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बदलेगी BCCL में पहरेदार की यूनिफॉर्म, अभी CISF और पुलिस से खाती है मिलान; खाकी वर्दी के पीछे चल रहा ये अवैध खेल

Jharkhand News धनबाद में स्थित बीसीसीएल के पहरेदार की यूनिफार्म में बदलाव किया जाएगा। फिलहाल यह यूनिफार्म पुलिस व सीआइएसएफ की वर्दी के साथ मिलान खाती है। यूनिफार्म का रंग खाकी है। आरोप है कि अवैध रूप से कोयला ट्रक का पासिंग का खेल इस वर्दी के पीछे खूब हो रहा है।

By Jagran NewsEdited By: Aysha SheikhUpdated: Sun, 05 Nov 2023 12:07 PM (IST)
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बदलेगी BCCL में पहरेदार की यूनिफॉर्म, अभी CISF और पुलिस के से खाती है मिलान

आशीष अंबष्ठ, धनबाद। कोयला उद्योग के राष्ट्रीयकरण के बाद बीसीसीएल प्रहरी (चौकीदार) के यूनिफार्म में बदलाव करने का विचार किया जा रहा है। मौजूदा यूनिफार्म का पुलिस व सीआइएसएफ के साथ मिलान हो रहा है।

खाकी वर्दी होने से कई तरह की परेशानी सीआइएसएफ और पुलिस की पहचान करने में आ रही है। यह मामला अब कोल इंडिया स्तर के होने वाली उच्च स्तरीय बैठक में रखा जाएगा।

टास्क फोर्स की बैठक में भी यह मामला लगातार उठ रहा है। बीसीसीएल व सीआइएसएफ की संयुक्त जांच में भी यह बातें सामने आई हैं। एक रंग होने के कारण कई तरह की परेशान हो रही है।

हो रहा यूनिफॉर्म का गलत उपयोग

शिकायत मिल रही थी यूनिफार्म का गलत उपयोग परियोजना क्षेत्र से बाहर में कई प्रहरी कर रहे है। इसको लेकर बीसीसीएल की एक टीम इस पर गुप्त रूप से निगरानी भी कर रही है, ताकि इस तरह के काम करने वाले प्रहरी को चिन्हित कर कार्रवाई की जा सके।

बीसीसीएल में करीब आठ सौ और आउटसोर्सिंग कंपनी में उनके निजी प्रहरी के रूप में 310 है, जो सुरक्षा के काम में लगे है। सीआइएसएफ के डीआइजी विजय काजला ने भी इस संबंध में बीसीसीएल उच्च प्रबंधन व निदेशक स्तर की बैठक में पिछले दिनों रखा है।

उन्होंने भी सीआइएसएफ पदाधिकारियों को आश्वासन दिया कि प्रहरी का खाकी रंग बदलने को लेकर विचार किया जा रहा है। कोल इंडिया को इस पर निर्णय लेना है।

क्यों बदलने का उठ रहा मामला?

इन दिनों धनबाद क्षेत्र में कोयला चोरी बीसीसीएल की आउटसोर्सिंग परियोजना क्षेत्र से बढ़ गई है। पुलिस व सीआइएसएफ की वर्दी का रंग खाकी है। बीसीसीएल प्रहरी की वर्दी भी खाकी है।

अवैध रूप से कोयला ट्रक का पासिंग का खेल इस वर्दी के पीछे खूब हो रहा है। झरिया, लोदना, कतरास, बाघमारा क्षेत्र में होने की भनक प्रशासन को भी मिली है। इसमें सबसे अधिक विरोध सीआइएसएफ का है।

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