BCCL के आवासों में राजनीतिक दलों का अवैध कब्जा, चला रहे हैं कार्यालय, कंपनी को अब कोर्ट के आदेश का इंतजार
बीसीसीएल के विभिन्न एरिया में करीब पांच सौ अधिक आवेदन लंबित पड़े हैं लेकिन इसके बावजूद कंपनी की तरफ से आवास मुहैया कराने में परेशानी हो रही हैं क्योंकि कई ऐसे आवास हैं जिनमें अवैध रूप से कब्जा जमाया गया है।
By Jagran NewsEdited By: Arijita SenUpdated: Mon, 23 Jan 2023 08:50 AM (IST)
आशीष अंबष्ठ, धनबाद। बीसीसीएल के कर्मचारी प्रबंधन को आवास के लिए आवेदन देकर एक तरफ थक चुके, वहीं बीसीसीएल के आवासों पर दबंगों ने अवैध कब्जा कर रखा है। इसमें आम आदमी श्रम सगंठन से लेकर राजनीतिक दलों के कार्यकर्ता व पदाधिकारी भी शामिल हैं। जबकि यह सब देखने व समझने के बाद भी बीसीसीएल अधिकारियों की चुप्पी उनकी भूमिका को कटघरे में खड़ा करती है।
कर्मचारियों को कराया जाता रहा है आवासों का आवंटन
बीसीसीएल ने अपने विभिन्न कार्यालयों में काम करने वाले अधिकारी व कर्मचारियों के लिए आवास बनाया है, जिनका आवंटन समय-समय पर आवेदन के आधार पर आवासीय समिति व प्रबंधन द्वारा किया जाता रहा है। इसी क्रम में जगजीवन नगर में भी कई आवासों का निर्माण कराते हुए उसे अधिकारियों व कर्मचारियों को आवंटित किया गया। इन आवासों की दूरी बीसीसीएल मुख्यालय से नजदीक होने के कारण अधिकांश आवासों का आवंटन कर्मचारियों को किया गया।
कार्यालय खोलने के नाम पर अवैध कब्जा
जगजीवन नगर आवासीय की गिनती बीसीसीएल माडल कालोनी के रूप में होती है, लेकिन वर्तमान हालत यह है कि करीब 20 प्रतिशत आवासों पर अवैध कब्जा कर दबंग रह रहे हैं। इनमें आम आदमी के अलावा विभिन्न राजनीतिक दलों से संबंध रखने वाले पदाधिकारी व कार्यकर्ता कार्यालय खोलने के नाम पर कब्जा कर रखा है। हालांकि, इसके लिए बीसीसीएल प्रंबधन से किसी प्रकार की कोई अनुुमति नहीं ली गई है। वहीं दूसरी तरफ बीसीसीएल के अधिकारी व कर्मचारी आवासों के लिए आवेदन दिए हुए हैं। लेकिन संबंधित विभाग के अधिकारियों द्वारा आवास आवंटन में दिलचस्पी नहीं दिखाई जा रही है।आवासों के लिए आवेदनों की है लंबी लाइन
आवास आवंटन को लेकर बीसीसीएल के विभिन्न एरिया में करीब पांच सौ अधिक आवेदन लंबित पड़े हैं। बुधवार को इसे लेकर जब पड़ताल की गई, तो जगजीवन नगर स्थित बीसीसीएल के आवासों पर खुले आम राजनीतिक दलों के बैनर व पोस्टर लगे दिख रहे थे। इसमें भाजपा, एटक व जनता मजदूर संघ के अलावा अन्य दलों के कार्यालयों का बोर्ड लगा हुआ था। यूनाइटेड वर्कर्स यूनियन ने जिस आवास पर कब्जा किया है वहां पहले आयुर्वेद औषधि केंद्र बीसीसीएल का चलता था। पूछे जाने पर बीसीसीएल अधिकारियों ने बताया कि पूरी तरह से अवैध कब्जा है। किसी भी राजनीतिक दलों को आवास का आवंटन नहीं किया गया है।
कंपनी को है अब कोर्ट के आदेश का इंतजार
बीसीसीएल सीएचडी, कार्मिक प्रबंधक, प्रमोद कुमार ने कहा, आवासों पर अवैध रूप से कब्जा किया गया है। इसको लेकर अवैध कब्जाधारियों को नोटिस दिया गया है। बार-बार नोटिस दिए जाने के बाद भी उनके द्वारा कब्जा नहीं हटाने के कारण अब कंपनी न्यायालय से आदेश का इंतजार किया जा रहा है।ये भी पढ़ें- BCCL और कोल इंडिया से जुड़ने का अनोखा मौका, कई सारे पदों पर हो रही है भर्ती, जानें कब, कैसे और कहां करें आवेदन
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