हलपेक की चपेट में आने से दो लोगों की मौत बवाल, आक्रोशित लोगों पर की गई फायरिंग, छावनी में तब्दील हुआ इलाका
Jharkhand News in Hindi धनबाद के लोदना में हलपैक की चपेट में आने से हुई दो कर्मियों की मौत पर खूब बवाल हुआ। आक्रोशित लोगों ने खूब तोड़फोड़ की। पूरा इलाका पुलिस छावनी में तब्दील हो गया। प्रशासन ने लोगों को समझाने की काफी कोशिश की लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। घटना के दौरान मौके पर काफी संख्या में स्थानीय लोग व मजदूर पहुंच गए।
संवाद सहयोगी, तिसरा-अलकडीहा-लोदना। Jharkhand News in Hindi: लोदना क्षेत्र के देव प्रभा आउटसोर्सिंग परियोजना में मंगलवार दोपहर लगभग 12:30 बजे ओबी डंपिंग करने जा रहे हालपेक की चपेट में आने से कैंपर चालक लोदना श्रमिक कल्याण निवासी 30 वर्षीय जय चौहान व इंचार्ज भूली निवासी 25 वर्षीय रज्जी इमाम अली की मौत घटनास्थल पर ही हो गई।
गैस कटर से काटकर शवों को निकाला गया बाहर
घटना की जानकारी मिलते ही आसपास के काफी संख्या में लोग घटना स्थल पहुंचे। कैंपर पूरी तरह चपटा हो गया। मौके पर मौजूद स्थानीय लोग व मजदूरों ने जमकर विरोध किया।
घटना की जानकारी मिलते ही डीएसपी अभिषेक कुमार, झरिया अंचलाधिकारी प्ररेश कुशवाहा, घनुडीह ओपी प्रभारी मुकेश कुमार सिंह आक्रोशित लोगों को समझा-बुझाकर शांत कराने की काफी कोशिश की, लेकिन इसका कोई फायदा नहीं हुआ।
लगभग तीन घंटे बाद आक्रोशित लोगों को शांत करा कर कंपनी से गैस कटर मंगवाया गया और दोनों को गैस कटर से कटकर बाहर निकल गया।
पाकलेन ने कुछ दूरी तक कैंपर को घसीटते हुए ले गया
घटना के दौरान वहां मौजूद मजदूरों ने बताया कि पाकलेन कैंपर को अपनी चपेट में लेते हुए कुछ दूरी तक घसीटते हुए ले गया। इस दौरान विपरीत दिशा से आ रही एक दूसरे पाकलेन के चालक ने उक्त पाकलेन के चालक को इसकी जानकारी भी दी। इसके बावजूद चालक को समझ में नही आया। कुछ दूरी के बाद पाकलेन ने उसे अपने पुरी चपेट में ले लिया।
लोगों ने किया पुलिस, नेता व परियोजना के गाड़ी पर पथराव
घटना के दौरान मौके पर काफी संख्या में स्थानीय लोग व मजदूर पहुंच गए। घटना को देख आक्रोशित लोगों ने पुलिस, नेता और परियोजना के वाहनों पर पथराव कर दिया। लोगों ने जनता मजदूर संघ के नेता संजीत सिंह, घनुडीह ओपी पुलिस की गश्ती वाहन, झरिया पुलिस के वाहन व सीआईएसएफ की गाड़ी पर पथराव कर उन्हें क्षतिग्रस्त कर दिया।
इसके अलावा, वहां खड़े दो हालपेक पर भी पथराव कर दिया। इस दौरान वहां मौजूद पुलिस व सीआईएसएफ जवानों के साथ आक्रोशित लोगों का नोकझोक भी हुआ। मौके पर सीआईएसएफ के एक अधिकारी के साथ लोगों ने मारपीट भी की। विवाद बढ़ता देख आसपास के विभिन्न थानों की पुलिस मौके पर पहुंच मोर्चा संभाला।
लोगों ने बताया कि रज्जी इमाम अली ओबी डंपिंग का निरीक्षण कर वापस आउटसोर्सिंग लौट रहा था। तभी पांडेबेरा जोड़ियां के समीप हालपेक ने कैंपर में सीधे टक्कर मार दिया। आक्रोशित लोगों ने कहा कि आउटसोर्सिंग कंपनी व प्रबंधन ने बस्ती के बीच से भारी वाहन के लिए रास्ता निकाला है। लोगों ने कई बार इस रास्ते को बंद करने की मांग की है।
