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धनबाद नगर निगम की खटारा गाडि़यों को मिलेगा नया जीवन, इलेक्ट्रिक व्‍हीकल में बदल देगी मुंबई की कंपनी

सबकुछ ठीक रहा तो आने वाले दिनों में नगर निगम के स्क्रैप हो चुके वाहन इलेक्ट्रिक व्‍हीकल्‍स के रूप में सड़कों पर दौड़ते नजर आएंगे। सिर्फ स्क्रैप की नहीं पुराने वाहनों को भी ईवी में बदल दिया जाएगा। इससे डीजल की बचत होगी और गाड़ियों की उम्र भी बढ़ जाएगी।

By Jagran NewsEdited By: Deepak Kumar PandeyUpdated: Mon, 28 Nov 2022 07:56 AM (IST)
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बिहार-झारखंड में पायलट प्राेजेक्ट के तौर पर जल्द ही काम शुरू होगा।
जागरण संवाददाता, धनबाद: सबकुछ ठीक रहा तो आने वाले दिनों में नगर निगम के स्क्रैप हो चुके वाहन इलेक्ट्रिक व्‍हीकल्‍स के रूप में सड़कों पर दौड़ते नजर आएंगे। सिर्फ स्क्रैप की नहीं, पुराने खटारा वाहनों को भी ईवी में बदल दिया जाएगा। इससे डीजल की बचत होगी और गाड़ियों की उम्र भी लगभग दस वर्ष बढ़ जाएगी।

इस संबंध में मुंबई की कंपनी क्लीनटेक प्राइवेट लिमिटेड की प्रतिनिधि रचना स्वरूप और खुशबू पटेल ने धनबाद नगर निगम के आयुक्त सत्येंद्र कुमार से मुलाकात कर इसका प्रेजेंटेशन दिया। इसमें बताया कि स्क्रैप हो चुकी और न चलने की हालत में पुरानी गाड़ियों के इंजन की जगह रेट्रोफिटिंग के माध्यम से मोटर और अन्‍य ईवी उपकरण लगाए जाते हैं। यह काम मात्र साढ़े चार घंटे में ही पूरा हो जाता है। इसकी लागत भी कम आती है। इसके साथ ही गाड़ियों की उम्र भी 10 वर्ष तक बढ़ जाती है। रचना स्वरूप ने बताया कि अमूमन एक गाड़ी पर पूरे वर्ष लगभग एक लाख 80 हजार रुपये का डीजल खर्च होता है। वहीं इलेक्ट्रिक व्‍हीकल्‍स पर यही खर्च मात्र 18 हजार रुपये का आएगा। कर्नाटक, महाराष्ट्र में ऐसा किया जा रहा है। बिहार-झारखंड में पायलट प्राेजेक्ट के तौर पर जल्द ही काम शुरू होगा।

रचना ने नगर आयुक्त को बताया कि इसका प्रेजेंटेशन सूडा निदेशक अमित कुमार के समक्ष भी दे चुके हैं। रेट्रोफिटिंग में ऐसे पुराने वाहनों को परिवर्तित करेंगे, जो स्क्रैप हो चुके हैं या ऐसे वाहन, जो ईंधन-कुशल नहीं हैं। ऐसे वाहनों को इलेक्ट्रिक वाहन में बदलने का प्रस्‍ताव इन्‍होंने दिया है। इस तकनीक से वाहनों को न सिर्फ नई जिंदगी मिलेगी, बल्कि प्रदूषण का स्‍तर भी कम होगा। नगर आयुक्त सत्येंद्र कुमार ने कंपनी को इस संबंध में विस्‍तृत प्रपोजल देने का कहा है, ताकि इसपर आगे की प्रक्रिया शुरू हो सके। रचना ने यह भी बताया कि धनबाद में ही इसके लिए प्रशिक्षण भी दिया जाएगा और यहीं रोजगार सृजन होगा। 30 फीसद महिलाओं को वरीयता मिलेगी।

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