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Jharkhand Foundation Day: 22 बरस का हो चुका अपना झारखंड... जानें कितना बदल गया धनबाद

22 वर्षों में न सिर्फ झारखंड बल्कि देश की कोयला राजधानी कहे जाने वाला धनबाद भी काफी हद तक बदल चुका है। 22 साल पहले जिन इलाकों में लोग पगडंडियों से होकर गुजरते थे आज वहां चौड़ी चमचमाती सड़कें हैं। ऊंची-ऊंची इमारते हैं अपनी यूनिवर्सिटी है।

By Jagran NewsEdited By: Deepak Kumar PandeyUpdated: Tue, 15 Nov 2022 12:21 PM (IST)
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आज अपना राज्‍य 22 वर्ष का हो गया।
जागरण संवाददाता, धनबाद: आज भगवान बिरसा की जयंती है। वही बिरसा मुंडा, जिन्‍होंने उलगुलान की राह पर चल कर अपने प्राण न्‍योछावर कर दिए। उनके उलगुलान की ही ताकत थी कि अंग्रेजों ने आदिवासियाें के हक में कानून बनाए। जब अलग झारखंड राज्य बना तो इसकी नींव भी 22 वर्ष पहले बिरसा आबा की जयंती के दिन 15 नवंबर को ही रखी गई। यानी आज अपना राज्‍य 22 वर्ष का हो गया।

इन 22 वर्षों में न सिर्फ झारखंड, बल्कि देश की कोयला राजधानी कहे जाने वाला धनबाद भी काफी हद तक बदल चुका है। 22 साल पहले जिन इलाकों में लोग पगडंडियों से होकर गुजरते थे, आज वहां चौड़ी, चमचमाती सड़कें हैं। ऊंची-ऊंची इमारते हैं, अपनी यूनिवर्सिटी है। इन्‍हीं बदलावों ने धनबाद के विकास की कहानी लिखी और बदलाव के इतिहास में मील का पत्‍थर साबित हुईं।

धनबाद की झोली में आया बीबीएमकेयू

धनबाद की झोली में बिनोद बिहारी महतो कोयलांचल विश्वविद्यालय आया। पहले हजारीबाग के अधीन धनबाद के काॅलेज अब इसी विश्‍वविद्यालय के अधीन हो गए। धनबाद के साथ बोकारो के काॅलेज भी बीबीएमकेयू में आ गए। अभी पालिटेक्निक परिसर में संचालित विश्‍वविद्यालय का भेलाटांड़ में नया भवन बन कर तैयार है। इसी साल नए कैंपस में शिफ्टिंग होगी।

राज्य की पहली आठ लेन सड़क ले रही आकार

गोल बिल्डिंग से लेकर कांको मठ तक 417 करोड़ की लागत से बन रही राज्य की पहली आठ लेन सड़क की सौगात धनबाद के लोगों को मिली। तमाम उतार-चढ़ाव के बाद अब यह आकार लेने लगी है। 70 फीसद काम पूरा हो चुका है। अगले कुछ माह में यह सड़क विधिवत शुरू हो जाएगा। 20 किमी की यह सड़क बोकारो होते हुए रांची की दूरी कम करने के साथ ही आसान भी करेगी। इस सड़क के कारण हीरक रोड में नया धनबाद भी तेजी से विकसित हो रहा है।

माॅडल, सीबीएसई व अपग्रेड किए गए जिले के सरकारी स्कूल

प्राथमिक व मध्य विद्यालयों के बाद हाई स्कूलों भी माडल स्कूल बनेंगे। जिले के 262 विद्यालयों को लीडर स्कूल बनाने की कवायद शुरू की गई है। साथ ही एसएसएलएनटी राजकीय बालिका प्लस टू स्कूल धनबाद, कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय निरसा तथा जिला स्कूल धनबाद को सीबीएसई स्कूल बनाने की तैयारी शुरू हो चुकी है।

