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Indian Railways: चलो बुलावा आया है, माता ने बुलाया है... कैसे जाएंं भाई; टिकट मिले तब न!

चलो बुलावा आया है माता ने बुलाया है...। माता तो अपने भक्तों पर रहमतों की बारिश करने को तैयार है। पर भक्त उनके दरबार तक तभी पहुंच सकेंगे जब रेलगाड़ी चलेगी। इस वर्ष 13 अप्रैल से चैत्र नवरात्र शुरू हो रहा है।

By Atul SinghEdited By: Updated: Tue, 23 Feb 2021 05:02 PM (IST)
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13 अप्रैल से चैत्र नवरात्र शुरू हो रहा है। (जागरण)

धनबाद, जेएनएन : चलो बुलावा आया है, माता ने बुलाया है...। माता तो अपने भक्तों पर रहमतों की बारिश करने को तैयार है। पर भक्त उनके दरबार तक तभी पहुंच सकेंगे जब रेलगाड़ी चलेगी। इस वर्ष 13 अप्रैल से चैत्र नवरात्र शुरू हो रहा है। चैत्र नवरात्र पर वैष्णोदेवी के दरबार में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ता है। पर इस बार भी परिस्थिति बहुत अनुकूल नहीं है जिससे माता के दरबार जानेवाले श्रद्धालु कंफ्यूज हैं। वजह साफ है कि धनबाद होकर चलने वाली कोलकाता-जम्मूतवी एक्सप्रेस और सियालदह-जम्मूतवी हमसफर एक्सप्रेस को चलाने को लेकर अब तक सुगबुगाहट भी शुरू नहीं हुई है।

22 मार्च 2020 से कोरोना काल शुरू हो जाने से पिछले साल माता वैष्णो देवी के दरबार में मत्था टेकने से लाखों श्रद्धालु नहीं जा सके थे। क्योंकि अप्रैल में चैत्र नवरात्र था और ट्रेनें मार्च से ही बंद हो गई थी। बाद में अक्टूबर में दुर्गापूजा के दौरान परिस्थिति में कुछ बदलाव जरूर आया मगर तब पंजाब में किसान आंदोलन शुरू हो गया। इस वजह से पंजाब और जम्मूतवी जानेवाली ट्रेनें रेड सिग्नल में फंस गई। अब भी आंदोलन थमा नहीं है और हर हफ्ते सियालदह-अमृतसर जालियांवाला बाग एक्सप्रेस को रद करना पड़ रहा है। ऐसे में नवरात्र से पहले जम्मूतवी जानेवाली ट्रेनें चल सकेंगी या नहीं इस पर संशय बरकरार है। रेल अधिकारियों का भी यही कहना है कि सबकुछ परिस्थिति पर निर्भर करेगा। ऐसी संभावना है कि ट्रेन चलने की अनुमति मिल भी जाए पर किसान आंदोलन के कारण उसे रद करना पड़े।

 हिमगिरि एक्सप्रेस में मार्च तक के लिए ही मिल रहा टिकट 

श्रद्धालुओं की समस्या यहीं खत्म नहीं हुई है। हावड़ा से आसनसोल, चित्तरंजन, मधुपुर, जसीडीह होकर चलने वाली हिमगिरि एक्सप्रेस में मार्च तक के लिए ही टिकट बुकिंग की अनुमति दी गई है। अप्रैल में चैत्र नवरात्र के लिए बुकिंग अभी नहीं हो रही है। आसनसोल होकर चलने वाली इस ट्रेन में भी धनबाद और आसपास के काफी श्रद्धालु सफर करते हैं। जम्मूतवी पहुंचने के लिए इस रूट की एकलौती ट्रेन भी फिलहाल यही है। पर बुकिंग न होने से यहां भी मायूसी ही मिल रही है।

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