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Jharkhand: CMPF करेगी सरकारी बॉन्ड पर ज्यादा निवेश, 27 को कोयला सचिव व बोर्ड चेयरमैन की दिल्ली में बैठक

Jharkhand कोयला खान भविष्य निधि संगठन अब प्राइवेट सेक्टर पर अपनी राशि का निवेश नहीं करेगी। 70 प्रतिशत से राशि सरकारी बॉन्ड में लगाने को लेकर विचार किया है। करीब सीएमपीएफ का डीएचएलएफ में करीब 750 करोड़ ब्याज लेकर डूबने के बाद अब प्रबंधन कोई भी जोखिम नहीं उठाना चाहती है। इसको लेकर बोर्ड सदस्यों ने भी आपत्ति दर्ज करा दी है।

By Jagran NewsEdited By: Monu Kumar JhaUpdated: Mon, 25 Sep 2023 11:21 AM (IST)
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27 को कोयला सचिव व बोर्ड चेयरमैन की दिल्ली में बैठक

जागरण संवाददाता, धनबाद : कोयला खान भविष्य निधि संगठन (Coal Mines Provident Fund Organization) अब प्राइवेट सेक्टर पर अपनी राशि का निवेश नहीं करेगी। 70 प्रतिशत से राशि सरकारी बॉन्ड (government bonds) में लगाने को लेकर विचार किया है। करीब सीएमपीएफ का डीएचएलएफ (DHLF of CMPF) में करीब 750 करोड़ ब्याज लेकर डूबने के बाद अब प्रबंधन कोई भी जोखिम नहीं उठाना चाहती है। इसको लेकर बोर्ड सदस्यों ने भी आपत्ति दर्ज करा दी है। अब तक कितनी राशि का इसमें निवेश किया गया है। इस पर 27 सितंबर को बोर्ड ऑफ ट्रस्टी की बैठक में मंथन किया जाएगा। बैठक दिल्ली में होगी।

अध्यक्षता कोयला सचिव व बोर्ड के चेयरमैन अमृत लाल मीणा करेंगे। इसमें सीएमपीएफ(CMPF) के आयुक्त वीके मिश्रा, एटक, बीएमएस, सीटू, एचएमएस (BMS, INTUC, HMS, CITU, AITUC) के प्रतिनिधि के साथ नामित सदस्य मौजूद रहेंगे।कोयला सेक्टर(Coal Sector) में ठेका कर्मियों की संख्या लगातार बढ़ रही है। इसको लेकर सीएमपीएफ इंस्पेक्टर और कोयला कामगारों के सीएमपीएफ(CMPF) की सरकारी बॉन्ड स्याओं का जल्द निराकरण हेतु कोयला उद्योग(coal industry) के हर कंपनी में दौरे की स्थिति पर रिपोर्ट पेश होगी।

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सबसे बड़ी समस्या यह है सीएमपीएफ(CMPF) में काम करने वाले कर्मचारियों को लंबे समय से प्रमोशन सहित अन्य सुविधा नहीं मिल पा रही है, जिसको लेकर कोयला सचिव के साथ गंभीरता से मामला को उठाया जाएगा।

विधना पेंशन सहित अन्य मामलों को लेकर सीएमपीएफ प्रबंधन को नए फार्म जारी करते हुए बैंकों के साथ तालमेल कर काम करने के लिए कहा गया है। लंबे समय से जो भी मामले पड़े हैं। उसका निपटारा दो माह में जीरो करने का लक्ष्य था कहां तक इस पर काम हुआ इस पर समीक्षा होगी।

ब्याज दर पर भी होगी चर्चा

ब्याज दर बढ़ाने को लेकर सभी बोर्ड सदस्यों के साथ साथ श्रम संगठनों से बातचीत कई जाएगी। ब्याज दर हर हाल में नहीं घटने दिया जाएगा यूनियन सदस्यों को कहना है। इसको लेकर जरूरत पड़ी तो आंदोलन भी करने की बात कही जा रही है।

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