Jharkhand Government School: इस विद्यालय के बच्चे बेंच डेस्क पर नहीं जमीन पर बैठकर करते पढ़ाई
सरकारी स्कूलों में बेंच-डेस्क और वायरिंग के लिए राशि दी गई थी लेकिन ऐसी सूचना मिल रही है कि अभी भी कई स्कूलों में बच्चे जमीन पर बैठ कर पढ़ाई करने को विवश है। उक्त बातें निदेशक ने जारी पत्र में कही है।
By Atul SinghEdited By: Updated: Fri, 05 Aug 2022 11:34 AM (IST)
जागरण संवाददाता, धनबाद : सरकारी स्कूलों में बेंच-डेस्क और वायरिंग के लिए राशि दी गई थी लेकिन ऐसी सूचना मिल रही है कि अभी भी कई स्कूलों में बच्चे जमीन पर बैठ कर पढ़ाई करने को विवश है। उक्त बातें निदेशक ने जारी पत्र में कही है। निदेशक ने सरकारी स्कूलों में बेंच-डेस्क व बिजली वायरिंग की समस्या दूर करने की दिशा में कदम उठाया है। झारखंड शिक्षा परियोजना ने जिलों से बिजली वायरिंग व बेंच-डेस्क की अतिरिक्त आवश्यकता संबंधी रिपोर्ट मांगी है।
16 अगस्त तक परियोजना को रिपोर्ट भेजनी है। रिपोर्ट नहीं मिलने पर यह समझा जाएगा कि जिले में अतिरिक्त बेंच-डेस्क की आवश्यकता नहीं है। यह भी रिपोर्ट देनी है कि कितने बेंच-डेस्क अच्छी स्थिति तथा कितने की मरम्मत की आवश्यकता है। परियोजना ने जारी पत्र में जिला शिक्षा पदाधिकारी और जिला शिक्षा अधीक्षक से कहा है कि क्षेत्र भ्रमण से यह जानकारी मिल रही है कि अब भी कई विद्यालयों में बेंच-डेस्क की सुविधा पूरी तरह से उपलब्ध नहीं हो पायी है। बच्चे जमीन पर बैठक शिक्षा प्राप्त करने को बाध्य हैं।
जिले के बीईईओ, सहायक अभियंता, कनीय अभियंता के माध्यम से स्कूलों में बेंच-डेस्क की आवश्यकता का आकलन कराते हुए विद्यालयवार रिपोर्ट मांगी गई है। दो तरह फार्मेट यानी की फार्मेट क में प्रारंभिक विद्यालयों तथा फार्मेट ख में हाईस्कूल व प्लस टू स्कूलों की रिपोर्ट देनी है।वहीं दूसरी ओर वित्तीय वर्ष 2016-17 में राज्य कार्यालय ने सरकारी स्कूलों को बिजली की इंटरनल वायरिंग की सुविधा के लिए राशि उपलब्ध कराई थी। अब भी कई स्कूलों में इंटरनल वायरिंग नहीं है। इस कारण बिजली की सुविधा नहीं मिल पा रही है। आईसीटी लैब की स्थापना नहीं हो पा रही है। इस कारण संबंधित प्रखंड इंटरनल वायरिंग की आवश्यकता का आकलन करते हुए रिपोर्ट 16 अगस्त तक भेजें।
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