नीरज हत्याकांड ट्रायलः पहले के बयान से डेयरी स्टॉल संचालक पलटा
नीरज सिंह समेत चार लोगों की हत्या के चर्चित मामले में स्टील गेट के तीन दुकानदारों चश्मदीद गवाह आदित्य राज का इलाज करने वाले डॉक्टर के साथ पुलिस के एएसआइ व एक महिला ने गवाही दी।
By mritunjayEdited By: Updated: Sat, 23 Feb 2019 11:31 AM (IST)
धनबाद, जेएनएन। नीरज हत्याकांड में 15वें गवाह सुधा डेयरी का स्टॉल चलानेवाले अमर सिंह अपने पूर्व के बयान से पलट गए जिस कारण अभियोजन ने उसे पक्षद्रोही घोषित कर दिया।अमर ने अपने पूर्व के बयान से यू टर्न लेते हुए कहा कि घटना के संबंध में उसकी धनंजय उर्फ धनजी सिंह से कोई बात नहीं हुई थी। उसे धनजी का मोबाइल नंबर मालूम नहीं है।
अमर शुक्रवार को धनबाद कोर्ट में गवाही के दाैरान कहा कि 21 मार्च 17 शाम 7.00 बजे की घटना है। उस समय वह दुकान पर था। गोली चलने की आवाज सुनी। चार-पांच आदमी दौड़ते हुए उसकी दुकान की तरफ आया और बोला कि गोली चल रही है। जान बचा लीजिए। उसने कुछ लोगों को अपनी दुकान के अंदर ले लिया तथा अंदर से दुकान बंद कर लिया। गोली चलने की आवाज बंद हो गई तब दुकान खोलकर बाहर निकला तो देखा कि दुकान से 20 फुट आगे स्पीड ब्रेकर के पास फॉच्र्यूनर गाड़ी खड़ी है। वहां गया तो देखा कि आगे सीट पर नीरज सिंह बैठे हुए थे। बगल में ड्राइवर था। पिछला सीट पर 2 आदमी थे। सभी खून से लथपथ थे। कुछ देर बाद ही रघुकुल की ओर से गाड़ी आई जो नीरज सिंह को लेकर अस्पताल चली गई। मैं भी सेंट्रल अस्पताल गया। वहां पता चला कि नीरज बाबू नहीं रहे।घटना के पहले या घटना के बाद उसकी धनजी से बात नहीं हुई थी। धनजी विधायक संजीव का अंगरक्षक है। धनजी से उसका 2011 से परिचय है और वह दुकान पर आता जाता था। वर्ष 17 को धनंजय सिंह से बहुत बार बातचीत हुई थी। पहले भी बातचीत होती थी। घटना के वक्त भी उनसे एक बार बात हुई थी। बाद में मोबाइल निकाला तो देखा कि धनजी का दो मिस्ड कॉल था। मैने रिंग बैक नहीं किया था। धनजी पैसा लगाने का काम करते हैं। मैं भी उनसे बहुत बार पैसा लिया था। घटना के संबंध में मुझे धनजी से कोई बात नहीं हुई थी। बल्कि उस समय पैसे की बाबत बात हुई थी। मैंने धनजी का नंबर डिलीट कर दिया था।
आदित्य ने बताया था- गोली लगी है पर नॉर्मल थी स्थितिः पूर्व डिप्टी मेयर नीरज सिंह समेत चार लोगों की हत्या के चर्चित मामले में स्टील गेट के तीन दुकानदारों, चश्मदीद गवाह आदित्य राज का इलाज करने वाले डॉक्टर के साथ पुलिस के एएसआइ व एक महिला ने गवाही दी। अभियोजन ने घटनास्थल के पास के फ ल विक्रेता सिकंदर जायसवाल, सुधा डेयरी स्टॉल के अमर सिंह और आलू विक्रेता अमरजीत कुमार के साथ सेंट्रल अस्पताल के डॉ. उदय कुमार सिन्हा, झरिया की महिला हुनिता देवी और एएसआइ अरविंद कुमार की गवाही कराई। सभी गवाह अपने पुलिस के समक्ष दिए गए बयान पर बरकरार रहे।मैने किया था आदित्य का इलाजः हत्याकांड के चश्मदीद गवाह आदित्य राज का इलाज करने वाले सेंट्रल अस्पताल के डॉ. उदय कुमार सिन्हा ने बताया कि 21 मार्च 17 को उन्होंने उसका इलाज किया था। आदित्य राज ने उन्हें बताया था कि गोली लगने के कारण जख्म हुआ है। आदित्य को कोई बर्न इंजूरी नहीं थी और न ही कोई काला जले का निशान था। वह नहीं बता सकते कि वह हॉफ शर्ट पहने था या फुल शर्ट। डॉक्टर ने बताया कि आदित्य की छाती, चेहरा और शरीर पर किसी तरह का जख्म नहीं था। वह सामान्य स्थिति में था। बयान देने की भी स्थिति में था। उसका बीपी और पल्स भी नॉर्मल था।
गोली चली तो दुकान छोड़कर भाग गयाः 13वें गवाह स्टील गेट के फ ल दुकानदार सिकंदर जायसवाल ने बताया कि करीब 2 साल पहले की घटना है। वह अपने दुकान में था। गोली चलने की आवाज सुनी तो दुकान छोड़कर भाग गया। थोड़ी देर बाद आया तो देखा कि स्पीड ब्रेकर के पास भीड़ लगी हुई है। पता चला कि 4 आदमी की मौत हो गई है। उसमें नीरज सिंह व तीन अन्य आदमियों की मृत्यु हो गई थी।
मै कुछ देख नही सकाः 14वें गवाह आलू बेचने वाले अमरजीत कुमार ने बताया कि घटना 21 मार्च 17 की शाम 7.00 बजे की है। उस समय वह अपने दुकान में था। गोली चलने की आवाज से वहां भगदड़ मच गई। रोड पर जाम लग गया। वह कुछ देख नहीं सका लेकिन सुना कि नीरज सिंह की गाड़ी पर अपराधियों ने हमला कर दिया है। नीरज सिंह सहित चार आदमियों की मौत हो गई है।
आधार कार्ड व फोटो चंदन ने लिया थाः 16वें गवाह हुनिता देवी ने कहा कि चंदन कुमार ने उसके आधार कार्ड का फो टो कॉपी और फोटो लिया था। कब लिया था उसे नहीं पता। चंदन संजीव के यहां काम करता है परंतु उसने चंदन को संजीव के यहां काम करते नहीं देखा।
मैंने मृत्यु समीक्षा रिपोर्ट बनाया थाः 17वें गवाह एएसआइ अरविंद कुमार ने बताया कि उन्होंने मृतक नीरज सिंह, मुन्ना तिवारी उर्फ प्रदीप तिवारी, अशोक यादव और चंद्र प्रकाश महतो उर्फ घोल्टू की मृत्यु समीक्षा रिपोर्ट बनाई थी। मृतकों के वस्त्र, चालान, पीएम रिपोर्ट व अन्य सामान सील बंद किया हुआ लेकर थाना आए थे। उन्होंने कहा कि अपने स्वलिखित बयान पर उन्होंने कोई कांड दर्ज नहीं किया था। थाना प्रभारी के कहने पर वह सेंट्रल अस्पताल गए थे। पुराने थाना प्रभारी का मोबाइल नंबर याद नहीं है।
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