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अगर आप करते हैं ट्रेन से यात्रा तो ढीली करनी पड़ सकती है जेब, इन ट्रेनों में कम किए गए स्लीपर और जनरल डिब्बे

2023 ट्रेन से सफर करने वालों के लिए अहम रहने वाला है। जहां एक ओर नई ट्रेन शुरू हो रही वहीं कई ट्रेनों की समय-सारणी बदल गई है। ये खबर ज्यादा महत्वपूर्ण मध्यम वर्गीय लोगों के लिए काफी जरूरी है क्योंकि अब उन्हें अपनी जेब ढ़ीली करनी पड़ सकती है।

By Tapas BanerjeeEdited By: Mohit TripathiUpdated: Thu, 29 Dec 2022 12:37 AM (IST)
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धनबाद से खुलने वाली ट्रेनों के 808 स्लीपर और 664 जनरल के यात्रियों की छिन गईं सीटें।
धनबाद, जागरण संवाददाता: धनबाद के रेल यात्रियों के लिए साल 2022 कई मायनों में अहम रहा है। धनबाद से खुलने वाली ज्यादातर महत्वपूर्ण ट्रेनों की सूरत बदल गई है। पुरानी पारंपरिक कोच के बदले चमचमाती एलएचबी रैक पटरियों दिखाई देंगी। राजधानी सरीखे एलएचबी रैक मिलने से सफर पहले से आरामदायक हुआ लेकिन इसके साथ ही कई सुविधाएं भी छिन गई हैं।

ट्रेनों से स्लीपर और जनरल के कोच घटा दिए गये। स्लीपर के 808 और जनरल के 664 यात्रियों की सीटें छिन गई हैं। दोनों श्रेणियों की सीटें कम होने से यात्रियों की जेब पर बोझ बढ़ गया है क्योंकि अब उन्हें वातानुकूलित श्रेणी में जगह तलाशनी पड़ रही है। एसी का सफर जनरल और स्लीपर से दोगुना से भी ज्यादा महंगा हो गया है।

गंगा-सतलज एक्सप्रेस

पहले 10 स्लीपर कोच के साथ चलने वाली ट्रेन में अब 5 कोच। प्रत्येक स्लीपर कोच में 80 सीटें। यानी स्लीपर की 400 सीटें घट गईं। पहले जनरल के 7 कोच थे, अब केवल 4 कोच हैं। हर कोच में 100 सीटों के अनुसार जनरल के यात्रियों की 300 सीटें छिन गई हैं।

 धनबाद-अलेप्पी एक्सप्रेस

धनबाद-अलेप्पी एक्सप्रेस में पहले स्लीपर के 8 कोच थे, अब पांच ही हैं। तीन कोच कम होने से 240 स्लीपर की सीटें कम हो गई हैं। जनरल के 4 कोच की तुलना में अब 3 हैं। एक कोच कम होने से 100 यात्रियों की सीटें छिन गई हैं। वहीं धनबाद -पटना इंटरसिटी स्लीपर का एक कोच घटा दिया गया। इससे 72 यात्रियों की सीटें कम हो गई है।

गंगा दामोदर एक्सप्रेस

स्लीपर के 9 कोच के बजाय अब 8 ही जुड़ रहे हैं। पहले 72 सीटों वाली स्लीपर कोच के यात्रियों के लिए कुल 648 सीटें थीं। अब एलएचबी कोच जुड़ने से प्रत्येक कोच में 80 सीटें हैं। यात्रियों के लिए 640 सीटें निर्धारित हैं। स्लीपर की 8 सीटें कम हो गई हैं।

जनरल के पहले 6 कोच थे। प्रत्येक कोच में 72 सीटों के अनुसार कुल 432 सीटें थीं। अब एलएचबी कोच जुड़ने से प्रत्येक कोच में जनरल की 100 सीटें हैं। तीन कोच मिलाकर 300 सीटें उपलब्ध हैं। 132 जनरल की सीटें कम हो गई हैं।

हटिया- गोरखपुर मौर्य एक्सप्रेस से छिन गए स्लीपर-जनरल

धनबाद समेत राज्य के बड़े हिस्से से बिहार और पूर्वांचल को जोड़ने वाली हटिया-गोरखपुर मौर्य एक्सप्रेस में जनरल और स्लीपर के लिए सालोंभर मारामारी रहती है। आम दिनों में भी इस ट्रेन के जनरल कोच पर सवार होना मुश्किल होता है। इसके बावजूद इस ट्रेन से जनरल और स्लीपर के दो और जनरल के तीन कोच हटा लिए गये, जिसका सीधा असर कम आय वर्ग वाले यात्रियों पर पड़ा है।

हटिया- गोरखपुर मौर्य एक्सप्रेस

स्लीपर के 9 कोच के बजाय अब 7 ही जुड़ रहे हैं। पहले 72 सीटों वाली स्लीपर कोच के यात्रियों के लिए कुल 648 सीटें थीं। अब एलएचबी कोच जुड़ने से प्रत्येक कोच में 80 सीटें हैं। यात्रियों के लिए 560 सीटें निर्धारित हैं। स्लीपर की 88 सीटें कम हो गई हैं। जनरल के पहले 6 कोच थे। प्रत्येक कोच में 72 सीटों के अनुसार कुल 432 सीटें थीं। अब एलएचबी कोच जुड़ने से प्रत्येक कोच में जनरल की 100 सीटें हैं। तीन कोच मिलाकर 300 सीटें उपलब्ध हैं। 132 जनरल की सीटें कम हो गई हैं।

पहली बार मिली अलेप्पी की क्लोन ट्रेन

इस साल पहली बार धनबाद से एर्नाकुलम के बीच काठपडी होकर अलेप्पी एक्सप्रेस की क्लोन ट्रेन मिली है। इस ट्रेन से इलाज कराने वेल्लूर जाने वाले यात्रियों की राह आसान हो जाएगी। यात्रियों की तरजीह और बुकिंग अनुपात से गदगद रेलवे ने इस ट्रेन को हफ्ते में दो दिन चलाने का प्रयास भी शुरू किया है। रेलवे बोर्ड की हरी झंडी मिल गई तो धनबाद के लिए नए साल का बड़ा उपहार होगा।

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