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सियासी दंगल में रडार पर मैंशन-रघुकुल के दागदार, दबंग राजनीतिक घरानों में खूनखराबा रोकने को लगाए जासूस Dhanbad News

धनबाद के दबंग राजनीतिक घराने सिंह मैंशन एवं रघुकूल के दागदार पुलिस के रडार पर हैं। प्रशासन को आशंका है कि झरिया के चुनाव में खूनखराबा हो सकता है।

By Sagar SinghEdited By: Updated: Sat, 23 Nov 2019 10:24 AM (IST)
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सियासी दंगल में रडार पर मैंशन-रघुकुल के दागदार, दबंग राजनीतिक घरानों में खूनखराबा रोकने को लगाए जासूस Dhanbad News
धनबाद, जेएनएन। धनबाद के दबंग राजनीतिक घराने सिंह मैंशन एवं रघुकूल के दागदार पुलिस के रडार पर हैं। तीन दशक तक कोयलांचल पर एकछत्र राज करने वाले स्वर्गीय सूर्यदेव सिंह की मृत्यु के बाद धीरे-धीरे उनके परिवार के भीतर दुश्मनी शुरू हो गई। अब सूर्यदेव के वंशज आपस में जानी दुश्मन हैं।

झरिया से सूर्यदेव पुत्र संजीव सिंह की पत्नी रागिनी सिंह भाजपा उम्मीदवार हैं तो उनके भतीजे स्वर्गीय नीरज सिंह की पत्नी पूर्णिमा सिंह ने कांग्रेस का हाथ थाम लिया है। नीरज की हत्या के आरोप में संजीव जेल में हैं। प्रशासन को आशंका है कि झरिया के चुनाव में खूनखराबा हो सकता है। सो, सिंह मैंशन एवं रघुकुल के दर्जनों दागदार पुलिस के रडार पर हैं। सूची तैयार है। कुछ पर सीसीए के तहत कार्रवाई की जानी है, तो कुछ के खिलाफ धारा 107 के तहत निरोधात्मक कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

सूर्यदेव ने जनता मजदूर संघ (जमसं) बनाया था जो अब कुंती और बच्चा गुट में बंट चुका है। इस संगठन में भी कई ऐसे पदाधिकारी हैं जिन पर गंभीर अपराध में मुकदमे हो चुके हैं या जो इलाका विशेष के लोगों को भयभीत रखते हैं। उनकी भी शिनाख्त की गई है। पुलिस ने दोनों घरानों के लोगों के पीछे जासूस भी लगा दिए हैं।

लोकसभा चुनाव के बाद पुलिस ने अनुमान लगा लिया था कि झरिया में रागिनी के खिलाफ पूर्णिमा विस चुनाव लड़ सकती है। पुलिस को यह भनक भी लग गई थी कि सिंह मैंशन एवं रघुकुल के लोगों के साथ सैकड़ों ऐसे लोग जुड़े हुए हैं जो बेहद खतरनाक हैं। जासूस लगे तो यह बात आई कि बीसीसीएल की कोयला खदान में जमसं की ओर से अधिकृत कार्यकारिणी समिति में जिन लोगों के नाम दिए गए हैं, उनमें कई असलहे से खिलौने की तरह खेलते हैं। जमसं के दागदार को चिह्नित नहीं किया जा सका। तीन माह की मेहनत के बाद पुलिस ने सिंह मैंशन एवं रघुकुल से जुड़े दागदारों की पहली सूची तैयार कर ली है।

दबंग परिवारों से जुड़े दागदार

संजीव सिंह, सिद्धार्थ गौतम उर्फ मनीष सिंह, रामाधीन सिंह, शशि सिंह, शैलेंद्र सिंह, रूद्र प्रताप सिंह, रिंकू शर्मा, दिलीप आडवाणी, अभिषेक सिंह, आलोक सिंह, बप्पी बाउरी, मनोज गोप, प्रदीप गोप, पप्पू पासवान, चंदन सिंह, राजेश राम, मेघु गोप, श्रीकांत बाउरी, सौरभ सिंह, संजय वर्मा उर्फ संजू वर्मा, अविनाश कुमार, महावीर पासवान, रंजीत रवानी, राजेश पासवान, सुमित सिंह, सरला सिंह, दिलीप भारती, अरङ्क्षवदम बनर्जी, पाल सोनी, बीजेंद्र यादव, गणोश साव।

अभिषेक सिंह, एकलव्य सिंह, बच्चा सिंह, हर्ष सिंह, बाबू अंसारी, जहीर अंसारी, प्रीतम रवानी, सूरज वर्मा, एहसान खान, मुकेश राणा, बच्चा सिंह शाहबादी, धर्मेद्र पासवान, पंकज सिंह, अरूण सिंह, शनि वर्मा, विक्रम सिंह, रामजी सिंह, संतोष सिंह, विक्की गोप, रवि रवानी, अजीत सोनी, राहुल सिंह, अशोक यादव, पंकज तिवारी, निखिलेश सिंह उर्फ गुड्डू सिंह, रामबाबू धिकार, दिवाकर सिंह, अशोक वर्णवाल, अमित सिंह, शशि पासवान, रणतेश यादव, अभय सिंह, सुखाड़ी सिंह।

सूची बनने के बावजूद कुछ नामों पर पुलिस आश्वस्त नहीं

कोयलांचल में कई लोग ऐसे हैं जो तेजी से पाला बदलते रहते हैं। जो कभी मैंशन के साथ दिखते थे, वे अचानक रघुकुल से जुड़ जाते हैं। रघुकुल के साथ रहने वाले मैंशन में हाजिरी बजाते दिखते हैं। यही कारण है कि सूची तैयार होने के बाद भी कुछ नामों पर पुलिस आश्वस्त नहीं है कि वे अभी किधर हैं। विस चुनाव के बाद दागदारों से ताल्लुकात का और पोस्टमार्टम करने को पुलिस तैयार है।

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