Jharkhand Politics: पुल निर्माण का श्रेय लेने के लिए BJP और JMM में छिड़ी जंग, दोनों पार्टियों ने किया अलग-अलग शिलान्यास
निरसा के बरबेंदिया पुल के शिलान्यास के नाम पर रविवार को जमकर राजनीति हुई। एक ही दिन में इस पुल का दो जगहों पर शिलान्यास किया गया। इस पुल के श्रेय लेने के लिए भाजपा व झामुमो में जुबानी जंग छिड़ गई। मुख्यमंत्री चम्पाई सोरेन ने जामताड़ा के वीर ग्राम फुटबाल मैदान के भव्य समारोह में 263.88 करोड़ की लागत से 2984 मीटर लंबा बरबेंदिया पुल का शिलान्यास किया।
रामजी यादव, मैथन (धनबाद)। निरसा के बरबेंदिया पुल के शिलान्यास के नाम पर रविवार को जमकर राजनीति हुई। एक ही दिन में इस पुल का दो जगहों पर शिलान्यास किया गया। इस पुल के श्रेय लेने के लिए भाजपा व झामुमो में जुबानी जंग छिड़ गई।
मुख्यमंत्री चम्पाई सोरेन ने एक ओर जामताड़ा के वीर ग्राम फुटबाल मैदान के भव्य समारोह में 263.88 करोड़ की लागत से 2984 मीटर लंबा बरबेंदिया पुल का शिलान्यास किया तो दूसरी ओर भाजपा के धनबाद सांसद पीएन सिंह व विधायक अपर्णा सेनगुप्ता ने निरसा में अपने सैकड़ों कार्यकर्ताओं को जुटाकर बरबेंदिया पुल का शिलान्यास कर इसका श्रेय लेने की कोशिश की।
इस दौरान दोनों ओर से एक दूसरे पर कटाक्ष भी किए गए। जामताड़ा के समारोह में विधायक इरफान अंसारी ने सबसे पहले भाजपा व निरसा की विधायक अपर्णा सेनगुप्ता पर जमकर हमला बोला। कहा कि अपर्णा पुल के निर्माण को लेकर घड़याली आंसू बहा रही है।
कहती है कि हमारे ही प्रयास से पुल बन रहा है। इसलिए शिलान्यास निरसा के बरबेंदिया में होना चाहिए। जबकि सच्चाई यह है कि भाजपा के राज्य में भी यह पुल ध्वस्त हुआ था और जामताड़ा के 14 लोगों की जान चली गई थी। इसमें कहीं न कहीं अपर्णा सेनगुप्ता भी जिम्मेवार हैं।
इस पुल के निर्माण में अपर्णा की कोई भूमिका नहीं है। वह सस्ती लोकप्रियता हासिल करने से बाज आएं, वरना जनता सुधार देगी। समारोह को संबोधित कर मुख्यमंत्री चम्पाई सोरेन और पथ निर्माण मंत्री बसंत सोरेन ने भी 2022 में बरबेंदिया के बराकर नदी में हुई नाव दुर्घटना में मारे गए लोगों का जिक्र कर भाजपा को आड़े हाथों लिया। साथ ही निरसा व जामताड़ा की जनता को अपने पक्ष में करने की कोशिश की।
कहा कि हमलोग इतना पड़ा पुल बना रहे हैं और भाजपा के लोग कहते हैं कि झारखंड में कोई विकास का काम नहीं हुआ। जबकि इस पुल के बना जाने के धनबाद व जामताड़ा के साथ-साथ पूरे संथालपरगना का विकास होगा। यह पुल राज्य के लिए लाइफ लाइन साबित होगा। लोगों के आवाजाही में आसानी होगी। राेजागर मिलेगा। शिक्षा का विकास होगा। मगर भाजपा को इससे कोई लेना देना नहीं है। उन्हें तो सिर्फ पुल निर्माण का श्रेय लेने से मतलब है।
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