अगर मकान बेचने का है प्लान... तो कर लीजिए थोड़ा इंजतार, वरना झेलना पड़ सकता है भारी नुकसान
मकान खरीदने और बेचने का व्यवसाय करने वालों के लिए यह बुरी खबर हो सकती है। अगर खरीदा गया मकान दो साल से पहले बेचा तो 30 प्रतिशत आयकर भरना होगा। सरकार सभी के पास अपना आवास हो इसके लिए गृह ऋण उपलब्ध करा रही है। कुछ लोगों ने अधिक लाभ कमाने के लिए मकान खरीदने और बेचने को व्यवसाय बना लिया है।
जागरण संवाददाता, धनबाद। मकान खरीदने और बेचने का व्यवसाय करने वालों के लिए यह बुरी खबर हो सकती है। अगर खरीदा गया मकान दो साल से पहले बेचा तो 30 प्रतिशत आयकर भरना होगा। सरकार सभी के पास अपना आवास हो, इसके लिए गृह ऋण उपलब्ध करा रही है। कुछ लोगों ने अधिक लाभ कमाने के लिए मकान खरीदने और बेचने को व्यवसाय बना लिया है।
अधिक आय को बैंक में जमा कराने और अन्य योजनाओं में पूंजी निवेश करने पर लाभ कम मिलता है। इस कारण आवासीय योजनाओं में लोग निवेश करते हैं। सरकार ने आयकर के नियम को सख्त कर दिया है। अगर कोई मकान खरीदने के बाद दो साल से पहले बेच देता है तो इसे शार्ट टर्म कैपिटल गेन माना जाएगा।
मकान जितना अधिक पुराना, उतना कम टैक्स लगेगा
विभाग मकान की बिक्री से मिलने वाली राशि को उस व्यक्ति की आय मानते हुए 30 प्रतिशत आयकर जमा करने के लिए नोटिस भेजेगा। मकान जितना अधिक पुराना होगा, उतना कम आयकर देना होगा। इसमें अधिकतम 20 प्रतिशत का आयकर देना का प्रावधान है। जो मकान 2001 से पहले खरीदा गया और उसे अब बेचने पर मकान की कीमत का आकलन 2001 के सर्किल रेट के आधार किया जाएगा।सर्किल रेट के आधार पर मिली अधिक कीमत को आय मानते हुए आयकर का निर्धारण किया जाएगा। विभाग ने उन लोगों को राहत दी है जो दो वर्ष या उससे अधिक समय के बाद मकान की बिक्री करते हैं। अगर यह घोषणा करते हैं कि दो साल के अंदर दूसरा मकान खरीद लेंगे या तीन वर्ष के अंदर नया मकान बना लेगा तो उन्हें कोई टैक्स नहीं देना होगा।मकान बेचकर जमीन खरीदने पर आयकर में छूट नहीं मिलेगी। आइटीआइ हेडक्वार्टर ने बताया कि सरकार ने गलत तरीके से मकान खरीदने व बेचने के व्यवसाय पर रोक लगाने के लिए सरकार ने यह कदम उठाया है। आयकर धनबाद रेंज में धनबाद, देवघर, गिरिडीह, जामताड़ा, दुमका, पाकुड़, साहिबगंज और गोड्डा जिले आते हैं।
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