Move to Jagran APP

NEET Toppers Story : नीट टॉपर्स ने साझा किए सफलता के सीक्रेट; आप भी कर सकते हैं ट्राई, ऐसे मिली प्रेरणा

NEET Toppers Success Story नीट के परिणाम जारी हो गए हैं। इसमें सफलता हासिल करने वाले झारखंड के टॉपर्स की कहानी काफी दिलचस्प और प्रेरणा देने वाली है। किसी को कोविड के दौरान डॉक्टर बनने की प्रेरणा मिली तो किसी ने स्कूल में इमरजेंसी के वक्त डॉक्टर बनने की अहमियत को नजदीक से समझा। वहीं किसी ने मुश्किलों का सामना करके खुद को इस मुकाम तक पहुंचाया।

By Ashish Singh Edited By: Yogesh Sahu Updated: Thu, 06 Jun 2024 01:02 PM (IST)
Hero Image
NEET Toppers Story: नीट टॉपर्स ने साझा किए सफलता के सीक्रेट; आप भी कर सकते हैं ट्राई, ऐसे मिली प्रेरणा
जागरण संवाददाता, धनबाद। NEET Toppers Success Story : दिल्ली पब्लिक स्कूल के छात्र आलोक कुमार राय (Alok Kumar Rai Success Story) ने नीट के परिणाम में 697 अंक प्राप्त कर स्वजन व स्कूल का नाम रोशन किया है।

आलोक के पिता राजेश कुमार राय इनकम टैक्स के वकील और मां पिंकी राय गृहिणी हैं। झाड़ूडीह के रहने वाले आलोक ने दसवीं की परीक्षा डिनोबिली स्कूल सीएमआरआइ और 12वीं 95.4 प्रतिशत अंक के साथ डीपीएस से उत्तीर्ण किया है। यह इनका दूसरा प्रयास था।

आलोक ने बताया कि पढ़ाई को उन्होंने कभी टाइम फिक्स नहीं किया, लेकिन सेल्फ स्टडी बहुत जरूरी है। कम से कम छह घंटे की पढ़ाई भी अगर कर लेते हैं तो काफी है। फिर 12-14 घंटे पढ़ने की जरूरत नहीं। अगर मेडिसिन लेकर आगे करियर बनाना है।

आलोक राय।

उन्होंने बताया कि कोविड में उनका पूरा परिवार चपेट में आ गया था। इसलिए सोचा फैमिली में एक डॉक्टर होना जरूरी है। यहीं से डॉक्टर बनने के बारे में सोचा। पढ़ाई के अलावा पेंटिंग पसंद है।

कम नंबर आने पर भी बना जा सकते हैं डॉक्टर

अक्सा नूर (Aqsa Noor Success Story) के स्वजन आज अपनी होनहार बिटिया पर गर्व महसूस कर रहा है। पिता मो. नूरैन अंसारी कोलकाता में एक प्राइवेट जाब करते हैं। मां महनूर गृहिणी हैं।

मध्यमवर्गीय परिवार होने के बाद भी माता-पिता ने अक्सा की अच्छी परवरिश की। नीट के परिणाम में अक्सा नूर ने 688 अंक प्राप्त कर पिता का नाम रोशन किया है।

डिगवाडीह की रहने वाली अक्सा का यह तीसरा प्रयास था। आठवीं तक की पढ़ाई कार्मल स्कूल डिगवाडीह से की। इसके बाद दसवीं सेंट मारिया स्कूल कोलकाता से 87 प्रतिशत और 12वीं इसी स्कूल से 81 प्रतिशत अंकों के साथ उत्तीर्ण किया।

12वीं में 81 प्रतिशत अंक होने के बावजूद अक्सा ने डॉक्टर बनने का सोचा और इस सपने को साकार करने में लग गई। इसके पीछे कहानी भी बड़ी दिलचस्प है।

अक्सा नूर।

अक्सा ने बताया कि एक बार स्कूल में एक इमरजेंसी आ गई थी, जिसमें उन्होंने कार्डियोलाजिस्ट को इलाज करते हुए देखा। उनके व्यक्तित्व से इतना प्रभावित हुई कि सोच लिया कि अब कार्डियोलाजिस्ट ही बनना है।

