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आतंक के बल पर गैंग्स ऑफ वासेपुर ने बनाई अकूत संपत्ति, अब देना होगा हिसाब

गैंग्स के सदस्यों ने गोविंदपुर-साहिबगंज हाइवे के किनारे बड़े पैमाने पर जमीन की खरीद की है। गोविंदपुर से बरियो मोड़ तक काफी जमीन का कारोबार हुआ है।

By mritunjayEdited By: Updated: Mon, 29 Oct 2018 02:52 PM (IST)
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आतंक के बल पर गैंग्स ऑफ वासेपुर ने बनाई अकूत संपत्ति, अब देना होगा हिसाब
 धनबाद, जेएनएन।गैंग्स ऑफ वासेपुर ने आतंक के बल पर अकूत चल-संपत्ति बनाई है। यह संपत्ति सिर्फ धनबाद के वासेपुर के आस-पास ही नहीं है। गैंग्स के सदस्य आतंक के बल पर अवैध कमाई कर झारखंड के विभिन्न शहरों में निवेश कर रहे हैं। बांग्लादेश से झारखंड का नजदीकी जिला साहिबगंज में भी गैंग्स की तरफ से चल-अचल संपत्ति खड़ी की जा रही है। इसे गंभीरता से लेते हुए सीआइडी ने साहिबगंज पुलिस से जांच कर रिपोर्ट मांगी है। इसके बाद पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। पुलिस से प्राप्त रिपोर्ट को झारखंड सरकार प्रवर्तन निदेशालय भेजेगी। इसके बाद प्रवर्तन निदेशालय आय से अधिक अर्जित चल-अचल संपत्ति जब्त करेगा। 

गैंगस्टर फहीम खान जमेशदपुर के घाघीडीह जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहा है। खान के धनबाद से बहुत दूर घाघीडीह जेल में रहने के बाद भी उसके कुनबे के सदस्यों ने रंगदारी और हत्या का धंधा संभाल रखा है। आरोप है कि सब अातंक के बल पर अकूत संपत्ति अर्जित कर रहे हैं। हालांकि हाल ही में धनबाद जिला प्रशासन ने गैंग्स ऑफ वासेपुर के आधा दर्जन सदस्यों को राज्य के दूसरे जेलों में शिफ्ट कर दिया है। 

सीआइडी के निर्देश पर हो रही जांचः साहिबंगज में गैंग्स ऑफ वासेपुर की सक्रियता ने झारखंड सरकार की नींद उड़ा दी है। चूंकि साहिबगंज झारखंड का बांग्लादेश से नजदीक जिला है। राष्ट्रविरोधी शक्तियां अपनी गतिविधियों को संचालित करने के लिए साहिबंगज से होकर गुजरती हैं। इस कारण यहां हर संदिग्ध गतिविधि पर सरकार की विशेष नजर रहती है। इसे देखते हुए सीआइडी ने पुलिस से जांच कर गैंग्स ऑफ वासेपुर के सदस्यों द्वारा अर्जित की गई संपत्ति का ब्योरा मांगा है। साहिबगंज पुलिस को निर्देश दिया गया है कि फहीम और उसके कुनबे द्वारा अवैध रूप से अर्जित की गई संपत्ति की रिपोर्ट तैयार कर प्रवर्तन निदेशालय को भेजे।

गोविंदपुर-साहिबगंज हाइवे किनारे जमीन में निवेशः  गैंग्स के सदस्यों ने गोविंदपुर-साहिबगंज हाइवे के किनारे बड़े पैमाने पर जमीन की खरीद की है। गोविंदपुर से बरियो मोड़ तक काफी जमीन का कारोबार हुआ है। चार साल पहले से फहीम खान, उसके पार्टनर और उसके विरोधी भांजों का काम सहिबगंज में बेधड़क चल रहा है। नई बसी केवीएन कॉलोनी से एक किलोमीटर अंदर तक की बस्ती की जमीन की खरीद-बिक्री में गैंग्स की भूमिका रहती है। सीआईडी के इनपुट के आधार पर पुलिस फहीम खान के अलावा उसके बेटे इकबाल खान, भांजा प्रिंस व शार्गिद राजेश चौहान की भी संपत्ति की पड़ताल की जा रही है। 

फहीम के साथ ही अन्य भी सीआइडी के रडार परः  सीआइडी के निर्देश पर जिनकी जांच हो रही है या होनी है उनमें गैंग्स ऑफ वासेपुर के फहीम खान, फहीम खान, इकबाल खान और प्रिंस खान के अलावा डेढ़ दर्जन नाम हैं। इनमें धनबाद के सूरज सिंह उर्फ विवेक गैंग का राजेश चौहान, बोकारो के राजेश सिंह, आदित्य सिंह उर्फ बिट्टू सिंह, रिषभ सिंह उर्फ सन्नी सिंह, रामगढ़ के अमन श्रीवास्तव, अमन साव, रियाज अंसारी, विकास तिवारी, रांची के लखन सिंह उर्फ विकास सिंह, लवकुश शर्मा उर्फ अभिषेक प्रियदर्शी, चंदन मिर्धा, पलामू के डब्लू सिंह उर्फ गौतम सिंह, सुजीत सिन्हा, हरि तिवारी शामिल हैं। 

सीआईडी से इनपुट प्राप्त हुई है। पुलिस गैंग्स ऑफ वासेपुर से जुड़े सदस्यों की संपत्ति की जांच कर रही है। अवैध रूप से अर्जित संपत्ति का ब्योरा तैयार किया जा रहा है। डाटा तैयार कर कार्रवाई के लिए ईडी को भेजा जाएगा।

एचपी जनार्दन, एसपी, साहिबगंज। 

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