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Nag Panchami 2021: इस बार का नाग पंचमी बहुत खास, कुंडली में दोष से मुक्ति के लिए उत्तम अवसर

सावन माह की पंचमी तिथि को नाग देवताओं के पूजन के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण माना जाता है। सर्पों को अर्पित किया जाने वाला कोई भी पूजन सामग्री नाग देवताओं के समक्ष पहुंंच जाता है। नाग देवताओं के प्रतिनिधि के रूप में जीवित सर्पों की पूजा करते हैं।

By MritunjayEdited By: Updated: Wed, 11 Aug 2021 08:52 AM (IST)
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नाग पंचमी पर जीवित सर्पों की पूजा करने की परंपरा ( फाइल फोटो)।

जासं, धनबाद। सावन मास की शुक्ल पंचमी तारीख को नाग पंचमी का पर्व मनाया जाता है। इस साल नाग पंचमी का त्योहार 13 अगस्त दिन शुक्रवार को मनाया जाएगा। नाग पंचमी का पर्व हरियाली तीज के दो दिन बाद मनाया जाता है। इस दिन सर्प की पूजा करने से शक्ति, धन और मनोकामनाएं पूरी होती है। इस दिन नाग की पूजा करने का विशेष महत्व है। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन सर्प देवता को दूध चढ़ाने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। इस पावन पर्व पर महिलाएं नाग देवता की पूजा करती हैं तथा सर्पों को दुध अर्पित करती हैं। इस दिन स्त्रियांं अपने भाइयों तथा परिवार की सुरक्षा के लिए प्रार्थना भी करती है।

पंडित सुभाष पांडे के अनुसार सावन माह की पञ्चमी तिथि को नाग देवताओं के पूजन के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण माना जाता है। सर्पों को अर्पित किया जाने वाला कोई भी पूजन, नाग देवताओं के समक्ष पहुंंच जाता है। इसलिए लोग इस अवसर पर, नाग देवताओं के प्रतिनिधि के रूप में जीवित सर्पों की पूजा करते हैं। इस दिन लोग शहर के मटकुरिया भूतनाथ मंदिर, खड़ेश्वरी मंंदिर, मनईटांड शिव आदि शिवालयों में नाग देवता के लिए दूध अर्पित कर पूजा-अर्चना करेंगे। योतिष गणना के अनुसार, इस साल यानी 13 अगस्त 2021 को पड़ने वाली नाग पंचमी पर करीब 108 साल बाद एक दुर्लभ संयोग बन रहा है। यह दुर्लभ संयोग नाग देवता का आशीर्वाद पाने और काल सर्प दोष से मुक्ति के लिए अति लाभदायक है। नाग पंचमी के पावन पर्व पर इस बार उत्तरा योग और हस्त नक्षत्र का विशेष संयोग बन रहा है। साथ ही शिन नक्षत्र भी लग रहा है। यह शिन नक्षत्र काल सर्प दोष और कुंडली दोष से मुक्ति के लिए विशिष्ट फलदायी होता है। धार्मिक मान्यता है कि शिन नक्षत्र में काल सर्प दोष से मुक्ति के लिए की जानें वाली पूजा सबसे अधिक प्रभावशाली होती है।

कुंडली में दोष हो तो नांगपचमी पूजा करने से होती है मुक्ति

कहा गया है कि किसी की कुंडली में अगर दोष हो और खासकर कालसर्प दोष हो ताे नांगपचमी के दिन इसकी पूजा की जा सकती है। इस दिन किसी भी प्रकार की दोष से मुक्ति पाया जा सकता है। जो भी व्यक्ति इस विशेष दिन नागदेव की पूजा करता है तो, उसे अपनी कुंडली में मौजूद राहु और केतु से संबंधित हर प्रकार के दोष से तो मुक्ति मिलती ही है।

नाग पंचमी का शुभ मुहूर्त

- नाग पंचमी की पूजा का शुभ मुहूर्त 13 अगस्त सुबह 5ः 49 मिनट से सुबह 8ः 27 मिनट तक रहेगा।

- पंचमी तिथि प्रारंभ 12 अगस्त दोपहर 3: 24 मिनट से पंचमी तिथि समाप्त 13 अगस्त दोपहर 1: 42 मिनट तक।