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नीम के पेड़ से अचानक निकलने लगा दूध! चमत्कार मान लोग करने लगे पूजा, कृषि वैज्ञानिक ने उठाया रहस्य से पर्दा

इसे प्रकृति का चमत्कार कहें या लोगों का अंधविश्वास। नीम के पेड़ से दूध जैसा तरल पदार्थ गिरने के बाद ग्रामीण इसे दैवीय चमत्कार मान रहे हैं। वसंतिक नवरात्र के प्रथम दिन मंगलवार को नीम के पेड़ के नीचे ग्रामीणों ने कलश स्थापना कर मां का पूजा अर्चना शुरू कर दिया है। यह मामला निरसा प्रखंड के पालूडीह गांव के केंदुली टोला का है।

By Ramjee Yadav Edited By: Shashank Shekhar Updated: Tue, 09 Apr 2024 02:22 PM (IST)
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नवरात्र पर नीम के पेड़ से अचानक निकलने लगा दूध! चमत्कार मान लोग करने लगे पूजा पाठ
जागरण संवाददाता, निरसा। इसे प्रकृति का चमत्कार कहें या लोगों का अंधविश्वास। नीम के पेड़ से दूध जैसा तरल पदार्थ गिरने के बाद ग्रामीण इसे दैवीय चमत्कार मान रहे हैं। वसंतिक नवरात्र के प्रथम दिन मंगलवार को नीम के पेड़ के नीचे ग्रामीणों ने कलश स्थापना कर मां का पूजा अर्चना शुरू कर दिया है।

मामला निरसा प्रखंड के पालूडीह गांव के केंदुली टोला का है। यह बात जंगल में आग की तरह फैल गई है तथा आसपास के गांव के ग्रामीण नीम के पेड़ का दर्शन करने पहुंच रहे हैं। हालांकि, यदि फॉरेस्टिक विभाग के वैज्ञानिक मामले की जांच करें तो कई वैज्ञानिक चमत्कार सामने आ सकते हैं।

यह है मामला

इस संबंध में जानकारी देते हुए केंदुली टोला निवासी नगेन मरांडी एवं अन्य ग्रामीणों ने बताया कि मां शीतला पूजा के दिन 2 अप्रैल को कुछ बच्चे उक्त नीम के पेड़ से सुबह सुबह दातुन तोड़ने उक्त स्थल पर पहुंचे। बच्चों ने देखा कि नीम के पेड़ की एक डाली से दूध सफेद जैसा तरल पदार्थ बूंद बूंद कर जमीन पर गिर रहा है।

बच्चों ने मामले की जानकारी ग्रामीणों जानकारी दी। धीरे धीरे यह खबर क्षेत्र में फैल गई। पेड़ से टपकते हुए दूध जैसे तरल पदार्थ को देखने लोगो का हुजूम उमड़ रही है। हर रोज दर्जनों की संख्या में लोग यह चमत्कार देखने पहुंच रहा है।

स्वाद मीठा, परंतु सुगंध नीम जैसा कड़वा

सबसे आश्चर्य करने वाली बात तो यह है कि नीम की डाली से गिरने वाला दूध जैसा तरल पदार्थ को उंगली पर लेकर मुंह में रखने पर वह मीठा लगता है। परंतु तरल पदार्थ को सुनने पर उससे नीम के प्राकृतिक गुण के जैसा कड़वा सुगंध आता है। जिस स्थान पर दूध गिर रहा है उसे स्थान के नीचे की जमीन भी काली पड़ गई है।

वसंतिक नवरात्रि के दिन नीम के पेड़ के नीचे किया गया कलश स्थापित

ग्रामीण महिला दुलाली किस्कू के द्वारा वसंतिक नवरात्र के प्रथम दिन मंगलवार को नीम के पेड़ के नीचे कलश स्थापित कर पूजा-अर्चना शुरू कर दी गई है। आदिवासी समुदाय के लोग श्रद्धा भाव से नीम के पेड़ के नीचे स्थापित कलश की पूजा अर्चना शुरू कर दी है।

ग्रामीण नगेन मरांडी, महादेव हेंब्रम, सोनाराम किस्कू, बिनोती महतो, मैनेजर किस्कू, सोनाराम किस्कू इत्यादि ने बताया कि पालुडीह गांव एवं यह टोला आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र है। हम लोग नीम के पेड़ को देवी देवताओं का स्वरूप मानते है।

मां शीतला पूजा के दिन से घटित यह घटना कही न कही देवी मां का चमत्कार है। ग्रामीणों के सहयोग से नीम के पेड़ के नीचे मां का मंदिर स्थापित कर मां का पूजा अर्चना किया जाएगा। मामले की सूचना पाकर पलारपुर पंचायत की मुखिया अपर्णा देवी एवं झामुमो नेता तपन तिवारी भी पहुंचे तथा उन्होंने ग्रामीणों को हर संभव सहयोग करने का आश्वासन दिया।

कृषि वैज्ञानिक ने मामले को लेकर क्या कहा

नीम का वनस्पति नाम एजाडिराक्टा इंडिका है। इस पेड़ के तीन लेयर होते हैं। जब ये लेयर क्षतिग्रस्त होने लगते हैं तब पेड़ से सफेद तरल पदार्थ का रिसाव होता है। नीम पेड़ से निकलने वाला यह तरल पदार्थ मनुष्य के लिए यह काफी उपयोगी होता है। इससे कई प्रकार की दवा तैयार होते हैं और हजारों रुपये लीटर बाजार में इस रस की कीमत है।- अनिल कुमार, प्रभारी, कृषि विज्ञान केंद्र, बोकारो 

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