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Jharkhand Politics: पुल निर्माण का श्रेय लेने के लिए BJP और JMM में छिड़ी जंग, दोनों पार्टि‍यों ने किया अलग-अलग शिलान्‍यास

निरसा के बरबेंदिया पुल के शिलान्यास के नाम पर रविवार को जमकर राजनीति हुई। एक ही दिन में इस पुल का दो जगहों पर शिलान्यास किया गया। इस पुल के श्रेय लेने के लिए भाजपा व झामुमो में जुबानी जंग छिड़ गई। मुख्यमंत्री चम्पाई सोरेन ने जामताड़ा के वीर ग्राम फुटबाल मैदान के भव्य समारोह में 263.88 करोड़ की लागत से 2984 मीटर लंबा बरबेंदिया पुल का शिलान्यास किया।

By Ramjee Yadav Edited By: Prateek Jain Updated: Mon, 11 Mar 2024 04:00 AM (IST)
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जामताड़ा के वीरग्राम के समारोह में शामिल मुख्यमंत्री चम्‍पाई सोरेन व अन्य।
रामजी यादव, मैथन (धनबाद)। निरसा के बरबेंदिया पुल के शिलान्यास के नाम पर रविवार को जमकर राजनीति हुई। एक ही दिन में इस पुल का दो जगहों पर शिलान्यास किया गया। इस पुल के श्रेय लेने के लिए भाजपा व झामुमो में जुबानी जंग छिड़ गई।

मुख्यमंत्री चम्पाई सोरेन ने एक ओर जामताड़ा के वीर ग्राम फुटबाल मैदान के भव्य समारोह में 263.88 करोड़ की लागत से 2984 मीटर लंबा बरबेंदिया पुल का शिलान्यास किया तो दूसरी ओर भाजपा के धनबाद सांसद पीएन सिंह व विधायक अपर्णा सेनगुप्ता ने निरसा में अपने सैकड़ों कार्यकर्ताओं को जुटाकर बरबेंदिया पुल का शिलान्यास कर इसका श्रेय लेने की कोशिश की।

इस दौरान दोनों ओर से एक दूसरे पर कटाक्ष भी किए गए। जामताड़ा के समारोह में विधायक इरफान अंसारी ने सबसे पहले भाजपा व निरसा की विधायक अपर्णा सेनगुप्ता पर जमकर हमला बोला। कहा कि अपर्णा पुल के निर्माण को लेकर घड़याली आंसू बहा रही है।

कहती है कि हमारे ही प्रयास से पुल बन रहा है। इसलिए शिलान्यास निरसा के बरबेंदिया में होना चाहिए। जबकि सच्चाई यह है कि भाजपा के राज्य में भी यह पुल ध्वस्त हुआ था और जामताड़ा के 14 लोगों की जान चली गई थी। इसमें कहीं न कहीं अपर्णा सेनगुप्ता भी जिम्मेवार हैं।

इस पुल के निर्माण में अपर्णा की कोई भूमिका नहीं है। वह सस्ती लोकप्रियता हासिल करने से बाज आएं, वरना जनता सुधार देगी। समारोह को संबोधित कर मुख्यमंत्री चम्पाई सोरेन और पथ निर्माण मंत्री बसंत सोरेन ने भी 2022 में बरबेंदिया के बराकर नदी में हुई नाव दुर्घटना में मारे गए लोगों का जिक्र कर भाजपा को आड़े हाथों लिया। साथ ही निरसा व जामताड़ा की जनता को अपने पक्ष में करने की कोशिश की।

कहा कि हमलोग इतना पड़ा पुल बना रहे हैं और भाजपा के लोग कहते हैं कि झारखंड में कोई विकास का काम नहीं हुआ। जबकि इस पुल के बना जाने के धनबाद व जामताड़ा के साथ-साथ पूरे संथालपरगना का विकास होगा। यह पुल राज्य के लिए लाइफ लाइन साबित होगा। लोगों के आवाजाही में आसानी होगी। राेजागर मिलेगा। शिक्षा का विकास होगा। मगर भाजपा को इससे कोई लेना देना नहीं है। उन्हें तो सिर्फ पुल निर्माण का श्रेय लेने से मतलब है।

'हमलोगों ने संसद से सदन तक आवाज बुलंद की'

इधर, निरसा में बरबेंदिया पुल का शिलान्यास कार्यक्रम में भाजपा सांसद पीएन सिंह व विधायक अपर्णा सेनगुप्ता ने कहा कि इस पुल के निर्माण कराने के लिए हमलोगों ने संसद से सदन तक आवाज बुलंद की। आंदोलन किया। इसके बावजूद इस पुल का शिलान्यास जमाताड़ा क्षेत्र में कर दिया गया। जबकि जामताड़ा के विधायक इरफान अंसारी ने इस पुल के निर्माण के लिए कभी भी न तो आंदोलन किया और न ही आवाज उठाई।

इस पुल का शिलान्यास जामताड़ा क्षेत्र में कर मुख्यमंत्री चम्पाई सोरेन ने धनबाद व निरसा की जनता का अपमान करने का काम किया है। मुख्यमंत्री का यह कार्यक्रम सरकारी नहीं राजनीति से प्रेरित था।

इसलिए समारोह में हमलोगों के साथ-साथ भाजपा के किसी भी सांसद व विधायक को नहीं बुलाया गया। वह भाजपा को इसका श्रेय नहीं देना चाहते हैं। जनता सबकुछ देख रही है। आनेवाले चुनाव में इसका जवाब देगी।

बहरहाल, नेताओं की जुबानी हमले के बीच बरबेंदिया पुल का शिलान्यास हो गया और इसका निर्माण भी ढाई से तीन साल में पूरा होने की संभावना है। इस पुल के बन जाने के बाद निरसा व जामताड़ा के लोगों को सबसे अधिक फायदा होगा। नाव से आरपार होने के क्रम में इन क्षेत्र के लोगों को अब जान नहीं गंवानी पड़ेगी।

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