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चेयरमैन साहब! धनबाद-चंद्रपुरा रेललाइन न सही वैकल्पिक रूट को ही आगे बढ़ा दीजिए

वैकल्पिक रूट बनाने पर करीब 2 हजार करोड़ की लागत आएगी।

By JagranEdited By: Updated: Tue, 04 Sep 2018 05:00 PM (IST)
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चेयरमैन साहब! धनबाद-चंद्रपुरा रेललाइन न सही वैकल्पिक रूट को ही आगे बढ़ा दीजिए

धनबाद [मृत्युंजय पाठक]। बंद धनबाद-चंद्रपुरा रेललाइन को फिर से चालू होने की संभावना को खारिज कर रेलवे बोर्ड के चेयरमैन अश्विनी लोहानी ने झारखंड के लाखों लोगों की उम्मीदें डिरेल कर दी हैं। इसके बाद बड़ा सवाल यह है कि अब आगे क्या होगा? डीसी लाइन का वैकल्पिक रूट तैयार करने का प्रस्ताव छह महीने से ज्यादा समय से रेलवे बोर्ड के पास विचाराधीन है। क्या चेयरमैन प्रस्ताव पर मुहर लगाएंगे? वैकल्पिक रूट को धरातल पर उतारने की दिशा में काम होता है तो झारखंड के जख्मों पर मरहम लगेगा। ऐसा रेलवे बोर्ड के चेयरमैन कर सकते हैं।

15 जून 2017 को बंद हुई थी धनबाद-चंद्रपुरा रेल लाइन : रेलवे की व्यस्ततम रेल लाइनों में एक थी 34 किलोमीटर लंबी धनबाद-चंद्रपुरा रेललाइन। यह रेललाइन धनबाद और राजधानी रांची को जोड़ती है। इस पर 26 जोड़ी मेल और एक्सप्रेस ट्रेनें चला करती थीं। प्रतिदिन 35 से 40 मालगाड़ी से कोयले का परिवहन होता था। यात्रियों की बात करें तो हर साल एक करोड़ से अधिक लोग धनबाद-चंद्रपुरा के बीच सफर करते थे। कथित रूप से कोयला खनन के लिए एक झटके में आग से रेल यात्रियों की सुरक्षा की दुहाई देकर लाइन बंद कर दी गई। इसके बाद से रेललाइन को चालू करने के लिए आंदोलन जारी है। आंदोलन और आक्रोश के कारण सत्ताधारी भाजपा के रेललाइन से प्रभावित क्षेत्र के तमाम सांसद और विधायक डरे हुए हैं। उन्हें 2019 में हार का डर सता रहा है। मुख्यमंत्री रघुवर दास के नेतृत्व में मंत्री, सांसद और विधायक रेल मंत्री और कोयला मंत्री पीयूष गोयल से मिलकर रेललाइन को चालू करने की मांग कर चुके हैं। 23-24 अगस्त 18 को केंद्रीय कोयला सचिव इंद्रजीत सिंह धनबाद दौरे पर आए थे। उन्होंने कहा था कि यात्रियों की जान खतरे में डाल रेल गाड़ियों का परिचालन नहीं होगा। और अब रेलवे बोर्ड के चेयरमैन द्वारा रविवार को रांची में दिए बयान से साफ है कि बंद डीसी लाइन की कहानी खत्म हो गई है।

धनबाद-मतारी-तेलो-चंद्रपुरा के बीच वैकल्पिक रूट का प्रस्ताव : जन आंदोलन के दबाव में रेलवे ने डीसी लाइन का वैकल्पिक रूट तैयार करने का निर्णय लिया है। इसके लिए राइट्स से सर्वे कराया गया। राइट्स ने सर्वे के बाद धनबाद-मतारी-तेलो-चंद्रपुरा के बीच वैकल्पिक रूट रूट तैयार करने का प्रस्ताव दिया है। इसके मुताबिक धनबाद से मतारी होकर तेलो के रास्ते दुग्दा तक नई रेललाइन बिछाई जाएगी। नई रेललाइन दुग्दा के पास जाकर बंद डीसी लाइन से मिल जाएगी। दुग्दा से ट्रेनें चंद्रपुरा होकर आएंगी-जाएंगी। प्रस्ताव रेलवे बोर्ड के पास विचाराधीन है। स्वीकृति मिलने के बाद डीपीआर बनाने का काम होगा।

वैकल्पिक रूट पर दो हजार करोड़ खर्च का अनुमान : वैकल्पिक रूट बनाने पर करीब 2 हजार करोड़ की लागत आएगी। प्रस्ताव के अनुसार धनबाद से मतारी तक वर्तमान लाइन के समानांतर ही नई लाइन बिछायी जाएगी। जिस जगह पर नई लाइन बिछाने की योजना है, वह जमीन रेलवे की है। यहा रेलवे को जमीन अधिग्रहण नहीं करना होगा। मतारी से 5 किमी आगे रामाकुंडा हॉल्ट के आसपास से नई लाइन अपने समानातर लाइन से अलग हो जाएगी। वहा से नई रेल लाइन तेलो जाएगी। तेलो तक लाइन बिछने का रास्ता बरवाडीह-तुरसाबाद होगा। यहा रेलवे को कुछ जमीन लेनी होगी। तेलो से दुग्दा तक नई लाइन बिछेगी। यह नई लाइन दुग्दा में आकर बंद डीसी लाइन में मिल जाएगी। पूर्व की भाति रेललाइन का कनेक्शन चंद्रपुरा से जुड़ जाएगा। इस नई रेल लाइन की लंबाई करीब 19 किलोमीटर होगी। जबकि धनबाद से मतारी के बीच की दूरी 21 किलोमीटर है।

महाप्रबंधक के साथ बैठक में झारखंड के सांसद लगाएंगे अंतिम जोर : पूर्व मध्य रेलवे हाजीपुर के महाप्रबंधक ललित चंद्र त्रिवेदी धनबाद रेल मंडल के तहत आने वाले सांसदों के साथ 6 दिसंबर को धनबाद में बैठक करेंगे। रेलवे में सुधार और अपने संसदीय क्षेत्र में रेल विकास से जुड़े सुझाव प्राप्त करने के लिए होने वाली बैठक की अध्यक्षता गिरिडीह के सांसद रवींद्र पांडेय करेंगे। बंद डीसी लाइन का एक बड़ा हिस्सा पांडेय के क्षेत्र के तहत ही आता है। बैठक में स्थानीय सांसद पीएन सिंह के अलावा झारखंड से आधे से ज्यादा लोकसभा और राज्यसभा सदस्य भाग लेंगे। पांडेय कहते हैं, बैठक में डीसी लाइन का मुद्दा जोरदार प्रभावी तरीके से रखा जाएगा। डीसी लाइन के वैकल्पिक रूट के प्रस्ताव को रेलवे बोर्ड जल्द से जल्द स्वीकृति प्रदान करे इसके लिए आवश्यक कदम उठाने को महाप्रबंधक पर दबाव बनाया जाएगा।

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