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Giridih Naxalite News: नक्सल विरोधी अभियान में मारे गए मोतीलाल के केस में उलझी पुलिस, बदली व्यवस्था में मुठभेड़ को फर्जी साबित करने की चुनाैती

Giridih Naxalite News आरोप है कि पुलिस ने फर्जी मुठभेड़ में निर्दोष आदिवासी मोतीलाल को मार गिराया था। अब जब मामले की जांच शुरू हुई तो सभी जवानों को इसका सामना करना पड़ रहा है।

By MritunjayEdited By: Updated: Mon, 24 Aug 2020 09:47 AM (IST)
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Giridih Naxalite News: नक्सल विरोधी अभियान में मारे गए मोतीलाल के केस में उलझी पुलिस, बदली व्यवस्था में मुठभेड़ को फर्जी साबित करने की चुनाैती
गिरिडीह [ दिलीप सिन्हा ]। Giridih Naxalite News अहिंसा की नगरी मधुबन में 10 जून 2017 को पहुंचे सीआरपीएफ कैंप के तत्कालीन डीजीपी डीके पांडेय उत्साह से लबरेज थे। वे एक दिन पहले स्थानीय पुलिस और सीआरपीएफ के जवानों के द्वारा ढोलकट्टा के समीप मार गिराए गए मोतीलाल बास्के को माओवादी कहते हुए अन्य नक्सलियों का भी यही हश्र होने की बात कही थी। इस दौरान डीजीपी ने इस ऑपरेशन में शामिल जवानों की न सिर्फ हौसला आफजाई की थी बल्कि उन्हें पारितोषिक के तौर पर एक लाख रुपये देते हुए बाद में 15 लाख रुपये दिलाने का वादा किया था। अब जब प्रदेश में हेमंत सोरेन की नई सरकार बनी उसके बाद से यह मुठभेड़ गिरिडीह पुलिस के लिए गले की फांस बनी हुई है। दरअसल, आरोप है कि पुलिस ने फर्जी मुठभेड़ में निर्दोष आदिवासी को मार गिराया था। अब जब मामले की जांच शुरू हुई तो सभी जवानों को इसका सामना करना पड़ रहा है।

घटना के बाद ढोलकट्टा पहुंचे थे शिबू-हेमंत

झारखंड पुलिस की इस सफलता की तत्कालीन विपक्ष की भूमिका निभा रहे हेमंत सोरेन व शिबू सोरेन ने कुछ ही दिन बाद यह कहकर हवा निकाल दी थी कि पुलिस ने फर्जी मुठभेड़ में निर्दोष आदिवासी को मार डाला। मारे गए मोतीलाल वहां दुकान चलाता था तथा डोली मजदूर था। यही नहीं इसके ठीक कुछ दिन बाद यानी  21 जून 2017 को  शिबू-हेमंत ढोलकट्टा जा पहुंचे तथा मृतक की पत्नी से मिलकर न्यायिक जांच की बात कही थी। आज के भाजपा विधायक बाबूलाल मरांडी भी उन दिनों ढोलकट्टा पहुंचकर मृतक के परिजनों से मिले थे। साथ ही मुठभेड़ को फर्जी करार दिया था।


सीएम ने लिया संज्ञान तो शुरू हो गई जांच

हेमंत सोरेन मुख्यमंत्री बनते ही मोतीलाल बास्के की मौत मामले की जांच शुरू करा दी। हालांकि, इस मामले में स्थानीय विधायक सुदिव्य कुमार सोनू ने भी उनके किए वादे का याद दिलाया। इसके बाद सीएम ने डीजीपी को बुलाकर इस मामले को संज्ञान में लेने कहा था। बाद में उत्तरी छोटानागपुर के डीआइजी अमोल वेणुकांत होमकर ने मामले की जांच शुरू करते हुए मोतीलाल बास्के की पत्नी पार्वती देवी का बयान दर्ज किया था।

मजबूत है पुलिस का दावा

मोतीलाल को माओवादी बताने के लिए पुलिस ने पर्याप्त साक्ष्य जुटाए हैं। इसके लिए एसएलआर की फोरेंसिक जांच कराई जा चुकी है। सरेंडर करने वाले इनामी माओवादी बाबूचंद मरांडी और सूरज ने गिरिडीह की अदालत में बयान दिया है कि मुठभेड़ हुई थी जिसमें मोतीलाल समेत चार लोगों को गोली लगी थी। जिससे मोतीलाल समेत दो की मौत हुई थी। एक कैडर का शव लेकर माओवादी भाग निकले थे।

अजय महतो के दस्ते के साथ हुई थी मुठभेड़

पारसनाथ पहाड़ पर अजय महतो के दस्ते की ठहरने की सूचना के बाद पुलिस के साथ मुठभेड़ हुई थी। पुलिस का दावा है कि माओवादी मोतीलाल बास्के को मार गिराया गया था। उसके शव के पास से  हथियार व गोली बरामद हुई थी।

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