Dhanbad News: मेडिसिन के साथ सर्जरी और फार्मोकोलॉजी को भी पोस्टमार्टम की जिम्मेदारी, डॉक्टर्स हो रहे परेशान
शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के डॉक्टर्स इन दिनों कुछ परेशान हैं क्योंकि उन्हें मरीजों का इलाज करने के साथ ही पोस्टमार्टम की भी जिम्मेदारी संभालनी पड़ रही है। दरअसल पोस्टमार्टम करने वाले फॉरेंसिक मेडिसिन विभाग में मात्र दो डॉक्टर हैं। ऐसे में मेडिसिन सर्जरी फार्मोकोलॉजी और पैथोलॉजी के डॉक्टर की ड्यूटी यहां लगाई गई है। उन्हें इस बात से परेशानी है।
By Jagran NewsEdited By: Arijita SenUpdated: Thu, 28 Sep 2023 01:50 PM (IST)
जागरण संवाददाता, धनबाद। शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के चिकित्सकों को इन दिनों मरीजों के इलाज से ज्यादा परेशानी पोस्टमार्टम करने में हो रही है। दरअसल, फॉरेंसिक मेडिसिन में डॉक्टरों की कमी के कारण पोस्टमार्टम के लिए मेडिसिन सर्जरी, फार्मोकोलॉजी और पैथोलॉजी के डॉक्टर को भी लगाया गया है। अब डॉक्टर अस्पताल प्रबंधन के सामने अपनी-अपनी समस्याएं रख रहे हैं।
पोस्टमार्टम करने में डॉक्टरों को आ रही दिक्कतें
डॉक्टर्स का कहना है मेडिसिन सर्जरी में मरीजों की काफी भीड़ रहती है। ऐसे में अब मरीजों का इलाज की जगह पोस्टमार्टम विभाग में काम करना सही नहीं है।डॉक्टर का कहना है नौकरी की शुरुआती दिनों में ही पोस्टमार्टम किए थे, 30 या 35 वर्ष से ज्यादा हो गए हैं। अब फिर से पोस्टमार्टम करना उनके लिए आसान नहीं है। मेडिसिन और सर्जरी विभाग के डॉक्टरों ने कॉलेज प्रबंधन को इस संबंध में पत्र लिखा है।
हर दिन 4 से 5 मृतकों का पोस्टमार्टम
मेडिकल कॉलेज में पोस्टमार्टम के लिए हर दिन 4 से 5 मृतक शरीर पहुंचते हैं। पोस्टमार्टम करने वाले फॉरेंसिक मेडिसिन विभाग में मात्र दो डॉक्टर हैं। इन्हीं दो डॉक्टरों के भरोसे पोस्टमार्टम चल रहा है।
डॉक्टरों की कमी की वजह से पहली बार मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने दूसरे विभाग के डॉक्टर को इसमें लगाया है। इसमें मेडिसिन सर्जरी फार्मोकोलॉजी और पैथोलॉजी के डॉक्टर की ड्यूटी लगाई गई है। अब दूसरे विभाग के डॉक्टर इस व्यवस्था से खासे नाराज हैं।
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