प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 1 मार्च को सिंदरी में हर्ल कारखाने का उद्घाटन करने के लिए धनबाद आ रहे हैं। इसके लिए सिंदरी सज-धजकर तैयार है। 20 साल के लंबे इंतजार के बाद अब वह दिन आने वाला है जब सिंदरी एक बार फिर से सुंदरी बनने वाली है। घाटे के कारण पांच सितंबर 2002 को यह कारखाना बंद कर दिया गया था।
बलवंत कुमार, धनबाद। 20 वर्षों के लंबे इंतजार के बाद अब वह दिन आने वाला है, जब सिंदरी एक बार फिर सुंदरी बनेगी। एक मार्च को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सिंदरी में हिंदुस्तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड (हर्ल) का उद्घाटन करेंगे। धनबाद जिला का यह स्थल एक बार फिर से औद्योगिक नगरी के रूप में जानी जाएगी। इसकी तैयारी हर्ल प्रबंधन कर रहा है।
पीएम के आगमन पर सजकर तैयार सिंदरी
सिंदरी को सजाया जा रहा है। सारी व्यवस्था दुरुस्त की जा रही है। बात हर्ल की करें तो शिलान्यास के बाद से ही इसने काफी उतार चढ़ाव देखा है। इस उद्योग से वर्ष 2021 से ही उत्पादन शुरू करने का लक्ष्य दिया गया था, लेकिन कोरोना के कारण देरी हुई।
इसके बाद 17 नवंबर 2021, मार्च 2022 और फिर अप्रैल 2022 में शुरू करने की तिथि तय हुई, लेकिन यह भी नहीं हो पाया। उद्घाटन नहीं होने के बावजूद यहां उत्पादन शुरू हो चुका है।
प्रतिदिन 4,100 मीट्रिक टन इसकी उत्पादन क्षमता है। इस साल 10 लाख मीट्रिक टन यूरिया का उत्पादन किया गया। आने वाले वर्ष में निर्धारित लक्ष्य सालाना 12 लाख मीट्रिक टन है।
31 दिसंबर 2002 को बंद हुआ था सिंदरी फर्टिलाइजर
आजादी के बाद फर्टिलाइजर कारपोरेशन ऑफ इंडिया ने खाद कारखाना सिंदरी में खोला था। घाटे के कारण वर्ष 1991 में यह कारखाना औद्योगिक और वित्तीय पुनर्निर्माण यानी बीआइएफआर में चला गया।
पांच सितंबर 2002 को तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने सिंदरी समेत गोरखपुर, तालचर और रामागुंडम के खाद कारखाने को बंद करने का निर्णय लिया। 31 दिसंबर, 2002 को यह कारखाना बंद कर दिया गया।
आने वाले साल में 12 लाख मीट्रिक टन उत्पादन का लक्ष्य
हिंदुस्तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड (हर्ल) के प्रबंध निदेशक एसपी मोहंती ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपनी महत्वाकांक्षी उर्वरक प्रोजेक्ट सिंदरी का उद्घाटन एक मार्च को करेंगे।
उन्होंने बताया कि 8939.25 करोड़ रुपये की लागत से लगभग चार साल में निर्मित हर्ल प्रोजेक्ट से इस साल 10 लाख मीट्रिक टन यूरिया का उत्पादन किया गया। आने वाले वर्ष में हम यूरिया का निर्धारित लक्ष्य सालाना 12 लाख मीट्रिक टन प्राप्त करना है।
सिंदरी हर्ल प्रोजेेक्ट के प्रबंध निदेशक एस पी मोहंती प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए।
प्रबंध निदेशक ने प्रेस कॉन्फ्रेंस को किया संबोधित
उन्होंने बुधवार को सिंदरी स्पंदन क्लब में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री के सिंदरी आगमन और खाद कारखाना के उद्घाटन की तैयारियों की जानकारी दी।उन्होंने बताया कि वर्तमान में हर्ल प्रोजेक्ट सिंदरी मे 4.9 जीसीएएल ऊर्जा की खपत हो रही है, जबकि अन्य गैस आधारित उर्वरक संयंत्र में ऊर्जा की खपत 5.4 जीसीएएल है।
एक साल में 32.5 लाख मीट्रिक टन नीम कोटेड यूरिया का उत्पादन हुआ। मौके पर वाइक प्रेसिडेंट सुरेश प्रमाणिक, गौतम माजी, एचआर हेड श्रीसंत सिंह, विक्रांत कुमार मौजूद थे।
सिंदरी को पीएम मोदी का तोहफा
वर्ष 2018 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का ध्यान इस ओर गया। सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम नेशनल थर्मल पावर कारपोरेशन लिमिटेड, कोल इंडिया लि., इंडियन आयल कारपोरेशन लि., फर्टीलाइजर कारपोरेशन ऑफ इंडिया लि. और हिंदुस्तान फर्टीलाइजर कारपोरेशन लि. को मिलाकर हर्ल का निर्माण किया गया।
पांच मई 2018 को पीएम ने बलियापुर हवाई पट्टी से इसका शिलान्यास किया था। इसके बाद मायूस सिंदरी में खुशी छा गई। अब यह साकार होने वाला है। निर्माण में विदेशी व देशी कंपनियों का सहयोग इसके निर्माण में देशी-विदेशी तकनीक व कंपनियों का सहयोग रहा है। फ्रांस की तकनीक पर यह आधारित है। निर्माण में एलएंडटी के अलावा अहमदाबाद, बेंगलुरु समेत कई अन्य जगहों का भी कंपनियों का सहयोग है।
पीएम मोदी ने ही किया था शिलान्यास
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस कारखाना का शिलान्यास किया है। अब उन्हीं के हाथों इसका उद्घाटन भी होना है। यह हर्ल समेत सिंदरी के लिए भी गर्व की बात है तैयारियां की जा रही हैं।
यह कारखाना अपनी पूरी क्षमता पर काम करता है तो यह देश का दूसरा सबसे बड़ी खाद उत्पादन इकाई बनेगी। सुरेश प्रमाणिक, वाइस प्रेसिडेंट, हर्ल।
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