इसे कहते हैं जान हथेली में रख जीना: जमीन से निकल रही गैस, कभी भी हो सकता है विस्फोट, कोलियरी क्षेत्र में ऐसे बीत रही है जिंदगी
धनबाद के कतरास में सिजुआ क्षेत्र के कनकनी कोलियरी अंतर्गत जोगता 11 नंबर बस्ती के लोग वाकई में जान हथेली में लेकर जी रहे हैं। अग्नि प्रभावित इलाके में रह रहे इन लोगों की जिंदगी खतरे से खाली नहीं है। ये भयभीत लोग पुनर्वास व मुआवजा की मांग कर रहे हैं। यहां जमीन से अक्सर गैस निकलने से लोगों को घुटन महसूस होती है।
संवाद सहयोगी, कतरास। सिजुआ क्षेत्र के कनकनी कोलियरी अंतर्गत जोगता 11 नंबर बस्ती के ग्रामीण गोफ (जमीन गड्ढे), दरार तथा अग्नि प्रभावित इलाके में रहने को विवश है। भूधंसान स्थल से लगातार गैस निकलने से आस-पड़ोस के प्रभावित घुटन महसूस कर रहे हैं।
जान हथेली पर रख जी रहे हैं लोग
उनका कहना है कि प्रबंधन शीघ्र मुआवजा व सुरक्षित जगह पर पुनर्वास की व्यवस्था सुनिश्चित कराए। अगर प्रबंधन द्वारा पहल नहीं किया गया तो कभी बड़ी घटना घट सकती है। जोगता 11 नंबर बस्ती में गोफ को ओबी से भरवा दिया गया है, लेकिन उससे निकलने वाली गैस से काफी बदबू निकलता है।
यही कारण है कि सबसे अधिक प्रभावित नंदलाल भुइयां व दुर्गा दुर्गा भुइयां को बस्ती के नीचे धौड़ा स्थित बीसीसीएल क्वाॅर्टर में शिफ्ट कराया गया। जबकि अन्य करीब 10 परिवार प्रभावित हैं। यहां हमेशा किसी अनहोनी की आशंका बनी रहती है।
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कई दफा हो चुके हैं हादसे
मालूम हो कि 14 अगस्त की देर रात श्याम बहादुर भुइयां अपने दो पुत्रों क्रमशः अरूण कुमार व तरुण कुमार के साथ गोफ में समा गए थे। लेकिन उसके बड़े भाई राम बहादुर व बिनोद भुइयां व धनपत भुइयां ने तीनों को गोफ से निकाल लिया था।
वहीं आठ अक्टूबर को भूधंसान में तीन घर जमींदोज हो गया था जिसमें जयकुमार मिश्रा, नंदलाल भुइयां, दुर्गा भुइयां का घर गोफ में समां गया था। इन लोगों के घर का समान मलवा में दब गया था।
जोगता 11 नंबर बस्ती में गोफ की भराई के बाद रात-दिन बदबूदार गैस का रिसाव हो रहा है। जिससे काफी परेशानी हो रही है। प्रबंधन को शीघ्र पुनर्वास की व्यवस्था करनी चाहिए- चिंता देवी, प्रभावित, जोगता 11 नंबर बस्ती।
हमलोग पूरी तरह से असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। कनकनी कोलियरी प्रबंधन को लगातार जानकारी दी गई लेकिन सुध नहीं ले रहे हैं। हमलोगों को दूसरे जगह शिफ्ट कराए ताकि जानमाल बच सके- शंकर भुइयां, प्रभावित,जोगता 11 नंबर बस्ती।
गोफ हमारे यहां बनना कोई नई बात नहीं है। प्रबंधन और जिला प्रशासन को इस विषय पर तत्परता दिखाने की जरूरत है ताकि सुरक्षित स्थान पर पुनर्वास की व्यवस्था हो सके- देववंती देवी, प्रभावित, जोगता 11 नंबर बस्ती।