छठ में इस बार हाजीपुर से नहीं आया केला, अस्ट्रेलिया की नाशपाती पहुंची धनबाद के बाजार में
इस बार धनबाद में हाजीपुर का केला और भारतीय नाशपाती नहीं मिलेगी बल्कि छठ पूजा में डालिया की शोभा आंध्र प्रदेश व बंगाल के केला तथा आस्ट्रेलिया की नाशपाती से बढ़ेगी। इसके अलावा अन्य फल जो बाजार में उपलब्ध हैं उनकी कीमत भी बढ़ी हुई है।
By Deepak Kumar PandeyEdited By: Updated: Tue, 17 Nov 2020 04:52 PM (IST)
जेएनएन, धनबाद: छठ पूजा का पर्व बुधवार से शुरू हो रहा है। इस पर्व पर फलों की बहुत मांग होती है। ऐसे में धनबाद कृषि बाजार मंडी में देश भर से फलों के ट्रक आने शुरू हो गए हैं। इस बार धनबाद में हाजीपुर का केला और भारतीय नाशपाती नहीं मिलेगी, बल्कि छठ पूजा में डालिया की शोभा आंध्र प्रदेश व बंगाल के केला तथा आस्ट्रेलिया की नाशपाती से बढ़ेगी। इसके अलावा अन्य फल जो बाजार में उपलब्ध हैं, उनकी कीमत भी बढ़ी हुई है।
पिछले साल के मुकाबले 10 फीसद की बढ़ोतरी फलों में देखने को मिल रही है। फलों की खरीदारी के लिए कृषि बाजार पूरी तरह से तैयार हो चुका है। फल कारोबारी बलदेव राज अरोड़ा ने बताया कि फलों की स्थिति इस बार ठीक नहीं है। थोक में ही सभी फल महंगे आ रहे हैं। नाशपाती अगर भारत या चीन से आती तो थोड़ी सस्ती होती, लेकिन इस बार यह आस्ट्रेलिया से आ रही है।कृषि बाजार प्रांगण में फलों का भाव:
नारियल - 20 से 25 रुपये प्रति पीस,केला - 150 से 350 रुपये प्रति घवद,
सेव की छोटी पेटी - 260 से 500 रुपयेसेव की बड़ी पेटी - 600 से 1000 रुपयेअनार की पेटी - 600 से 800 रुपयेसंतरा की पेटी - 500 से 800 रूपयेबड़ा नींबू का बोरा - 350 से 400 रुपयेअनारस - 40 से 50 रुपये प्रति पीसमौसमी - 60 रुपये प्रति किलोनाशपाती - 600 से 800 रुपये प्रति पेटी
मालटा - 500 से 700 रुपये प्रति पेटीसूप-डालिया भी महंगा: छठ महापर्व में बांस और धातु से बना सूप और डालिया का भी बहुत महत्व है। आम तौर पर व्रती बांस से बने सूप और डालिया का उपयोग पूजा के लिए करते हैं। इस बार इनकी दरों में काफी बढ़त देखने को मिल रही है। सूप 100 से 120 रुपये जोड़ा बिक रहा है। वहीं छोटी डालिया 120 रुपये और बड़ी 180 से 200 रुपये प्रति पीस बिक रही है।
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