Jharkhand: कुपोषण उपचार केंद्र खुला भी नहीं,लेकिन सरकार को बताया हो रहा इलाज;अब उपचार के साथ मिलेंगे इतने पैसे
Jharkhand के सदर अस्पताल में एक महीने के अंदर कुपोषण उपचार केंद्र खुले ऐसा सरकार ने आदेश दिया है। अब उम्मीद जताई जा रही है कि धनबाद में नए पदाधिकारी के आने से लटका हुआ काम जल्दी होगा। कुपोषण उपचार केंद्र 10 बेडों वाला होगा। डॉक्टर और कर्मचारियों का रोस्टर बन रहा है। 1 महीने के अंदर मरीज को भर्ती करके यहां इलाज की तमाम प्रक्रिया शुरू शुरू हो जाएगी।
जागरण संवाददाता, धनबाद: सदर अस्पताल में एक महीने के भीतर कुपोषण (Malnutrition) उपचार के लिए केंद्र मुख्यालय हो, ऐसा रांची(Ranchi) ने निर्देश दिया है। अब तक केंद्र नहीं खुलने के लिए मुख्यालय के अधिकारियों ने कड़ी नाराजगी जताई है।
दरअसल, मई 2023 में ही धनबाद(Dhanbad) के अधिकारियों ने झूठी सूचना दी थी कि सदर अस्पताल (Hospital) में कुपोषण उपचार केंद्र खुल गया है। दैनिक जागरण में प्रमुखता से खबर प्रकाशित होने के बाद पता चला कि कुपोषण उपचार केंद्र खुला ही नहीं है।
दैनिक जागरण ने 3 अगस्त को भी छापी थी रिपोर्ट
अब जिले के अधिकारियों ने मुख्यालय रांची(Ranchi) को बताया कि पुराने पदाधिकारी ने इस पर सक्रियता नहीं रखी, इसलिए केंद्र नहीं खुल पाया था। अब धनबाद (Dhanbad) में नए पदाधिकारी की पदस्थापना की गई है, अब यह पदाधिकारी केंद्र जल्दी खोलने को लेकर काम कर रहे हैं।
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इधर, गलत रिपोर्ट देने पर मुख्यालय रांची (Ranchi) ने संबंधित पदाधिकारी पर कार्रवाई की बात कही है। दैनिक जागरण ने 3 अगस्त को पृष्ठ 4 पर 'कुपोषण उपचार केंद्र खुला नहीं और सरकार को दे दी झूठी रिपोर्ट' शीर्षक से प्रमुखता से खबर को छापा गया था।
10 बेड का होगा कुपोषण उपचार केंद्र
सदर अस्पताल के कुपोषण (Malnutrition) उपचार केंद्र कल 10 बेड का बनाया जाएगा। शनिवार को अस्पताल प्रबंधन में इसके लिए जगह चिन्हित किया है। अस्पताल (Hospital) के प्रभारी डॉक्टर राजकुमार सिंह ने बताया कि केंद्र में बेड लगाए जा रहे हैं। जरूरी सामान और उपकरण को भी स्थापित किया जा रहा है। 1 महीने के अंदर मरीज को भर्ती करके यहां इलाज की तमाम प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। चिकित्सा और कर्मचारियों के रोस्टर तैयार किया जा रहे हैं।
15 दिनों तक कुपोषित बच्चों का चलता है इलाज
कुपोषित (Malnutrition) पाए जाने वाले बच्चों को सहिया, आंगनबाड़ी कर्मचारी चिन्हित करके केंद्र तक लाएंगी। डॉक्टर की निगरानी में यहां पर बच्चों का 15 दिनों तक इलाज चलेगा। कुपोषण दूर करके बच्चों को उसके घर तक निशुल्क व्यवस्था करके पहुंचा जाएगा।
कुपोषण उपचार केंद्र में रहने वाली माता को भी 100 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से पारिश्रमिृक दिए जाएंगे। बच्चों के इलाज के साथ यहां पोषण युक्त आहार दिए जाएंगे।
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