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धर्मराज मंदिर पर अधर्म का हमला, बाबा 'अवतरित' हुए तो मिलीं खंडित मूर्तियां; पुलिस को निरसा विधायक की चेतावनी

Dharmaraja Temple Idols Demolition News धनबाद के भुरकुंडा गांव स्थित धर्मराज मंदिर में रात के समय असामाजिक तत्वों ने हमला किया। मंदिर की मूर्तियों को खंडित कर गांव के तालाब में ले जाकर फेंक दिया। इसकी जानकारी मिलने के बाद ग्रामीण आक्रोशित हो गए।

By MritunjayEdited By: Updated: Thu, 06 Jan 2022 01:58 PM (IST)
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धर्मराज मंदिर से मूर्तियों की चोरी की सूचना पर जुटे ग्रामीण ( फोटो जागरण)।
जागरण संवाददाता, निरसा / थापरनगर। झारखंड के धनबाद जिला मुख्यालय से 30 किलोमीटर दूर निरसा थाना क्षेत्र के भुरकुंडा बाड़ी स्थित धर्मराज मंदिर पर अधर्मियों ने हमला किया है। मंदिर से बाबा धर्मराज, भीम, नकुल एवं सहदेव की मूर्तियों को विखंडित कर गांव के तालाब मोड़ के पास फेंक दिया। मंदिर से मूर्तियों की चोरी होने की सूचना मिलने के बाद ग्रामीणों ने छानबीन शुरू की। भीम, नकुल एवं सहदेव की खंडित मूर्ति मिली परंतु धर्मराज की मूर्ति का अभी तक कोई अता पता नहीं चला है। सूचना पाकर निरसा एसडीपीओ पितांबर सिंह खेरवार, निरसा थाना प्रभारी सुभाष सिंह, कालूबथान ओपी प्रभारी प्रदीप राणा, गल्फरबाड़ी ओपी प्रभारी संजय उरांव समेत बड़ी संख्या में पुलिस पदाधिकारी पहुंचे। मूर्ति चोरी होने तथा उसे खंडित किए जाने के कारण ग्रामीणों में आक्रोश है। निरसा की भाजपा विधायक अपर्णा सेनगुप्ता ने भी पहुंचकर घटना की जानकारी ली। जल्द से जल्द असामाजिक तत्वों की पहचान कर उसे गिरफ्तार कर कड़ी से कड़ी सजा दिलावने की मांग पुलिस से की। वहीं ग्रामीण खंडित मूर्ति को मंदिर के समीप लाकर पूजा अर्चना कर रहे हैं। मंदिर के पुजारी सपन भट्टाचार्य मंदिर पहुंचकर पूरे विधि विधान के साथ पूजा अर्चना कर मंदिर को पवित्र करेंगे। इसके बाद मंदिर में फिर से पूजा शुरू होगी। 

क्या है मामला

बुधवार की रात्रि लगभग 12:00 बजे साइकिल से कोयला ढुलाई करने वाले उस रास्ते से गुजर रहे थे तो उन्होंने मंदिर के ग्रिल गेट को खुला हुआ देखा। उसने गांव के एक दो लोगों को जगा कर मामले की जानकारी दी। गांव वाले मंदिर परिसर पहुंचे तो देखा कि मंदिर का गेट ग्रिल के अलावा मंदिर का अंदर का दरवाजा भी टूटा हुआ है। साथ ही मंदिर के अंदर धर्मराज के सिंहासन पर विराजमान धर्मराज एवं उनके भाइयों भीम नकुल एवं सहदेव की गुंबज के रूप में विराजमान प्रतिमा गायब है। कुछ ही देर में अब आप गांव में जंगल की आग की तरह फैल गई। ग्रामीण मंदिर परिसर पहुंचे तथा आसपास खोजबीन किया परंतु कहीं भी बाबा धर्मराज एवं उनके भाइयों के गुंबज नुमा मूर्ति नहीं दिखाई दी।

