Jharkhand News: डॉक्टर के बिना नाम का चल रहा मनोचिकित्सा विभाग, हर दिन रेफर हो रहे मरीज
Jharkhand News धनबाद जिले के शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल का मनोचिकित्सा विभाग का ओपीडी वैसे तो हर दिन खुल रहा हैलेकिन ओपीडी में मनोचिकित्सक नहीं है। जिस कारण हर दिन 15 से 20 मरीज रांची रिम्स अथवा दूसरे संस्थान भेज दिए जा रहे हैं। सिविल सर्जन ने कहा अस्पताल को जल्द और भी कई सुविधाएं मिलेंगी।
जागरण संवाददाता, धनबाद: शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (Hospital) का मनोचिकित्सा विभाग (Department of Psychiatry) का ओपीडी हर दिन खुल रहा है, लेकिन ओपीडी में मनोचिकित्सक नहीं है। मजबूरी में गंभीर मरीजों को अस्पताल प्रबंधन रांची रिम्स अथवा दूसरे संस्थान भेज रहा है। जबकि सामान्य मरीजों को मेडिसिन विभाग भेज दिया जा रहा है।
बिना डॉक्टर नाम का चल रहा मनोचिकित्सा विभाग (Department of Psychiatry), हर दिन रेफर हो रहे मरीज, धनबाद शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल का मनोचिकित्सा विभाग का ओपीडी हर दिन खुल रहा है, लेकिन ओपीडी (Hospital) में मनोचिकित्सक नहीं है। ऐसे में हर दिन 15 से 20 मरीज रांची रिम्स या दूसरे संस्थान भेजे जा रहे हैं।
ऐसे में यहां आने वाले 15 से 20 गंभीर मरीजों को हर दिन बाहर रेफर किया जा रहा है। अस्पताल प्रबंधन ने इस संबंध में मुख्यालय रांची से मनोचिकित्सक (Psychiatrist) की मांग की है। दूसरी और गंभीर मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
यह भी पढ़ें: Jharkhand News: तीन बार नोटिस का नहीं दिया जवाब,ब्लैक लिस्टेड होगी एजेंसी; ग्रामीण कार्य विभाग को मिला था ठेका
पीजी ब्लॉक में किया गया है वार्ड को शिफ्ट
मनोचिकित्सा विभाग (Department of Psychiatry) को अस्पताल के मुख्य ओपीडी से बगल के पीजी बिल्डिंग में शिफ्ट किया गया है। विभाग में पहले डॉक्टर संजय कुमार सेवा दे रहे थे। उनका तबादला होने के बाद डॉक्टर शिल्पी कुमारी ने सेवा शुरू की, उनके कार्यकाल खत्म होने के बाद एक वर्ष से कोई मनोचिकित्सक नहीं आया है। मनो रोगियों के लिए अलग से इंडोर वार्ड भी बनाया गया, लेकिन इसमें कोई मरीज भर्ती नहीं होते हैं।
सदर अस्पताल में हैं मनोचिकित्सक, नहीं आते मरीज
दूसरी और कोर्ट मोड़ स्थित सदर अस्पताल में मनोचिकित्सक (Hospitals) की बहाली की गई है। यहां पर डॉक्टर मीनाक्षी की बहाली की गई है। लेकिन जानकारी के अभाव में यहां पर मरीज नहीं पहुंच रहे हैं।
अस्पताल (Hospital) प्रबंधन अब ओपीडी में इसके लिए अलग से व्यवस्था की है। सिविल सर्जन डॉक्टर चंद्रभानु प्रतापन ने बताया कि प्रचार-प्रसार के लिए काम किया जा रहे हैं। जल्द कई और सुविधाएं अस्पताल में मिलेगी।
यह भी पढ़ें: Jharkhand News: पहले लूटे 35 लाख, फिर गोवा में की विदेशी लड़कियों के साथ रंगरलियां, और फिर हुआ..