अमर बाउरी से इलेक्ट्रोस्टील कंपनी के अच्छे रिश्ते रहे हैं। हाल के दिनों में कंपनी में स्थानीय लोगों को नियोजित करने तथा क्षेत्रीय विकास की मांग को लेकर विवाद हुआ। विधायक ने कंपनी के विरोध में धरना दिया। दोनों के बाद दूरी और बढ़ गई। अब जबकि कंपनी ने 100 बेड अस्थाई कोरोना केयर सेंटर की स्थापना पुस्तकालय मैदान में कराया। इसका उद्घाटन सीएम ने ऑनलाइन किया है। आमंत्रण नहींं मिलने के बाद विधायक का पारा चढ़ गया।

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