रेलवे के ठेके में वर्षों से Gangs of wasseypur का जलवा, क्या Dhanbad Police दे पाएगी चुनाैती?
फहीम का धनबाद रेल मंडल में एकछत्र राज रहा है। पदभार संभालने के बाद एसएसपी किशोर कौशल ने रेल टेंडर में गैंग्स की दखलंदाजी को समझने के लिए कुछ मुखबिर लगा दिए।
By mritunjayEdited By: Updated: Thu, 15 Aug 2019 11:51 AM (IST)
धनबाद [अश्विनी रघुवंशी]। अनिल शर्मा की तरह धनबाद रेल मंडल में ठेकेदारी के साथ स्क्रैप का कारोबार करने के लिए फहीम खान की सरपरस्ती अपरिहार्य सी रही है। एक दशक पहले फहीम जेल चले गए। उसके बाद गैंग्स की कमान संभाल रहे किसी की भी जुबान से निकली बात धनबाद रेल मंडल में फहीम का फरमान मानी जाती रही है। शाहिद मंसूर एक ऐसा नाम है, जो गैंग्स और ठेकेदारों के बीच कड़ी का काम करता रहा है।
अब फहीम बीमार है। पुलिस मान रही है कि गैंग्स के भीतर शुरू हुई खानदानी लड़ाई से निकला बारूद धनबाद रेल मंडल के भीतर खतरनाक गंध फैला सकता है। इसलिए पुलिस ने वैसे संदिग्ध ठेकेदारों की सूची लाल फाइल में डाली है जिन पर गैंग्स ऑफ वासेपुर की सरपरस्ती होने का शक है। वैसे रेल अफसरों की भी टोह ली जा रही है, जिनके गैंग्स के साथ बेहतर ताल्लुकात थे अथवा हैं। पुलिस ओवररेटेड टेंडर की सूची भी धनबाद रेल मंडल से मंगाकर अध्ययन कर सकती है।
फहीम का धनबाद रेल मंडल में एकछत्र राज रहा है। पदभार संभालने के बाद एसएसपी किशोर कौशल ने रेल टेंडर में गैंग्स की दखलंदाजी को समझने के लिए कुछ मुखबिर लगा दिए। कुछ रेलवे ठेकेदारों को भी बुलाकर हड़काया गया। बात खुलती गई। पटना की भगत इंजीनियङ्क्षरग, धनबाद की सोनल इलेक्ट्रिकल, श्वेता इलेक्ट्रांस, एमके ट्रेडिंग, एसडी इंटरप्राइजेज, कुणाल इंटरप्राइजेज समेत कई संवेदक कंपनियों के नाम की सूची पुलिस के पास आई। कुछ अफसरों को इन कंपनियों से जुड़े संवेदकों के पीछे लगाया गया। प्रारंभिक जांच में यह बात आई कि गैंग्स से जुड़े संवेदकों को ओवररेटेड टेंडर मिले हैं। जल्द ही पुलिस इस बाबत जांच करेगी। शाहिद कमर समेत कुछेक लोग सार्वजनिक तौर पर दावा करते रहे हैं कि अब उनका गैंग्स के साथ वो रिश्ता नहीं है। यदि संवेदकों का गैंग्स के साथ नाता टूट गया है, तो गहन पड़ताल के बाद उनके नाम लाल फाइल से हट भी सकते हैं।
रेलवे के टेंडर में इरफान और धीरेंद्र ने गंवाई जान : रेलवे के टेंडर को लेकर डीआरएम ऑफिस की पार्किंग में दिनदहाड़े इरफान खान की हत्या की गई थी। सूर्य विहार कॉलोनी में धीरेंद्र सिंह को गोली मार दी गई थी।
लाल फाइल में ठेकेदारों के नाम : रामाश्रय सिंह, चैनी सिंह, राम प्रवेश सिंह, संजय सिंह, शाहिद कमर, मुकेश सिंह, ददन सिंह (पटना), लक्ष्मण सिंह।
सिंदरी की स्क्रैप डील में हो चुकी सरफराज की पिटाईः धनबाद पुलिस के पास पुख्ता सूचना है कि सिंदरी में स्क्रैप की बड़ी डील में गैंग्स की दखलंदाजी रही है। एसएसपी द्वारा कराए गए अध्ययन में यह बात आई थी कि स्क्रैप लेने वाली बड़ी कंपनी के साथ गैंग्स की डील कराने में सरफराज ने मध्यस्थ की भूमिका निभाई थी। इस मसले पर पुलिस ने सरफराज को तलब किया था, पिटाई भी की गई थी। ताकीद कर उसे छोड़ा गया। डोमगढ़ में पानी की पाइपलाइन बिछाने की परियोजना में भी गैंग्स ऑफ वासेपुर के हस्तक्षेप की पुलिस पड़ताल कर रही है।
गैंग्स ऑफ वासेपुर की रेलवे के टेंडर में लंबे समय से दखलंदाजी रही है। उन संवेदकों की सूची बनाई जा रही है जो कारोबार में अपराध जगत की मदद लेते रहे हैं। ओवररेटेड टेंडर पर भी अध्ययन किया जाएगा। जरूरत हुई तो अनुसंधान में धनबाद रेल मंडल से सहयोग लिया जाएगा।
-किशोर कौशल, एसएसपी, धनबाद
किसी जमाने में रेलवे में काम कर रोजगार चलाने के लिए लोग भाईजान से सहयोग लेते थे। ठेकेदार उनके पास जाते थे। तब डीआरएम ऑफिस में हमलोग भी जाते थे। अब ऐसा नहीं है। बड़े भाई जेल के भीतर व्हीलचेयर पर हैं। अब वे रेलवे में किसी की मदद नहीं करते।
-शेर खान, फहीम खान का भाई
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