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धनबाद में रेल यूनियनों की बैठक, कहा- साढ़े तीन लाख पदों पर बहाली के लिए सरकार पर बनाया जा रहा दबाव

रेलवे के साढ़े तीन लाख पदों पर जल्‍द से जल्‍द बहाली शुरू करने के लिए केंद्र सरकार पर दबाव बनाया जा रहा है। इससे विभाग में पहले से कार्यरत कर्मचारियों के काम का बोझ थोड़ा कम हो सकेगा और बेरोजगार युवकों को स्थायी तौर पर आजीविका भी मिल सकेगी।

By Tapas BanerjeeEdited By: Deepak Kumar PandeyPublished: Mon, 14 Nov 2022 08:08 PM (IST)Updated: Tue, 15 Nov 2022 07:22 AM (IST)
केंद्रीय परिषद की बैठक में धनबाद के डीआरएम आशीष बंसल भी पहुंचे।

जागरण संवाददाता, धनबाद: रेलवे के साढ़े तीन लाख पदों पर जल्‍द से जल्‍द बहाली शुरू करने के लिए केंद्र सरकार पर दबाव बनाया जा रहा है। इससे विभाग में पहले से कार्यरत कर्मचारियों के काम का बोझ थोड़ा कम हो सकेगा और बेरोजगार युवकों को स्थायी तौर पर आजीविका भी मिल सकेगी। यह बातें ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन के राष्ट्रीय महामंत्री शिव गोपाल मिश्रा ने धनबाद में कही।

रेलवे ऑडिटोरियम में ईस्ट सेंट्रल रेलवे कर्मचारी यूनियन की 30वीं केंद्रीय परिषद की बैठक में पहुंचे मिश्रा ने कहा कि कर्मचारियों की कमी के बावजूद उत्पादकता में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। ऐसे में रेलवे के निजीकरण का विरोध करने का दावा मजबूत होता है। उन्होंने युवा और महिला कर्मचारियों से कहा कि अपनी मांगों के लिए पूरी ताकत झोंकनी होगी। यूनियन के महामंत्री एसएनपी श्रीवास्तव ने रेलकर्मियों की बढ़ती समस्याओं के समाधान कराने के लिए रेल प्रशासन पर पर्याप्त दबाव बनाने के लिए स्थानीय स्तर, मंडल स्तर व महाप्रबंधक स्तर पर धरना प्रदर्शन का प्रस्ताव प्रस्तुत किया।

ईसीआरकेयू के अध्यक्ष डीके पांडेय ने समस्याओं का समाधान के लिए एकजुट होने की बात कही। एनके खवास, प्रदीप्त सिन्हा, सोमेन दत्ता के साथ विभिन्न शाखाओं के सचिव, अध्यक्ष और केंद्रीय परिषद सदस्य व बड़ी संख्या में महिला रेलकर्मियों ने भाग लिया।

डीआरएम भी हुए शामिल, महामंत्री से मिले

केंद्रीय परिषद की बैठक में धनबाद के डीआरएम आशीष बंसल भी पहुंचे। एआइआरएफ महामंत्री से मिले, जहां कर्मचारियों से जुड़े विषयों पर उनकी बातचीत भी हुई। इस दौरान ईस्ट सेंट्रल रेलवे कर्मचारी यूनियन के पदाधिकारी भी मौजूद रहे।

एकजुटता दिखाने पुरी आइए

एआइआरएफ महामंत्री ने कहा कि फेडरेशन का 90वां अधिवेशन 29 नवंबर से पुरी में होगा। समुद्र स्नान करने या जगन्नाथ पुरी के तीर्थ करने मात्र के लिए नहीं; पुरी के अधिवेशन में अपनी एकजुटता दिखाने आइए। कर्मचारियों की एकजुटता ही उनकी मांगों को पूरा करने में मददगार साबित होगा।


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