सात हाई स्कूलों को बनाया गया प्लस टू स्कूल

जिले के सात सरकारी हाई स्कूलों में 11वीं व 12वीं की पढ़ाई शुरू की गई है। अब ये स्कूल उत्क्रमित प्लस टू विद्यालय के नाम से जाने जाएंगे। प्लस टू बनने वाले स्कूलों में उच्च विद्यालय धनबाद, उत्क्रमित उच्च विद्यालय परसबनिया, प्रोजेक्ट उच्च विद्यालय मनियाडीह, शिवाजी उच्च विद्यालय बेनागोड़िया, राज्य संपोषित उच्च विद्यालय बाघमारा, गंगा नारायण उच्च विद्यालय कतरासगढ़ व शंकर दयाल उच्च विद्यालय रोआम शामिल हैं।

दो वेंडिंग मार्केट में 422 फुटपाथ दुकानों को ठौर

फुटपाथ से अतिक्रमण हटाने, बिना वजह जाम की समस्या से निजात दिलाने के लिए नगर निगम ने दाे वेंडिंग मार्केट जोन बनाया है। झरिया के बनियाहीर में एक करोड़ 98 लाख रुपये की लागत से 232 दुकानें बनाई गई हैं। यहां स्ट्रीट वेंडर दुकानदारी भी कर रहे हैं। 190 दुकानदारों के लिए दूसरा वेंडिंग मार्केट कोहिनूर मैदान में बनकर तैयार है। मंगलवार को स्थापना दिवस पर इसका उद्घाटन होगा। इतने ही फुटपाथ दुकानदारों को यहां बसाने का लक्ष्य रखा गया है। यहां शौचालय एवं गार्ड रूम भी है।

शहरवासी भी जान सकेंगे प्रदूषण का स्तर

धनबाद के लोग भी अब अपने शहर का प्रदूषण स्तर रियल टाइम में जान सकेंगे। लुबी सर्कुलर राेड के नगर निगम मुख्यालय में सेंट्रल कमांड कंट्रोल सेंटर बनाया गया है। हर सेकेंड प्रदूषण का स्तर डिस्पले हो रहा है। इसमें पीएम-10 और पीएम-2.5 के आंकड़े शामिल हैं। इसका आंकड़ा केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को भेजा जाएगा। इसके लगभग आठ करोड़ की लागत से बनाया गया है। प्रदूषण के स्तर के आधार पर पर्यावरण संरक्षण की दिशा में कार्ययोजना बनेगी।

जाम से निजात दिलाएगा मल्टीस्टोरी पार्किंग

धनबाद में सड़क जाम बड़ी समस्या है। इसमें वाहनों का जहां-तहां बेतरतीब तरीके से खड़े करना शामिल है। इस समस्या को ध्यान में रखते नगर निगम अपने बैंक मोड़ के पुराने कार्यालय में 25 करोड़ की लागत से मल्टीस्टोरी पार्किंग बना रहा है। काम शुरू हो चुका है। पांच मंजिला भवन होगा। यहां छोटी-बड़ी लगभग 250 गाड़ियां एक साथ खड़ी हो सकेंगी। अगले एक वर्ष में इसे पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। आगामी वर्ष में बैंक मोड़ की जाम की समस्या काफी हद तक कम हो जाएगी।

धनबाद में बढ़ रहे मनोरंजन के साधन

14 वर्ष पहले 2008 में मल्टीप्लेक्स का पदार्पण सरायढेला के ओजोन गैलेरिया में हुआ था। पिछले वर्ष आइनाॅक्स के दूसरे मल्टीप्लेक्स की शुरुआत प्रभातम माल मेमको मोड़ में हुई। यहां भी ओजोन गैलेरिया की तरह चार स्क्रीन हैं। सिटिंग क्षमता 996 लोगों की है। एक दिन में चारों स्क्रीन पर 16 शो चलते हैं। कहने का तात्पर्य है कि सिंगल स्क्रीन रे और पूजा टाॅकीज की मौजूदगी में मल्टीप्लेक्स संस्कृति भी तेजी से विकसित हुई। इसके साथ ही खरीदारी के लिए बैंक मोड़, सरायढेला, हीरापुर में कई बड़े माॅल भी खुले।

