Jharkhand: कोयला मजदूरों का तीन दिवसीय हड़ताल, श्रमिकों की ये है मांग; दिल्ली में कोल इंडिया ने बुलाई बैठक
कोल इंडिया व सिंग्रनी कंपनी में काम करने वाले कोयला मजदूरों ने 5 से 7 अक्टूबर तक तीन दिवसीय हड़ताल का एलान किया है। इससे आने वाले समय में कोयला सेक्टर के क्षेत्र में अशांति फैलने की आशंका है। अब इस पूरे मामले को लेकर इंडिया प्रबंधन ने 27 सितंबर को नई दिल्ली में पांचों केंद्रीय यूनियन की बैठक बुलाई है।
जागरण संवाददाता, धनबाद : कोल इंडिया व सिंग्रनी कंपनी में कार्यरत कोयला मजदूरों को कोयला मंत्रालय के ऑफिस मेमोरेंडम ने बवाल मचा दिया है। बीएमएस, इंटक, एचएमएस, सीटू व एटक ने पूरे मामले को लेकर 5 से 7 अक्टूबर तक तीन दिवसीय हड़ताल का नोटिस दिया है।
इससे पूरे कोयला सेक्टर में औद्योगिक अशांति फैल गई है। पूरे मामले को लेकर के इंडिया प्रबंधन ने 27 सितंबर को नई दिल्ली में साढ़े नौ बजे पांचों केंद्रीय यूनियन की बैठक बुलाई है।
इसको लेकर उच्च स्तरीय बैठक बुलाई है। बैठक में कोल इंडिया चेयरमैन पीएम प्रसाद, कोल इंडिया डीपी विनय रंजन मुख्य रूप से शामिल होंगे। साथ ही कई कंपनियों के सीएमडी को भी बैठक में रहने के लिए कहा गया है। उन्हें जल्द पत्र भेजा जाएगा।
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27 को दिल्ली में होगी बैठक
बीएमएस के केंद्रीय नेता व कोयला प्रभारी जेबीसीसीआई सदस्य (JBCCI Member) के लक्ष्मा रेड्डी ने गुरुवार को दैनिक जागरण को बताया कि बैठक को लेकर कोल इंडिया प्रबंधन का पत्र मिला है। 27 को दिल्ली में बैठक होगी। यूनियन भी आपस में बैठक कर रणनीति पर चर्चा करेगी। हमारा मकसद है कि कोयला श्रमिकों का वेतन बढ़ोतरी में आंच नहीं आए। साथ ही वेतन व सुविधा को लेकर आंच नहीं आए। नहीं तो पूरी एक जुटता के साथ आंदोलन होगा।
मालूम हो कि कोयला मंत्रालय ने कोल इंडिया पर गुमराह कर कोयला वेतन समझौता 11 वां को जारी करने का अनुमोदन कराने की बात कही है। इससे करीब 2.62 हजार कोयला कर्मियों के वेतन को लेकर सवाल खड़ा हो गया है। भारत सरकार कोयला मंत्रालय के अंडर सेक्रेटरी अरविंद कुमार ने पत्र जारी किया है। कोयला मंत्रालय के अंडर सेक्रेटरी अरविंद कुमार द्वारा जारी यह ऑफिस मेमोरेंडम जबलपुर हाईकोर्ट के वेतन समझौता 11 वां को लेकर 22 जून, 2023 को दिए गए।
हाईकोर्ट ने मंत्रालय द्वारा दी गई मंजूरी को रद्द करने का दिया आदेश
अनुमोदन को रद्द करने के फैसले के संदर्भ में है। इसमें यह भी बताया गया है कि उच्च न्यायालय के निर्देशानुसार निर्णय लेने के लिए मामला डीपीई को भेजा गया है। कोल अधिकारियों की याचिका पर जबलपुर हाईकोर्ट ने एनसीडब्ल्यए - 11 को लागू करने के लिए कोयला मंत्रालय द्वारा दी गई मंजूरी को रद्द किया।
लोक उद्यम विभाग को आदेश जारी होने के 60 दिनों के भीतर यह बताने को कहा गया है कि उसके कार्यालय ज्ञापन 24 नवम्बर, 2017 का उल्लंघन हुआ है या नहीं। बैठक में मुख्य रूप से बीएमएस के के लक्ष्मा रेड्डी, इंटक से अनूप सिंह, एके झा, एटक रमेंद्र कुमार, अशोक यादव, सीटू डीडी रामानंदन, आरपी सिंह सहित एचएमएस के प्रतिनिधि मौजूद रहेंगे।
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