ग्रामीणों पर बाबा धर्मराज का भाव आने के बाद मिली खंडित मूर्ति

ग्रामीणों के अनुसार सुबह गांव के चार लोगों बामापदो मंडल, शिवलाल सिंह, लालचंद गोराई एवं बिट्टू गोराई भी मंदिर परिसर पहुंचे। मंदिर परिसर पहुंचते हैं बाबा धर्मराज का भाव इन चारों पर आया तथा वे लोग मंदिर परिसर में ही झुमने एवं चिल्लाने लगे। अचानक चारों लोग मंदिर के पश्चिम एवं उत्तर दिशा में भागने लगे। इन लोगों के पीछे पीछे ग्रामीण भी दौड़ने लगे। चारों गांव के किनारे स्थित बड़ा तालाब के मेढ पर पहुंचे तथा वहां पर गुंबज नुमा भीम, नकुल एवं सहदेव की खंडित मूर्ति देखकर पछाड़ खाकर रोने एवं गिरने पड़ने लगे। चारों लोग जिन पर बाबा धर्मराज का भाव आया हुआ था उन लोगों ने पूरे विधि विधान के साथ जिस जगह खंडित मूर्ति पड़ी थी खंडित मूर्ति को एक नए गमछे में लपेटा तथा उसे लेकर मंदिर परिसर पहुंचे। जिस स्थान पर खंडित मूर्ति पड़ी हुई थी वह संस्थान को गाय के गोबर से लिपाई किया गया ताकि सिंदूर इत्यादि जो पड़ा हुआ है वह साफ हो जाए। मंदिर परिसर में लाकर खंडित मूर्ति को रखकर धूप अगरबत्ती जलाकर उसकी पूजा की गई।

राजतंत्र काल से होती आ रही है पूजा

ग्रामीणों ने बताया कि बाबा धर्मराज की पूजा राजतंत्र के समय से होती आ रही है। राजा द्वारा बाबा धर्मराज एवं उनके चार भाइयों के गुंबज नुमा मूर्ति की स्थापना की गई थी। राजतंत्र के समय ही अर्जुन की मूर्ति की चोरी हो गई थी। उसके बाद से प्रत्येक वर्ष बुद्ध पूर्णिमा के दिन वार्षिक धर्मराज पूजा का आयोजन होते आ रहा है। उस दिन मेले का भी आयोजन किया जाता है। मंदिर संचालन के लिए राज्य परिवार द्वारा जमीन भी मंदिर के नाम से दान की गई है। आजादी के बाद से आज तक कभी मूर्ति के साथ छेड़छाड़ किसी ने नहीं की।

चांदी का छत्र एवं पीतल का सिंहासन नहीं ले गए असामाजिक तत्व

ग्रामीणों को यह बात हजम नहीं हो रही है कि चोरी के उद्देश से चोरों ने मूर्ति की चोरी की है। ग्रामीणों का कहना है कि यदि चोरी के उद्देश्य यह काम किया जाता तो चांदी का छत्र एवं पीतल का बाबा धर्मराज का सिंहासन चोर छोड़कर नहीं जाते। वहीं कुछ लोगों का मानना है कि असामाजिक तत्वों के दिमाग में यह बात होगा कि गुंबज नुमा मूर्ति के अंदर शायद सोना या कीमती सामान होगा इस कारण हुए लोग उसे ले गए तथा मूर्ति को तोड़ा। गुंबज नुमा मूर्ति के अंदर क्या था यह कोई भी नहीं जानता है। ग्रामीणों का कहना है कि जिसने भी यह करतूत किया है उसका समूल नष्ट होना अनिवार्य है। बाबा की महिमा है।

दोषियों पर हो कठोर कार्रवाई: अपर्णा

घटना की सूचना पाकर पहुंची विधायक अपर्णा सेनगुप्ता ने कहा कि दोषियों को प्रशासन जल्द से जल्द गिरफ्तार करें तथा उस पर कठोर कानूनी कार्रवाई की जाए। किसी के भी धार्मिक आस्था से किसी को खिलवाड़ करने की इजाजत नहीं है।

जल्द अपराधी होंगे पुलिस की गिरफ्त में

एसडीपीओ पितांबर सिंह खेरवार ने कहा कि असामाजिक तत्व बहुत जल्द पुलिस की गिरफ्त में होंगे। मामले का उद्भेदन करने के लिए पुलिस द्वारा टीम बनाई गई है। टीम जल्द ही अपराधियों को गिरफ्तार करने में सफल होगी।

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