समलैंगिक जोड़े का प्यार चढ़ा परवान, घरवालों से परेशान होकर बिहार से पहुंचे धनबाद, पुलिस के सामने किया सरेंडर
बिहार के नालंदा से एक समलैंगिक जोड़ा धनबाद पहुंचकर महिला थाने में सरेंडर किया। दोनों का कहना है कि ये दोस्त हैं और अब साथ में रहना चाहते हैं लेकिन घरवाले नहीं मान रहे हैं इसलिए मजबूरी में उन्हें यह कदम उठाना पड़ा है।
जासं, धनबाद। वेलेंटाइन वीक चल रहा है। प्रेमी जोड़े एक-दूसरे से अपने प्यार का इजहार करने में लगे हुए हैं। समलैंगिक जोड़ों का भी प्रेम इन दिनों परवान चढ़ा हुआ है। एक ऐसा ही एक मामला धनबाद के महिला थाना पहुंचा, जिसमें बिहार के नालंदा जिले के अस्थावन थाना क्षेत्र का रहने वाला एक समलैंगिक प्रेमी जोड़ा मंगलवार को भाग कर धनबाद पहुंचा। यहां आकर दोनों ने महिला थाना में सरेंडर किया। महिला थाना की पुलिस ने बिहार में नालंदा के अस्थावन थाना को इसकी जानकारी दी। वहां से अब पुलिस इन्हें लेने आ रही है।
घरवालों ने रिश्ते को नहीं दी रजामंदी
महिला थाना प्रभारी कुमारी विशाखा ने बताया कि इसमें से एक के परिवार वालों ने दूसरे पर मामला दर्ज किया है। महिला पुलिस इनको संबंधित थाना के हवाले कर देगी। समलैंगिक जोड़ों ने पुलिस को बताया कि दोनों बचपन से एक-दूसरे के गहरे दोस्त हैं। दोनों ने कई बार एक-दूसरे के साथ रहने की इच्छा जताई, लेकिन घर वाले तैयार नहीं हुए। मजबूरन दोनों को यह कदम उठाना पड़ा।
समलैंगिक रिश्ते पर बना कानून
हालांकि, कानूनन दृष्टि से समलैंगिकता को अब गलत नहीं ठहराया जा सकता। 6 सितंबर 2018 को सुप्रीम कोर्ट ने अपना ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए कहा था कि आपसी सहमति से बने समलैंगिक रिश्ते को अपराध करार देना असंवैधानिक है। इसी के साथ भारतीय दंड संहिता (आइपीसी) की धारा 377 के उस प्रावधान को भी हटा दिया गया जिसके तहत समलैंगिक संबंंध की इजाजत नहीं थी।
ब्रिटिश काल में समलैंगिकता को माना गया अपराध
देश में अंग्रेजी शासन के दौरान साल 1861 में समलैंगिकता को अप्राकृतिक करार देते हुए अपराध घोषित किया गया था। आखिरकार देश की आजादी के लगभग 70 साल बाद इस कानून को निरस्त किया गया और समलैंगिक रिश्तों को भी वैध करार दिया गया, जिसका इस वर्ग के लोगों ने दिल खोलकर स्वागत किया।
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