घटना के बाद पहुंचे विभिन्न यूनियन के नेता
घटना की जानकारी मिलने पर मजदूर नेता व मृतक जय के स्वजन बिहारीलाल चौहान, संजीत सिंह, ललन पासवान, अनिल सिंह, शिव पासवान, मल्लू सिंह, मुखिया प्रतिनिधि मनोज सिंह, प्रीतम रवानी, मुन्ना सिंह, पूर्व पार्षद रविंद्र प्रसाद, संजय निषाद, संजय महतो, राजीव पांडे, रितेश यादव, मनीष यादव, रविकांत पासवान आदि लोग मौके पर पहुंचे। घटना के लिए आउटसोर्सिंग प्रबंधन को जिम्मेदार ठहराया। मुआवजा व नौकरी की मांग की। घटना के दोषी पर कार्रवाई और निष्पक्ष जांच की मांग की है।
लोगों के सब्र का टूटा बांध
घटना के बाद आक्रोशित लोगों के सब्र का बांध लगभग चार बजे के बाद टूट गया। घटनास्थल से सैकड़ों की संख्या में आक्रोशित लोग कुजामा परियोजना की तरफ दौड़े। परियोजना में स्थित एक पोकलेन को आग लगा दी। सुशी आउटसोर्सिंग में भी आक्रोशित लोगों ने एक पाकलेन को आग के हवाले कर दिया।
एक डोजर मशीन का शीशा तोड़ दिया। अन्य वाहनों पर पत्थरबाजी हुई। लोग कैंप की तरफ जा रहे थे कि उसी समय दूसरी ओर से आउटसोर्सिंग समर्थक कैंप की तरफ से परियोजना में पांच राउंड गोली चला दी गई। गोली की आवाज सुन आक्रोशित लोग भाग खड़े हुए।
इसी दौरान सिंदरी डीएसपी अभिषेक कुमार भी दल-बल के साथ पहुंचे और मोर्चा संभाला। दमकल व बीसीसीएल का टैंकर मंगाकर आग पर नियंत्रण किया गया। कंपनी को भी काफी नुकसान होने की बात कही जा रही है।
अलग-अलग खेमे में दिखे कोयलांचल के संगठन
कोयलांचल के दो बड़े संगठन यहां भी अलग-अलग खेमे में दिखे। हालांकि, बाद में दोनों लोग और अन्य ट्रेड यूनियन लोदना गेस्ट हाउस में वार्ता में पहुंचे। घटना के बाद जनता मजदूर संघ के नेता संजीत सिंह ललन पासवान के नेतृत्व में लोग उक्त स्थल पर पहुंचे। आक्रोशित लोग पथराव कर रहे थे। एक पत्थर इनके वाहन पर लगा।
इसके बाद ये लोग मोहरी बांध की तरफ चले गए। बच्चा गुट के नेता मल्लू सिंह, मुन्ना सिंह, मनोज सिंह, कांग्रेस नेता प्रीतम रवानी, पूर्व पार्षद रविंद्र प्रसाद भी पहुंचे। दोनों गुट अपना-अपना श्रेय लेने में लगे रहे। सफेद शर्ट वाले और काले शीशे वाले वाहन को आक्रोशित लोग निशाना बना रहे थे।
आक्रोशित लोगों ने कहा कि सफेद शर्ट में जो भी लोग आए हैं वे लोग कंपनी के दलाल हैं। बस क्या था जिधर भी सफेद शर्ट वाले दिखते लोग उनसे उलझ पड़ते। यहां तक कि लोगों ने एक नेता की भी पिटाई कर दी। मामला किसी तरह शांत हुआ।
डीएसपी को आक्रोशित महिलाओं का करना पड़ा सामना
मौके पर मौजूद महिलाओं का आक्रोश चरम पर था। डीएसपी अभिषेक कुमार व पुलिस प्रशासन सहित अंचलाधिकारी को घेर कर महिलाएं कह रही थी कि जबरन बस्ती के बीच से जोरिया पर पुल बनाकर रास्ता बना दिया गया, जिससे लोगों को काफी कठिनाई होती है।
जब हम लोग विरोध करते हैंं, तो आपका पुलिस प्रशासन हमें गालियां देती है। कंपनी के लोग यहां आते हैं। विरोध कर रहे हैं लोगों को जबरन हटा देते हैं। महिलाओं ने कहा कि चालक नहाते वक्त फोटो भी खींचते हैं इसलिए इस रास्ता को बंद करें। तभी भलाई है। डीएसपी ने कहा कि उनकी फरियाद सुनी जाएगी।