रात में पढ़ाई करना अक्सा को अधिक भाता है। कहती हैं कि मोटिवेशन एक बार चला गया तो वापस आ जाएगा, लेकिन अगर डिसिप्लिन खो दिया तो वह वापस नहीं आएगा।

इसलिए पढ़ाई के लिए डिसिप्लिन बहुत जरूरी है। कम नंबर आने पर भी डॉक्टर बना जा सकता है। अक्सा को पढ़ाई के अलावा डांस पसंद है।

अभाव में गुजर-बसर करने वाला भी बन सकता है डॉक्टर

रॉबिन चंद्रा (Robin Chandra Success Story) ने मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट में 672 रैंक हासिल कर सिर्फ अपना ही नहीं अपने मोहल्ले का भी नाम रोशन किया है।

यहां रॉबिन की सफलता का जिक्र करना इसलिए भी महत्वपूर्ण हो जाता है, क्योंकि इन्होंने 10वीं और 12वीं दोनों झारखंड बोर्ड यानी सरकारी स्कूल से की है।

एचई स्कूल से दसवीं के परीक्षा 84 प्रतिशत और 12वीं 73 प्रतिशत अंकों से पास की। रॉबिन का यह चौथा प्रयास था। एक बार तो ऐसा लगा की तीन प्रयास में नहीं हो पाया तो छोड़ दें फिर माता-पिता का चेहरा सामने आया और दोबारा तैयारी में जुट गए।

रॉबिन चंद्रा।

पिता रमेश चंद्रा धोबीघाट जगजीवन नगर में राशन की दुकान चलाते हैं। मां पूर्णिमा देवी गृहिणी हैं। रॉबिन का चयन मेडिकल इंजीनियरिंग की नि:शुल्क प्रवेश परीक्षा आकांक्षा-40 के जरिए हुआ था।

शिक्षा विभाग की ओर से गोल ने उनकी तैयारी का जिम्मा उठाया। रॉबिन ने बताया उनके घर के आसपास का माहौल पढ़ाई जैसा नहीं है। इसलिए गोल की लाइब्रेरी में आकर सुबह आठ से शाम पांच बजे तक पढ़ाई किया करते थे।

उन्होंने कहा कोई भी डॉक्टर बन सकता है, जरूरी नहीं कि उसकी परिवार अभाव में है। बस पढ़ाई के लिए लगन होनी चाहिए। उन्होंने कहा पढ़ाई में अनुशासन मायने रखता है। पापा को जब रिजल्ट के बारे में पता चला तो उनकी आंख भर आई थी।

पिता का सपना था बेटी बने डॉक्टर

सुदेशना दत्ता (Sudeshna Dutta Success Story) को नीट के परिणाम में 670 अंक मिला है। सुदेशना के पिता रवींद्रनाथ दत्ता पांडेडीह बलियापुर में पारा टीचर हैं।

मां सोनाली दत्ता एक गृहिणी हैं। सुदेशना न बताया पिता का बचपन से ही सपना था कि उनकी बेटी एक डॉक्टर बने। चौथे प्रयास में जाकर इतना बढ़िया अंक मिला है।

सुदेशना दत्ता।

इससे पहले तीन प्रयास में बहुत बेहतर नहीं रहा था। बीच में कई बार डर लगा कि अब नहीं हो पाएगा। फिर अपनी गलतियां सुधारीं और प्रैक्टिस जारी रखी। बढ़िया मार्क्स हासिल किया।

12वीं 93.2 प्रतिशत अंकों के साथ लायंस पब्लिक स्कूल सिंदरी से उत्तीर्ण की है। पढ़ाई का टाइम फिक्स नहीं था, लेकिन नियमित जरूर करती थी। अपनी हर छोटी बड़ी चीज डायरी में लिखकर प्लानिंग के साथ पढ़ाई पूरी की।

यह भी पढ़ें

NEET UG 2024 Topper: मुंबई में बेकरी वर्कर की बेटी ने किया बड़ा कारनामा, पूरे 720 अंकों के साथ हासिल की AIR 1

NEET UG 2024 Topper List: नीट यूजी 2024 की टॉपर लिस्ट जारी, मधुबनी के अवतार ने लहराया परचम; देखें पूरी सूची

NEET UG Result 2024: नीट यूजी का परिणाम जारी, 67 टॉपरों में बिहार के चार छात्रों का भी जलवा कायम; ये रही लिस्ट

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।