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झारखंड में टीचरों पर गिरी गाज, हर हफ्ते नहीं लीं इतनी कक्षाएं तो कट जाएंगे पैसे, छुट्टियों में भी करना होगा काम

बिनोद बिहारी महतो कोयलांचल विश्वविद्यालय में आवश्यकता आधारित शिक्षकों की नियुक्ति को लेकर आनलाइन आवेदन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। कुछ आवश्‍यक दिशा-निर्देश भी जारी किए गए हैं। इसके तहत अब हर हफ्ते 16 कक्षाएं लेनी जरूरी होगी। कम कक्षा लेने पर वेतन में से पैसे काट लिए जाएंगे। इतना ही अब छुट्टियों में भी कुछ न कुछ काम करना होगा।

By Jagran News Edited By: Arijita Sen Updated: Mon, 04 Mar 2024 04:23 PM (IST)
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हर हफ्ते लेनी होगी 16 कक्षाएं, नहीं तो कटेंगे पैसे।
जागरण संवाददाता, धनबाद। बिनोद बिहारी महतो कोयलांचल विश्वविद्यालय में आवश्यकता आधारित शिक्षकों की नियुक्ति को लेकर ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। 27 विभागों में 130 शिक्षक नियुक्त होंगे। उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग ने शिक्षकों की नियुक्ति को लेकर आवश्यक दिशा-निर्देश जारी कर दिया है।

हर हफ्ते लेनी होंगी 16 कक्षाएं

विश्वविद्यालय के पीजी विभाग व अंगीभूत काॅलेजों में पीजी व स्नातक की कक्षा लेने वाले आवश्यकता आधारित शिक्षकों को यूजीसी से निर्धारित अंगीभूत कालेज के सहायक प्राध्यापक के मूल वेतन के समतुल्य प्रति माह 57,700 का भुगतान होगा। ऐसे शिक्षकों के लिए प्रत्येक सप्ताह औसतन 16 कक्षाएं अनिवार्य होगी।

कम कक्षा लेने पर काट लिए जाएंगे पैसे

उन्हें प्रति सप्ताह के अनुसार 16 कक्षाओं का आवंटन प्राचार्य की जिम्मेवारी होगी। कालेज की कक्षा रूटीन इसी अनुसार बनायी जाएगी। यदि आवंटित कक्षा से कम कक्षा लेते हैं तो उनकी ली गई कुल कक्षा के अनुपात में मासिक मानदेय राशि से प्रत्येक कक्षा 900 रुपये की कटौती की जाएगी।

ग्रीष्म अवकाश व अन्य छुट्टियों में करना होगा गैर शैक्षणिक काम

ग्रीष्म अवकाश व अन्य छुट्टियों में नियमित कक्षाएं स्थगित रहती हैं। उस अवधि में आवश्यकता आधारित शिक्षकों को गैर शैक्षणिक काम करना होगा और उसी के अनुसार मानदेय भुगतान होगा। प्राचार्य सुनिश्चित करेंगे कि अवकाश के दौरान भी प्राध्यापकों से प्रति सप्ताह 16 कक्षाओं के लिए गैर शैक्षणिक काम लिया जाए।

प्राचार्य कर सकेंगे कार्रवाई की अनुशंसा

सहायक प्राध्यापकों को प्रति माह मानदेय भुगतान से संबंधित विपत्र संबंधित कालेज के प्राचार्य को समर्पित करना होगा। प्राचार्य विपत्रों पर हस्ताक्षर के लिए प्राधिकृत होंगे। शिक्षकों से उत्तरदायित्व का पालन कराना भी प्राचार्य की ही जिम्मेदारी होगी।

उन्हें इसका भी ख्याल रखना होगा ऐसे शिक्षकों को भी संस्थान में नियमित शिक्षकों जैसा सम्मान मिले। साथ ही प्राचार्य सहायक प्राध्यापकों के शैक्षणिक कार्य न करने पर कार्रवाई भी कर सकेंगे। कार्य संतोषजनक न होने पर विश्वविद्यालय को कार्रवाई की अनुशंसा करेंगे।

अगर प्राचार्य ऐसी अनुशंसा करते हैं तो विश्वविद्यालय कुलसचिव की अध्यक्षता में समिति गठित कर जांच के बाद कार्रवाई करेगी। जांच में आरोप सही पाए जाने पर शिक्षक की सेवा समाप्त की जा सकती है जिसका अंतिम निर्णय कुलपति लेंगे।

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