दो माह पूर्व पहले भी हो चुकी है घटना
आक्रोशित लोगों का कहना है कि दो माह पूर्व इसी परियोजना में कंपनी के ठेकेदार राहुल नामक व्यक्ति काे कैंपर व हालपेक से धक्का लग गया था। इस दौरान मौके पर मौजूद मजदूर बाल-बाल बच गए थे इसलिए परियोजना के अधिकारियों ने मामला को दबा दिया।
भारी वाहन चलाने वालों की नही होती है नियमित जांच
मौके पर मौजूद आक्रोशित लोगों ने कहा कि भारी वाहन चलाने वालों की नियमित जांच नही होती है। जिसका परिणाम है आज की यह घटना। दबंग ठेकेदार होने के कारण बीसीसीएल प्रबंधन, नेता व डीएमएस के अधिकारी भी कार्रवाई करने से डरते हैं। लोगों का कहना है कि जो भी विरोध करता है उसको या तो खरीद लिया जाता है या डरा दिया जाता है। जिस वजह से चाह कर भी लोग विरोध नहीं कर पाते हैं।
बीस दिन पूर्व ही जय चौहान की लगी थी परियेाजना में नौकरी
20 दिन पहले ही जनता मजदूर संघ के नेता ललन पासवान ने जय चौहान की नौकरी लगवाई थी। उसकी वेतन भी नहीं मिला था। जय चौहान दो भाई है। बड़ा भाई दिनेश चौहान उर्फ पांरे चौहान जबकि मां फुलवा देवी बहन तारा देवी, मानो देवी, सहित तीन बहनें हैं।
घटनास्थल पर मां, भाई व बहन अपने स्वजन के साथ पहुंचे। स्वजनों का रो- रोकर बुरा हाल था। मां बोल रही थी कि पिता के मरने के बाद इस बेटे से काफी उम्मीद थी। वह भी छिन गया। मृतक जय चौहान का डेढ़ साल की एक छोटी बच्ची भी है।
इधर धनबाद भूली के रहने वाले रज्जी इमाम अली के पिता जफर अली मौके पर पहुंचे। उनका भी रो-रोकर बुरा हाल था। जफर अली ने कहा कि बेटे का कुछ दिन बाद निकाह होने वाला था। कार्ड भी छप गया था। अल्लाह को जो मंजूर था वह हुआ। साहिल इमाम अली, निसार इमाम अली सहित तीन भाई थे। रज्जी घर का खर्च चलाता था।
परियोजना में नही है कोई सुरक्षा व्यवस्था
कोयला इस्पात मजदूर पंचायत के नेता और परिजन के रिश्तेदार बिहारी लाल चौहान ने कहा कि घटना के लिए पूरी तरह प्रबंधन जिम्मेवार है क्योंकि सुरक्षा की कोई व्यवस्था नहीं है।
बिना सुरक्षा के नियम को ताक पर रखकर आउटसोर्सिंग में काम कराया जाता है। सुरक्षा समिति की बैठक भी नहीं होती है। हमारी मांग है कि इस तरह बिना सुरक्षा काम नहीं कराया जाए ताकि इस तरह की घटना दोबारा ना हो।
15 लाख मुआवजा के बाद उठा मृतकों का शव
दो कर्मियों की दर्दनाक मौत के मामले में मृतकों के आश्रितों को मुआवजा दिलाने के मुद्दे पर देर रात तक वार्ता हुई। लोदना क्षेत्रीय कार्यालय में क्षेत्रीय प्रबंधन, देवप्रभा आउटसोर्सिंग परियोजना के प्रबंधन व यूनियन नेताओं के बीच लगभग चार घंटे तक चली वार्ता में समझौता हो गया।
वार्ता में मृतक के आश्रितों को 15-15 लाख मुआवजा तथा मृतक के अंतिम संस्कार के लिए 40-40 हजार रुपये देने पर सहमति बनी। समझौता के बाद परियोजना में पड़े मृतकों के शव को पुलिस ने अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए धनबाद भेजा दिया। तब जाकर आम जनता का आंदोलन समाप्त हुआ और परियोजना में काम चालू हुआ।