धनबाद में 30 लाख की आबादी में 3.9 लाख मरीज मधुमेह के शिकार हैं और इनमें से लगभग एक लाख मधुमेह के रोगी थायराइड के भी शिकार हो गए हैं। कुल मिलाकर धनबाद में 25 प्रतिशत मधुमेह रोगी थायराइड से जूझ रहे हैं।
By Jagran NewsEdited By: Arijita SenUpdated: Wed, 24 May 2023 10:55 AM (IST)
मोहन गोप, धनबाद। हाउसिंग कॉलोनी के रहने वाले विजय प्रताप (बदला हुआ नाम) पिछले 5 वर्षों से मधुमेह से पीड़ित हैं। दवा चलने के बावजूद मधुमेह पर कोई कंट्रोल नहीं होने की वजह से चिकित्सक ने थायराइड जांच कराने को कहा।
धनबाद में मधुमेह के साथ थायराइड से पीड़ित हो रहे मरीज
जांच में विजय का थायराइड 13 एमएल से ज्यादा पाया गया। जांच में पाया गया कि थायराइड की वजह से विजय का मधुमेह नियंत्रित नहीं हो रहा। दरअसल, विजय की तरह धनबाद में कई ऐसे मरीज हैं, जो मधुमेह के साथ थायराइड से पीड़ित हो गए हैं।
सारा कुछ है मेटाबॉलिज्म का खेल
शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के मेडिसिन विभागाध्यक्ष डॉ यूके ओझा बताते हैं ऐसा मेटाबॉलिज्म की वजह से हो रहा है। मधुमेह रोगियों में इंसुलिन की मात्रा कम या ज्यादा होने से इसका सीधा असर हार्मोन के उत्पादन और क्रियाकलापों पर पड़ रहा है।इससे मधुमेह रोगियों में थायराइड की आशंका बढ़ जाती है। प्रत्येक वर्ष 25 मई को विश्व थायराइड जागरूकता दिवस मनाया जाता है। इस वर्ष भी लोगों को थायराइड और मधुमेह को लेकर जागरूक किया जा रहा है।
मधुमेह के रोगियों में थायराइड का बढ़ता जोखिम
डॉ ओझा ने बताया कि कोयलांचल में मधुमेह रोगियों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। 30 लाख की आबादी में 3.9 लाख मरीज मधुमेह के शिकार हैं। हार्मोन अनियंत्रित होने के कारण लगभग एक लाख मधुमेह के रोगी थायराइड के शिकार हो गए हैं। ऐसे मरीजों को मधुमेह के साथ थायराइड की दवा खानी पड़ रही है। अस्पताल के मधुमेह स्क्रीनिंग केंद्र में ऐसे मरीजों को हर दिन सलाह दी जा रही है।
थायराइड रोगियों को भी मधुमेह
थायराइड रोगी भी मेटाबॉलिज्म (हार्मोन में उतार-चढ़ाव ) की वजह से मधुमेह के रोगी बन रहे हैं। डॉ ओझा ने बताया कि थायराइड के मरीज थायरोक्सिन हार्मोन लेते हैं, लेकिन यह हार्मोन भी शोध में पाया गया है कि इंसुलिन को प्रभावित करता है। क्योंकि थायराइड के मरीजों में शारीरिक प्रतिरोधक क्षमता बेहद कम हो जाती है। इससे इंसुलिन प्रभावित होती है, जो ग्लूकोज को सही से नियंत्रित नहीं कर पाती।
हर वर्ष मधुमेह रोगी कराएं थायराइड की जांच
डॉ ओझा ने बताया कि मोटापा होने, अत्यधिक तनाव पूर्ण माहौल में रहने एवं अनुवांशिकी कारण की वजह से मधुमेह और थायराइड हो रहे हैं। मधुमेह के रोगियों को प्रत्येक वर्ष थायराइड की जांच करानी चाहिए। यदि थायराइड और मधुमेह एक साथ हो गया है, तब अपने दिनचर्या और डाइट को बेहतर बनाएं, नियमित रूप से एक्सरसाइज करें, खाने में हरी साग सब्जियाें का प्रयोग ज्यादा करें।
थायराइड के मरीज ये चीजें खाना बिल्कुल छोड़ दें
थायराइड के मरीज बंधा गोभी, सोयाबीन के अलावा फास्ट फूड का सेवन बिलकुल छोड़ दें। यह सभी थायरोक्सिन हार्मोन को प्रभावित करते हैं। समय-समय पर अपने चिकित्सक को दिखाएं। दवा बिल्कुल ना छोड़े।
हार्मोन में बदलाव और उतार-चढ़ाव है मुख्य कारण
धनबाद के शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में मेडिसिन विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ यूके ओझा बताते हैं, मधुमेह रोगियों को नियमित थायराइड की जांच करानी चाहिए।
वहीं, थायराइड के मरीजों को भी नियमित मधुमेह की जांच करानी चाहिए। हार्मोन में बदलाव और उतार-चढ़ाव इसके मुख्य कारणों में से एक हैं। हालांकि, बेहतर प्लान अपनाकर दोनों को नियंत्रित किया जा सकता है।
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