International Girl Child Day: आसमान नाप रही धनबाद की सृष्टि, कोविड काल में 2500 भारतीयों को पहुंचाया स्वदेश
एयर इंडिया एक्सप्रेस में फर्स्ट ऑफिसर के तौर पर नवंबर 2016 से कार्यरत सृष्टि धनबाद की पहली गर्ल पायलट हैं। एयर इंडिया एक्सप्रेस की काॅमर्शियल पायलट के तौर पर सृष्टि ने कोविड संक्रमण के समय विदेशों में फंसे 2500 भारतीयों को स्वदेश लाने का काम किया था।
By Ashish SinghEdited By: Deepak Kumar PandeyUpdated: Tue, 11 Oct 2022 01:57 PM (IST)
धनबाद [आशीष सिंह]: कोविड में जिस समय पूरी दुनिया में हाहाकार मचा हुआ, ठीक उसी समय विदेश में फंसे अपने देशवासियों को भारत लाने का काम सृष्टि जीवंतिका सिंह ने बखूबी किया। धनबाद ही नहीं पूरे देश को सृष्टि पर गर्व है।
एयर इंडिया एक्सप्रेस में फर्स्ट ऑफिसर के तौर पर नवंबर 2016 से कार्यरत सृष्टि धनबाद की पहली गर्ल पायलट हैं। पाॅलीटेक्निक रोड के कर्नल जेके सिंह और नीतिका सिंह की बेटी सृष्टि अब एयरक्राफ्ट कमांडर बन चुकी हैं। एयर इंडिया एक्सप्रेस की काॅमर्शियल पायलट के तौर पर सृष्टि ने कोविड संक्रमण के समय विदेशों में फंसे 2500 भारतीयों को स्वदेश लाने का काम किया था। कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर विदेश में फंसे भारतीयों को वापस लाने के लिए एयर इंडिया एक्सप्रेस की कामर्शियल पायलट सृष्टि ने वंदे भारत मिशन के तहत दिल्ली मुख्यालय से क्वालालंपुर के लिए उड़ान भरी थी। फिलहाल दिल्ली में पोस्टिंग है। अगली प्रोन्नति को ओर कदम बढ़ा दिए हैं। सृष्टि ने लिखित और सिम्युलेटर प्लस इंटरव्यू पूरा पास कर लिया है। ग्राउंड ट्रेनिंग की प्रक्रिया जारी है। इसके तुरंत बाद एयरक्राफ्ट में लेफ्ट सीट यानी कमांडर की सीट पर सृष्टि की पोस्टिंग हो जाएगी।
सृष्टि कहती हैं कि हर फर्स्ट ऑफिसर का यह सपना होता है कि वह लेफ्ट सीट पर बैठे। उनकी यह ख्वाहिश बहुत जल्द पूरी होने वाली है। सृष्टि ने बताया कि हाल ही में चार हजार घंटे की उड़ान पूरी की है। यह एक पायलट की सबसे अहम उपलब्धि है। सृष्टि बताती हैं कि हर सफल उड़ान के समय हम एक रिवाज का पालन करते हैं। इसमें जय माता दी का संबोधन करते हैं। अपने चार हजार घंटे में हम सभी ने लगभग 15 हजार से अधिक बार जय माता दी कहा होगा। कह सकते हैं कि इससे हमें शक्ति मिली। इसलिए शक्ति के लिए भक्ति जरूरी है।
सृष्टि बताती हैं कि ईश्वर की भक्ति और राष्ट्र की भक्ति ही मेरा मूल उद्देश्य है। धनबाद के पाॅलीटेक्निक रोड स्थित हैप्पी चाइल्ड स्कूल से प्रारंभिक शिक्षा हासिल की। इसके बाद इंदिरा गांधी राष्ट्रीय उड़ान एकेडमी, रायबरेली से काॅमर्शियल पायलट का लाइसेंस प्राप्त किया। अब एयर इंडिया एक्सप्रेस में सेवा दे रही हैं। धनबाद से किसी युवती का अंतरराष्ट्रीय उड़ान के लिए बतौर पायलट यह पहला चयन है।
वक्त हमारा है, भविष्य भी हमारा होगासृष्टि ने बताया कि आज समय हमारा है। लड़कियां किस क्षेत्र में नहीं हैं... हर क्षेत्र में परचम लहरा रही हैं। यह हमारा समय है, इसका अंदाजा इसी से लगा सकते हैं कि पहले मां-बाप ने आगे बढ़ने का मौका दिया, फिर आपके सहयोगियों ने और इसके बाद आपकी काबलियत ने उस मुकाम तक पहुंचाया, जहां आप जाना चाहते हैं। हमारा यह अधिकार है कि जो चीज लड़के कर सकते हैं, हम लड़कियां भी कर सकती हैं। जमीन के साथ आसमान में फर्राटे भर सकती हैं। हौसले को पंख लगाकर उड़ना माता-पिता ने सिखाया। खासकर मां नीतिका सिंह ने हमेशा से ही मुझे आसमान में उड़ते हुए देखना चाहा। यही कारण है कि कई चुनौतियों का सामना करके एक मध्यमवर्गीय परिवार से एक सफल पायलट भारतीय आकाश में बुलंदियों के नए कीर्तिमान स्थापित कर पाया। देशसेवा सर्वोपरि है, इसके लिए कुछ भी करेंगे।
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