आइआइटी आइएसएम में गगनचुंबी इमारतें कर रहीं धनबाद का सिर ऊंचा

देश के बड़े व पुराने आइआइटी आइएसएम धनबाद की तरक्की की कहानी उसकी गगनचुंबी इमारतें कह रही हैं। चार-चार टवींस टावर धनबाद को देश के बड़े आइआइटी की कतार में प्रमुखता से खड़ी कर रही हैं। वर्तमान में रिसर्च एंड डेवलपमेंट (आरएंडडी) के तहत 29 करोड़ का प्रोजेक्ट आइआइटी आइएसएम में चल रहा है। इसे बढ़ाकर 100 करोड़ रुपये करने की योजना है।

आरएंडडी के बाद पेटेंट पर मुख्य रूप से फोकस किया जा रहा है। एनआइआरएफ में आइआइटी आइएसएम को इंजीनियरिंग में देशभर में 14वीं व ओवरऑल 38वीं रैंक मिली हुई है। संस्थान अपने शैक्षणिक कार्यक्रमों, छात्र शक्ति, आरएंडडी गतिविधियों, अनुसंधान प्रकाशनों, अनुसंधान और विकास गतिविधियों के लिए बाह्य वित्त पोषण, उद्योग संस्थान सहयोग, अंतरराष्ट्रीय प्रयासों, बुनियादी ढांचे और तकनीकी विकास में लगातार बढ़ रहा है।

सदर अस्पताल में सामान्य चिकित्सकीय सेवा शुरू

40 वर्षों के बाद कोट मोड़ स्थित सदर अस्पताल में चिकित्सकीय सेवा एक बार फिर से शुरू हो गई है। 1979 में सदर अस्पताल को एमबीबीएस की मान्यता को लेकर मेडिकल कॉलेज में मर्ज कर दिया गया था। वर्ष 2017 में नवनिर्मित सदर अस्पताल बनकर तैयार हुआ। अब तमाम प्रकार की चिकित्सकीय सुविधाएं शुरू हो गई है।

सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल की सेवा भी जल्द

प्रधानमंत्री सुपर स्पेशलिटी अस्पताल की सुविधा भी धनबाद निवासियों को जल्द मिलने वाली है। 167 करोड़ रुपए की लागत से बने इस अस्पताल का उद्घाटन मार्च 2023 में हो सकता है। कार्डियोलॉजी, न्यूरोलाॅजी समेत आठ विभिन्न असाध्य रोगों का इलाज यहां पर हो पाएगा। केंद्र और राज्य सरकार दोनों के अनुदान पर बन रहा है।

जल्द खुलेगा निरसा का रेफरल अस्पताल

निरसा के पांड्रा में बने 5 करोड़ रुपए की लागत से बना रेफरल अस्पताल भी खोलने की पहल शुरू हो गई है। अस्पताल को लेकर विभागीय अधिकारियों का दौरा हो रहा है। वर्ष 2023 में अस्पताल को खोल दिया जाएगा। एक लाख से ज्यादा आबादी को इससे लाभ मिलेगा।

धनबाद स्टेशन के दक्षिणी छोर को मिला अंडरपास

धनबाद स्टेशन के दक्षिणी छोर पर प्रस्तावित अंडरपास बन कर तैयार हो गया। अब इससे होकर गाड़ियां भी चलने लगी हैं। अंडरपास बन जाने से धनबाद स्टेशन की ओर जानेवाले वाहनों का दबाव काफी हद तक कम हो गया है। पुराना बाजार रेल फाटक से होकर नई सड़क बन जाने से रेलवे इंस्टीट्यूट कालोनी से बरमसिया तक जानेवाली गाड़ियों को नया विकल्प मिल गया है।

आठ लेन सड़क को मिला नया अंडरपास, जाम से मिली मुक्ति

आठ लेन सड़क से कतरास को जोड़ने वाली सड़क को नया अंडरपास मिल गया है। दशकों से सिंगल अंडरपास के कारण हर दिन जाम की स्थिति बनती थी। अब नए अंडरपास से वाहनों की आवाजाही सुगम हो गई है। आठ लेन पूरी तरह तैयार हाते ही परिवहन सेवा और बेहतर हो सकेगी।

