Dhanbad: कोविड ड्यूटी में मिलनी थी प्रोत्साहन राशि, मानदेय के भी पड़े लाले
झारखंड गृह रक्षा वाहिनी के जवान हमेशा संकट में रहते है। इनका सबसे बड़ा सकंट समय पर पैसे नहीं मिलना होता है। ऐसे ही एक संकट यह कोरोना काल में किए हुए ड्यूटी के दौरान अभी तक झेल रहे है।
By Atul SinghEdited By: Updated: Fri, 01 Oct 2021 10:19 AM (IST)
जासं,धनबाद: झारखंड गृह रक्षा वाहिनी के जवान हमेशा संकट में रहते है। इनका सबसे बड़ा सकंट समय पर पैसे नहीं मिलना होता है। ऐसे ही एक संकट यह कोरोना काल में किए हुए ड्यूटी के दौरान अभी तक झेल रहे है। कोविड ड्यूटी के लिए जवानों को प्रोत्साहन राशि मिलने की बात हुई थी मगर विभागीय अव्यवस्था के कारण स्थिति यह है कि उनके मानदेय पर भी आफत आ गया है। कोरोना संकट को देखते हुए जिला प्रशासन की ओर से धनबाद होमगार्ड के 100 जवानों की ड्यूटी लगायी गयी थी।इनमें कुछ जवान जिला पुलिस, कुछ ट्रैफिक पुलिस तो कुछ जवान स्वास्थय कर्मियों के साथ ड्यूटी कर रहे थे। इनके लिए जवानों को विभाग द्वारा प्रतिनियुक्ति पत्र नहीं दिए गये थे। जिसके कारण कोरोना काल में ड्यूटी के दौरान इनका दो माह का वेतन लटका दिया गया है।अब होमगार्ड जवान वेतन के लिए गुहार लगा रहे है।
जून - जूलाई का वेतन लटका: जून व जूलाई माह का वेतन इनका लटका दिया गया है। झारखंड गृह रक्षा वाहिनी को जितने दिन काम करते है उतने दिन का ही पैसा मिलता है। प्रतिनियुक्ति पत्र नहीं मिलने से इनका वेतन भी नहीं मिला। मुख्यालय से जवानों को जहां और जितने समय के लिए प्रतिनियुक्त किया जाता है वहां का संस्थान उन्हें उतनी अवधि के लिए भुगतान करता है। होमगार्ड जवान बताते है कि जब कोरोना काल में उनकी ड्यूटी लगी थी तो 15 दिनों में प्रतिनियुक्ति पत्र मिलना था मगर दो माह के बाद भी उन्हें पत्र नहीं मिला जिसके कारण उनकी ड्यूटी के पैसे लटक गये।
नहीं हो पायी नए जवानों की ज्वाइनिंग: धनबाद में 723 पदों के लिए निकली होमगार्ड जवानों की न तो ट्रेनिंग हो पायी और न ही उन्हें ज्वाइनिंग मिल पायी। इसके लिए सभी नव नियुक्त जवानों ने कई बार आंदोलन किए मगर कुछ नहीं हो सका। वहीं देवघर, जामताड़ा , साहिबगंज , दुमका के जवानों को ड्यूटी दे दी गयी है।
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