झारखंड में स्वास्थ्य कर्मी प्रोत्साहन सम्मान योजना की हुई शुरुआत, लक्ष्य हासिल करने पर मिलेगा पुरस्कार
झारखंड में राज्य सरकार की ओर से स्वास्थ्य कर्मी प्रोत्साहन सम्मान योजना की शुरुआत की गई है। इसके तहत स्वास्थ्य कर्मियों में प्रतियोगिता का स्तर बढ़ाया जाएगा ताकि उनमें अधिक बेहतर काम करने की अच्छा जगे और मरीजों को इसका लाभ मिले।
By Jagran NewsEdited By: Arijita SenUpdated: Wed, 15 Feb 2023 09:39 AM (IST)
जागरण संवाददाता, धनबाद। कॉर्पोरेट कल्चर की तरह अब स्वास्थ्य विभाग में भी कामकाज का तरीका अपनाने की कोशिश शुरू कर दी गई है। कर्मचारियों में प्रतियोगिता का स्तर बढ़ाने को लेकर राज्य सरकार ने झारखंड 'स्वास्थ्य कर्मी प्रोत्साहन सम्मान योजना' की शुरुआत की है। योजना के तहत झारखंड सरकार स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत सरकारी और अनुबंध कर्मचारियों को राज्य, जिला और प्रखंड स्तर पर सम्मानित करेगी। इसमें वैसे कर्मचारियों को सम्मानित किया जाएगा, जिन्होंने अपना व्यक्तिगत कार्य 60 प्रतिशत से अधिक किया है। विभाग के अपर मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह ने इस संबंध में निर्देश जारी किया है।
योजना के तहत स्वीकृत करोड़ों की राशि
वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए झारखंड स्वास्थ्य कर्मी प्रोत्साहन सम्मान योजना के तहत 5.36 करोड़ की स्वीकृति प्रदान की गई है। धनबाद सहित सभी जिलों को इसके लिए सूचित किया गया है। बता दें कि स्वास्थ्य विभाग में लगभग 110 से ज्यादा विभिन्न योजनाएं संचालित हैं। कई योजनाएं मात्र 20 प्रतिशत ही लक्ष्य को प्राप्त कर पाती हैं।
हर स्तर के लिए उपलब्धि के पैमाने तय
राज्य सरकार स्वास्थ्य विभाग के अंतर्गत कार्य कर रहे स्वास्थ्य कर्मचारियों को राज्य स्तर, जिला स्तर और प्रखंड स्तर पर सम्मानित करेगी। इसके लिए राज्य स्तर पर 80, जिला स्तर पर 70 और प्रखंड स्तर पर 60 प्रतिशत से ज्यादा उपलब्धि हासिल करने वाले कर्मचारियों को प्रोत्साहन योजना का लाभ मिलेगा।व्यक्तिगत के साथ उत्कृष्ट कर्मियों की टीम को भी इस प्रतिस्पर्धा में शामिल किया गया है। इसके लिए राज्य के जिलों को ए, बी, सी श्रेणी में बांटा गया है। ए श्रेणी में 12 प्रखंड या उससे अधिक, बी श्रेणी में 8 प्रखंड और 12 से कम सी श्रेणी में शामिल किए जाएंगे। इसमें प्रथम, द्वितीय, तृतीय के अलावा सांत्वना पुरस्कार शामिल है।
काम न करने वालों को सजा भी मिलेगी
स्वास्थ्य विभाग के अंतर्गत झारखंड में 30,000 से ज्यादा सरकारी, अनुबंध और आउटसोर्सिंग कर्मचारी कार्यरत हैं। योजना के पीछे सरकार का उद्देश्य है कि कर्मचारियों के बीच प्रतिस्पर्धा को बढ़ाया जाए। इससे काम और सरकार का लक्ष्य समय पर प्राप्त होगा। आम लोगों को अधिक से अधिक चिकित्सकीय सुविधाएं मिल पाएंगी। बेहतर काम करने वाले कर्मचारी जहां पुरस्कृत होंगे, वही निष्क्रिय की पहचान होगी। ऐसे लोगों पर कार्रवाई की जाएगी।राज्य से लेकर जिला स्तरीय अलग-अलग चयन समिति
योजना के तहत राज्य स्तरीय समिति में अध्यक्ष अभियान निदेशक होंगे। इसके अलावा अपर अभियान निदेशक समेत अन्य पदाधिकारी भी शामिल होंगे। जिला और प्रखंड स्तरीय समिति में अध्यक्ष उपायुक्त होंगे। उप विकास आयुक्त सिविल सर्जन अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी विभिन्न कार्यक्रम के नोडल पदाधिकारी शामिल होंगे।यह भी पढ़ें- धनबाद में बन रहे बेहद सस्ते फ्लैट्स, लोन का इतंजाम कराने का जिम्मा नगर निगम के कंधे, 2024 में गृह प्रवेश
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