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Jharia Master Plan : पुनर्वास पैकेज के लाभुक होंगे आधार से लिंक, फर्जीवाड़ा पर लगेगी लगाम

आधार लिंक करने से पुनर्वास का गलत तरीके से लाभ नहीं लिया जा सकेगा। फिलहाल कई लोग ऐसे हैं जिन्होंने बेलगढिय़ा में पुनर्वास होने के बावजूद वहां रहना शुरू नहीं किया है।

By MritunjayEdited By: Updated: Wed, 23 Oct 2019 07:37 AM (IST)
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Jharia Master Plan : पुनर्वास पैकेज के लाभुक होंगे आधार से लिंक, फर्जीवाड़ा पर लगेगी लगाम
धनबाद [रोहित कर्ण]। झरिया पुनर्वास एवं विकास प्राधिकार सर्वे में सूचीबद्ध किए गए तमाम अग्नि प्रभावितों का आधार लिंक कराएगा। ऐसा पुनर्वास कार्य में फर्जीवाड़ा रोकने के लिहाज से किया जाएगा। इस संबंध में पहले से ही हाई पावर कमेटी में निर्णय लिया जा चुका है। लेकिन अग्नि प्रभावितों का सर्वे जारी रहने की वजह से इसे शुरू नहीं किया जा सका था। अब जबकि लगभग यह कार्य समाप्त हो चुका है, जरेडा ने आधार लिंक करने का काम शुरू करने की प्रक्रिया शुरू कर दिया है।

यह होगा आधार लिंक करने से लाभ : आधार लिंक करने से पुनर्वास का गलत तरीके से लाभ नहीं लिया जा सकेगा। फिलहाल कई लोग ऐसे हैं जिन्होंने बेलगढिय़ा में पुनर्वास होने के बावजूद वहां रहना शुरू नहीं किया है। उनके नाम फ्लैट का आवंटन हो चुका है। कई लोगों द्वारा एक से अधिक फ्लैट कब्जा करने की भी शिकायत है तो कुछ लोग अपना फ्लैट किराए पर भी लगा रहे हैं। तमाम आवंटित फ्लैटों के लाभुकों का नाम आधार से लिंक होने के बाद इस फर्जीवाड़े पर रोक लगेगी।

रैयतों और अतिक्रमणकारियों में हो सकेगा भेद : फिलहाल जो सर्वे हुआ है उसमें कई लोग ऐसे भी हैं जिन्होंने सर्वे के दौरान स्वयं को रैयत बताया है। हालांकि उन्होंने कोई कागजात जमा नहीं किया है। ऐसे कई लोगों का मकान गैरमजरुआ जमीन पर पाया गया है। ऐसे लोगों को रैयत की सूची से अलग किया जा सकेगा। ऐसे लोगों को वही सुविधाएं दी जाएंगी जो अग्नि प्रभावित क्षेत्र में बसे अतिक्रमणकारियों को दी जा रही है।

किराएदारों को लाभुकों के दायरे से बाहर रखा जा सकेगा : कई ऐसे बाजार जो अग्नि प्रभावित क्षेत्र में हैं। वहां रह रहे किराएदारों ने भी स्वयं को लाभुक की सूची में दर्ज करने की मांग रखी थी। इस पर विवाद के कारण ही कई स्थलों पर सर्वे कार्य में बाधाएं आती रहीं। कई जगह सर्वे नहीं किए जा सके। आधार लिंक करने से जहां अतिक्रमणकारी, रैयत की पहचान करने में सुविधा होगी वहीं किरायेदारों को भी चिह्नित किया जा सकेगा।

पांच साइट पर नहीं हो सका सर्वे : अग्नि प्रभावित क्षेत्रों के लिए मास्टर प्लान में 595 साइट चिह्नित किए गए थे। इनमें पश्चिम बंगाल के भी 11 साइट थे। जुलाई में सर्वे की आखिरी तिथि बीतने के बाद झारखंड के 579 और पश्चिम बंगाल के 11 साइटों पर सर्वे हो चुका है। इस प्रकार 590 साइट पर सर्वे पूर्ण हो चुका है।

इन साइटों पर नहीं हो सका सर्वेः जिन साइटों पर सर्वे नहीं हो सका उनमें बोकारो जिले का सिजुआ ग्राम सहित धनबाद जिले में बाघमारा अंचल का बरोरा, टुंडू व बेहराडीह बस्ती समेत पुटकी अंचल का अरलगडिय़ा बस्ती शामिल है।

हाई पावर कमेटी में आधार लिंक कराने का निर्णय लिया जा चुका है। सुप्रीम कोर्ट ने भी फर्जीवाड़ा रोकने के लिहाज से सभी आवंटन और लाभुकों का आधार लिंक कराने का आदेश दिया है। लिहाजा जल्द ही यह काम शुरू किया जाएगा।

-राजू रजक, सर्वे प्रभारी, झरिया पुनर्वास व विकास प्राधिकार

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