मल्लिकार्जुन बने कांग्रेस अध्यक्ष तो इंटक विवाद सलटने के आसार, सोनिया गांधी ने उन्हें ही सौंपा है जिम्मा
कांग्रेस के नए अध्यक्ष के लिए वोटिंग हो चुकी है। झारखंड में 95 फीसद वोटिंग हुई जिसमें पार्टी के राज्यसभा सदस्य मल्ल्किार्जुन खड़गे का पलड़ा भारी नजर आ रहा है। सिर्फ यहां के कांग्रेसियों की ही नहीं बल्कि इंटक नेताओं की उम्मीदें भी मल्लिकार्जुन खड़गे पर टिकी हैं।
By Jagran NewsEdited By: Deepak Kumar PandeyUpdated: Tue, 18 Oct 2022 09:51 AM (IST)
जागरण संवाददाता, धनबाद: कांग्रेस के नए अध्यक्ष के लिए वोटिंग हो चुकी है। झारखंड में 95 फीसद वोटिंग हुई, जिसमें पार्टी के वरिष्ठ नेता सह राज्यसभा सदस्य मल्ल्किार्जुन खड़गे का पलड़ा भारी नजर आ रहा है। सिर्फ यहां के कांग्रेसियों की ही नहीं, बल्कि इंटक नेताओं की उम्मीदें भी मल्लिकार्जुन खड़गे पर टिकी हैं।
कांग्रेस की श्रमिक शाखा इंडियन नेशनल ट्रेड यूनियन कांग्रेस (इंटक) में लंबे समय से विवाद चल रहा है। इस विवाद को सलटाने की जिम्मेवारी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पार्टी के राज्यसभा सदस्य मल्लिकार्जुन खड़के व दिग्विजय सिंह को जिम्मेवारी दी गई है। इस मुद्दे को लेकर अबतक तीन बार बैठकें भी हो चुकी हैं। अब मल्लिकार्जुन खड़गे स्वयं कांग्रेस अध्यक्ष पद के दावेदार हैं। उनकी जीत भी तय मानी जा रही है। ऐसे में इंटक के वरीय नेता डाॅक्टर संजीवा रेड्डी व चंद्रशेखर दुबे उर्फ ददई दुबे के साथ नवंबर के दूसरे सप्ताह में दिल्ली में कांग्रेस के इन दोनों वरिष्ठ नेताओं की बैठक बुलाई जा सकती है। दिग्विजय सिंह ने पहले भी इसके संकेत दिए थे। इससे पहले मल्लिकार्जुन खड़गे व दिग्विजय सिंह की उपस्थिति में दोनों पक्षों के विवाद को सुना गया, लेकिन नतीजा अब तक कुछ नहीं निकल सका है। संभावना जताई जा रहा है कि खड़गे के अध्यक्ष बनते ही इस पर फैसला सुनाया जाएगा। हालांकि कांग्रेस का नया अध्यक्ष कौन बनता है, यह कल पता चल जाएगा।
कोर्ट से भी इंटक को नहीं मिली किसी तरह की राहत
इंटक में दोनों गुटों को एक मंच पर कैसे लाया जाए, इसको लेकर रणनीति तैयार कर विवाद को हल करने पर मंथन किया जा रहा है, ताकि कांग्रेस को भी मजबूती मिले। करीब 16 साल से दोनों गुटों में विवाद है। ददई गुट के महासचिव एनजी अरुण ने कहा कि सभी को सम्मान मिलेगा तो विवाद का निपटारा करने में कोई परेशानी नहीं होगी। वहीं डाॅक्टर संजीवा रेड्डी का कहना है कि बैठक हुई है, जल्द ही समस्या हल हो जाएगी। एक माह में ही इस विवाद को सलटाने का निर्देश सोनिया गांधी ने दिया था।
इधर, संगठन सूत्र बताते हैं कि ददई गुट डाॅक्टर संजीवा रेड्डी को अध्यक्ष मानने को तैयार नहीं है। ऐसे में कांग्रेस नेतृत्व डाॅक्टर संजीवा रेड्डी की उम्र को देखते हुए उनके विकल्प को रूप में किसी अन्य को इंटक को कार्यभार सौंपने पर भी मंथन कर रहा है। करीब 30 साल से रेड्डी इंटक की मुख्यधारा से जुड़े है।
इधर, पूरे मामले को लेकर इंडियन नेशनल माइन वर्कर फेडरेशन के महासचिव एसक्यू जामा ने कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी से मिलकर कोल इंडिया में फिर से प्रतिनिधित्व देने की मांग रखी है। बताया जाता है कि मंत्री ने यूनियन पदाधिकारियों से दिल्ली आकर वार्ता करने को कहा है।
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