विश्‍वस्तरीय स्टेशनों की सूची में धनबाद शामिल

स्टेशन पुर्नविकास परियोजना के तहत विश्वस्तरीय स्टेशन के रूप में विकसित करने के लिए पूर्व मध्य रेल के कुल 12 स्टेशनों का चयन किया है जिनमें धनबाद भी शामिल है। इसका काम पूरा हो जाने से यात्रियों को एयरपोर्ट जैसी विश्वस्तरीय सुविधाएं मिल सेकेंगी। जरूरत के मुताबिक, रेलवे की खाली जमीन पर माल, होटल समेत दूसरी सुविधाओं का विस्तार भी किया जा सकेगा।

धनबाद में रेलवे का पहला शाॅपिंग माॅल और बहुमंजिला रेल आवास

धनबाद के ओल्ड स्टेशन कालोनी और गजुआटांड़ वाले हिस्से में रेलवे का पहला शाॅपिंग माॅल जल्‍द बन कर तैयार होगा। रेल भूमि विकास प्राधिकरण के तहत प्रोजेक्ट की सारी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। यहां 60407 वर्गमीटर में आवासीय विकास और शेष 21381 वर्ग मीटर जमीन में बहुमंजिला रेल आवास बनेंगे।

धनबाद की झोली में आई अलेप्पी एक्सप्रेस

झारखंड की बड़ी आबादी को केरल के साथ-साथ चेन्नई और खास तौर पर वेल्लूर ले जाने वाली धनबाद-अलेप्पी एक्सप्रेस पूरी तरह धनबाद की झोली में आ गई। पहले धनबाद और टाटा से दो हिस्से में बंट कर चलने वाली ट्रेन अब धनबाद की है। हाल में इस ट्रेन को राजधानी एक्सप्रेस की तरह एलएचबी रैक भी मिल गए हैं।

झरिया और टुंडी को मिले दो नए माॅडल काॅलेज

झरिया और टुंडी को नए माॅडल काॅलेज मिले हैं। दोनों काॅलेजों का नया भवन भी बन कर तैयार है। अगले साल से दोनों काॅलेजों में स्‍नातक की पढ़ाई शुरू हो जाएगी। इससे झरिया और टुंडी की झोली में दो-दो काॅलेज आ जाएंगे।

समाहरणालय की सौगात

संयुक्त बिहार के समय से ही यहां उपायुक्त कार्यालय पुराने भवन में चल रहा है। लंबे समय से नए समाहरणालय भवन की मांग उठ रही थी। झारखंड बनने के 22 साल बाद धनबाद में नया भव्य समाहरणालय पंडुकी में बनकर तैयार हो गया है। बहुत जल्द उपायुक्त कार्यालय को वहां शिफ्ट कराया जाएगा।

अदालत भवन का तोहफा

धनबाद में अंग्रेजों के समय से पुराने भवन में अदालत चल रहा है। झारखंड बनने के बाद धनबाद में पहली बार भव्य अदालत भवन बनाया गया है। पंडुकी में अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस अदालत भवन बनकर तैयार है।

शहर को मिला पार्क का तोहफा

धनबाद शहर में पार्क का संकट था। झारखंड बनने के बाद शहर में कई पार्क बनाए गए हैं। बिरसा मुंडा पार्क एवं गोल्फ ग्राउंड पार्क आज शहर के लोगों के आकर्षण का केंद्र है। बिरसा मुंडा पार्क में दूर-दराज से सैलानी पिकनिक मनाने के लिए भी जुटते हैं।

गोविंदपुर-साहिबगंज सड़क

झारखंड के लोगों के लिए गोविंदपुर-साहिबगंज सड़क एक बड़ा तोहफा है। इस सड़क के बनने से संताल परगना से लेकर बिहार तक आना-जाना काफी सुगम हो गया है। गोविंदपुर एवं टुंडी के ग्रामीणों की अर्थव्यवस्था भी इस सड़क के कारण मजबूत हुई है।

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