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Question Hour with Jharia MLA: जनगणना के बाद नगर निगम से अलग होगा झरिया, दोबारा बनेगा प्रखंड

2009 में परिस्थियों के आधार पर झरिया को नगर निगम में शामिल किया गया था। उस समय दस लाख की आबादी की बाध्यता जनप्रतिनिधियों का विरोध न करना और कई अन्य कारण रहे। झरिया की जनता इसे निगम क्षेत्र से बाहर निकालना चाहती है।

By Atul SinghEdited By: Updated: Fri, 09 Jul 2021 09:53 AM (IST)
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2009 में परिस्थियों के आधार पर झरिया को नगर निगम में शामिल किया गया था। (प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर)
जागरण संवाददाता, धनबाद : 2009 में परिस्थियों के आधार पर झरिया को नगर निगम में शामिल किया गया था। उस समय दस लाख की आबादी की बाध्यता, जनप्रतिनिधियों का विरोध न करना और कई अन्य कारण रहे। झरिया की जनता इसे निगम क्षेत्र से बाहर निकालना चाहती है। इसकी पहल हो चुकी है। नगर विकास विभाग सचिव और मुख्यमंत्री को भी यहां की वस्तुस्थिति से अवगत कराया जा चुका है। जनगणना के बाद नगर निगम से झरिया को अलग कर दोबारा प्रखंड बनाया जाएगा। दैनिक जागरण प्रश्न पहर कार्यक्रम में पूछे गए सवाल पर झरिया विधायक पूर्णिमा नीरज सिंह ने यह जवाब दिया। झरिया को नगर निगम से अलग करने पर ढेरों प्रश्न आए। इसके बाद पानी, नाली और सफाई की समस्या को लेकर प्रश्न पूछे गए। एक पाठक ने तो यह भी कह दिया कि आप शिक्षा मंत्री बन जाइए, राज्य में शिक्षा का बुरा हाल है। राजा तालाब के सौंदर्यीकरण पर प्रश्नन पूछा गया कि यह कब तक बन जाएगा, क्योंकि हर बार टेंडर होता है और कुछ दिन बाद मामल ठंडे बस्ते में चला जाता है। इस प्रश्न का भी माकूल जवाब मिला। आइए जानते हैं झरिया के लोगों का सवाल और विधायक पूर्णिमा नीरज सिंह का जवाब :-

प्रश्न : झरिया को नगर निगम से कब अलग किया जाएगा, जनता परेशान है?

तारकेश्वर जीतपुर, शिवचरण शर्मा झरिया, श्रीकांत अंबष्ठ एवं सुबोध झरिया

उत्तर : औद्योगिक एवं खनन क्षेत्र में नगर निगम नहीं होता है। 2009 में झरिया को किस परिस्थिति में नगर निगम में शामिल किया गया और इसे क्यों प्रखंड होना चाहिए था, इसके लिए नगर विकास विभाग और मुख्यमंत्री को जानकारी दी जा चुकी है। आबादी बहुत अधिक मायने नहीं रखता है, गिरिडीह नगर निगम की आबादी भी चार-पांच लाख है। प्रक्रिया चल रही है। जनगणना के बाद इसे निगम क्षेत्र से अलग कर दिया जाएगा। झरिया को ग्रामीण योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है।

प्रश्न : क्षेत्र में कोरोना वैक्सीन की काफी किल्लत है, कब दूर होगी?

कुणाल झरिया एवं विकास कुमार जीतपुर

उत्तर : केंद्र सरकार से वैक्सीन ही कम मिली है। धनबाद के साथ हर जिले में समस्या है। इसके बाद भी हर जगह पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है। जल्द ही कोविशील्ड की छह लाख डोज मिलने वाली है। अगर आपके नजदीक केंद्र में डोज नहीं है तो कम से कम 20 लोगों को इकट्ठा करें, मोबाइल वैन से टीकाकरण कराया जाएगा। बशर्ते टीका उपलब्ध रहे।

प्रश्न : सरकार की योजनाएं हर वर्ग तक क्यों नहीं पहुंच रही है?

अरुण बोर्रागढ़

उत्तर : जानकारी के अभाव में ऐसा हो रहा है। किसी को कोई समस्या है तो झरिया के मेरे कार्यालय में आकर आवेदन कर सकता है।

प्रश्न : झरिया में पानी की बहुत समस्या है?

गायत्री देवी, मो नौशाद, कामेश्वर एवं सुरेश लोदना

उत्तर : माडा से इस संबंध में बात कर निदान कराने का प्रयास होगा। वार्ड 47 का अधिकतर इलाका अग्नि प्रभावित है। यहां पानी देना बीसीसीएल का काम है, नगर निगम ने भी हाथ पीछे खींच लिया है।

प्रश्न : झारखंड आंदोलनकारियों की सुध कोई नहीं ले रहा है, आखिर क्यों?

भवानी महतो, गोमोह

उत्तर : ऐसा नहीं है। हाल ही में सरकार ने झारखंड आंदोलनकारियों के परिवार वालों को नौकरी एवं पेंशन देने की घोषणा की है। यदि निर्देश में किसी प्रकार की त्रुटि है तो आवेदन दीजिए, आपकी बात विधानसभा सत्र के दौरान पहुंचाई जाएगी।

प्रश्न : वृद्धा पेशन की समस्या है, आवेदन देने के बाद भी कुछ नहीं हुआ?

किशोरी साव, जीतपुर

उत्तर : अंचल आफिस में आवेदन करना होता है। समस्या है तो मेरे कार्यालय में आकर आवेदन दे दें।

प्रश्न : राजा तालाब का सौंदर्यीकरण कब होगा? बहुत से सुन रहे हैं।

राजीव रंजन, मनईटांड़

उत्तर : टेंडर हो गया है। शिलान्यास हो चुका है, काम भी शुरू हो गया है। तीन चरण में राजा तालाब का सौंदर्यीकरण किया जाएगा। बकरीहट्टा, अग्रसेन भवन से शुरुआत हो रही है। आसपास की दुकानों के लिए विकल्प की तलाश होगी। पूरा राजा तालाब देखने लायक होगा।

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