Indian Railways: जिस ट्रेन को लालू ने ढूंढ़ा था, अब उसमें एक भी सीट नहीं होगी आरएसी, 100% कन्फर्म टिकट
रेलमंत्री रहते गरीबों को एसी में सफर कराने के लिए लालू ने जो ट्रेन चलाई थी उस ट्रेन को अब रेलवे ने भी एक तोहफा दिया है। इस ट्रेन में अब हंड्रेड परसेंट कन्फर्म सीट मिलेगी और सफर में यात्रियों को गर्दन दर्द की शिकायत नहीं होगी।
जागरण संवाददाता, धनबाद: एक लंबे समय तक बिहार और पूरे देश की राजनीति में सक्रिय लालू प्रसाद यादव आज स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे हैं। उन्होंने अपने कार्यकाल में कई नई चीजें लोगों को दी। रेलमंत्री की कुर्सी पर आसीन होने के बाद गरीबों को एसी में सफर कराने के लिए लालू ने जो ट्रेन चलाई थी, उस ट्रेन को अब रेलवे ने भी एक तोहफा दिया है। इस ट्रेन में अब हंड्रेड परसेंट कन्फर्म सीट मिलेगी और सफर में यात्रियों को गर्दन दर्द की शिकायत नहीं होगी।
लंबे अरसे बाद रेलवे ने यात्रियों के दर्द की दवा ढूंढ़ ली है। मामला कम किराए में एसी का सफर मुहैया कराने वाली गरीब रथ ट्रेन से जुड़ा है। इस ट्रेन में यात्रियों को आरएसी की सीटें नहीं दी जाएंगी। इसके साथ ही गर्दन झुका कर सफर पूरी करने की झंझट भी खत्म होगी। रेलवे बोर्ड के निदेशक यात्री विपणन संजय मनोचा ने सात नवंबर को ही इससे जुड़ा आदेश जारी कर दिया है।
अक्टूबर 2006 में पहली बार पटरी पर उतरी थी गरीब रथ, 16 साल आया बदलाव
भारतीय रेल में गरीब रथ की शुरुआत साल 2006 में हुई थी। सहरसा से अमृतसर के बीच पांच अक्टूबर 2006 को पहली गरीब रथ दौड़ी थी। बाद में कोलकाता-पटना, रांची-नई दिल्ली, धनबाद-भुवनेश्वर समेत कई रूटों पर गरीब रथ चलने लगी। कम किराए में एसी का सफर कराने वाली इस ट्रेन में दूसरी ट्रेनों की तुलना में साइड में भी तीन बर्थ होती हैं। सामान्य ट्रेनों में आरएसी की सीट मिलने पर नीचे दो यात्री सीट शेयर कर बैठ सकते हैं, लेकिन गरीब रथ में साइड बर्थ में आरएसी सीट मिलने पर यात्रियों को पूरे सफर में काफी परेशानी होती है। गर्दन टेढ़ी कर घंटों बैठने से अकड़ जाती है। यात्रियों को होनेवाली इस परेशानी की समीक्षा के बाद रेलवे ने गरीब रथ में आरएसी की सीट देने पर रोक लगा दी है। ट्रेन चलने के 16 साल बाद रेलवे के इस निर्णय से गरीब रथ के यात्री आराम से सफर कर सकेंगे।