Parasnath Railway Station: सात रुपये में बेच रहे थे पांच की चाय, कैशलेस के बजाय लिए जा रहे थे नकद; रेलवे ने ठोका 12 हजार जुर्माना
पारसनाथ स्टेशन के टीपी नायक एंड संस स्टाल पर पांच रुपये की चाय के लिए सात रुपये वसूले जा रहे थे। कैशलेस लेन-देन के बजाय यात्रियों ने नगद पैसे की डिमांड हो रही थी। रेलवे के वाणिज्य विभाग की टीम ने ऐसा करते मौके पर ही पकड़ा।
जागरण संवाददाता, धनबाद। त्योहारी मौसम में यात्रियों की भीड़ बढ़ते ही कैटरिंग स्टाल संचालकों ने जेब ज्यादा भरने की तरकीब ढूंढ़ निकाली है। खाने-पीने की वस्तुओं की तय कीमत से ज्यादा वसूलने लगे हैं। 15 रुपये का पानी का बोतल 20 रुपये तो पांच रुपये की चाय के लिए सात रुपये वसूल रहे हैं। लगातार मिल रही शिकायतों के बाद रेलवे ने ऐसे संचालकों के खिलाफ अपना जाल बिछा दिया है। रंगे हाथों पकड़े जाते ही उन पर जुर्माना लगाया जा रहा है। लाइसेंस रद करने की चेतावनी भी दी जा रही है। ताजा मामला धनबाद रेल मंडल के पारसनाथ का है।
During surprise inspection of tea trolley of Sh Dinesh Nayak at Parasnath Station, it was noticed that standard tea was being sold for Rs 7, instead of Rs 5. provision of cashless transaction was not available. Penalty of Rs 1000 + Rs 180 GST has been realised. pic.twitter.com/MZKNZAht5F
टीपी नायक एंड संस स्टाल के खिलाफ कार्रवाई
पारसनाथ स्टेशन के टीपी नायक एंड संस स्टाल पर पांच रुपये की चाय के लिए सात रुपये वसूले जा रहे थे। कैशलेस लेन-देन के बजाय यात्रियों ने नगद पैसे की डिमांड हो रही थी। रेलवे के वाणिज्य विभाग की टीम ने ऐसा करते मौके पर ही पकड़ा। इस मामले में स्टाल संचालक से एक हजार पुये जुर्माना और 180 रुपये जीएसटी के तौर पर वसूला गया। यात्रियों से हो रही अवैध वसूली पर हुई कार्रवाई को पूर्व मध्य रेल के मुख्य वाणिज्य प्रबंधक कैटरिंग विनीत कुमार ने ट्विटर पर शेयर किया है।
23 अक्टूबर को महंगा कोल्ड ड्रिंक बेचने पर हुई थी कार्रवाई
23 अक्टूबर को महंगा कोल्ड ड्रिंक बेचने पर भी कार्रवाई हुई थी। रेलवे के स्पेशल ड्राइव में पारसनाथ के असीम सरकार के स्टाल पर तकरीबन छह हजार का जुर्माना लगाया था। वाणिज्य विभाग की स्पेशल ड्राइव में पाया गया कि कोल ड्रिंक के बोतल की कीमत 40 रुपये होने के बाद भी 45 रुपये वसूले जा रहे थे। मैंगो शेक की कीमत 30 रुपये होने के बाद भी स्टाल संचालक 35 रुपये ले रहा था। रेलवे ने स्टाल संचालक पर पांच हजार का जुर्माना और 900 रुपये जीएसटी के तहत कार्रवाई की थी।