Godda: विवादित जमीन पर कब्र खोदने के बाद दो संप्रदाय के बीच तनाव, पुलिस ने संभाला मोर्चा
मुस्लिम समुदाय के लोगों का कहना था कि इस मैदान के किनारे में पूर्व में शव को दफनाया है। अब क्यों रोका जा रहा है? वे लोग भूमिहीन हैं और उन्हें शव दफनाने के लिए कोई जमीन नहीं है।
By MritunjayEdited By: Updated: Sat, 20 Jun 2020 01:36 PM (IST)
गोड्डा, जेएनएन। मुस्लिम समुदाय द्वारा ठाकुरगंगटी थाना क्षेत्र के रुंजी पंचायत अंतर्गत परसबन्नी मैदान और रुंजी पंचायत भवन के बगल में शव दफनाने के लिए शनिवार की सुबह कब्र खोदा जा रहा था। इसी बीच दूसरे समुदाय के लोगों को जानकारी हुई। काफी संख्या में स्थानीय लोग विरोध में जमा हो गए। दोनों समुदाय के लोग आमने-सामने आ गए। इसकी जानकारी मिलने के बाद पुलिस प्रशासन ने मोर्चा संभाल लिया। विवादित जमीन पर शव को दफनाने से रोक दिया गया। इसके बाद स्थिति नियंत्रित हुई। हालांकि इस मामले को लेकर दोनों समुदाय के बीच तनाव बना हुआ है।
शव दफनाने के सवाल पर दो समुदाय के बीच तनाव की सूचना मिलते ही अंचलाधिकारी खगेन महतो , मेहरमा के पुलिस इंस्पेक्टर रामाकांत तिवारी , ठाकुरगंगटी थाना प्रभारी फुलेश्वर सिंह , सहायक नागेंद्र कुमार गौड़ , पंकज कुमार सहित कई पुलिस पदाधिकारी , पुलिसकर्मी , अंचल कर्मी , समाजसेवी आदि विवाद को रोकने के लिए परसबन्नी मैदान पहुंचे। अंचलाधिकारी खगेन महतो ने बताया कि बीते वर्ष 2019 के दिसंबर माह में अदालत द्वारा इस जमीन को गैरमजरूआ जमीन घोषित किया गया है। इसलिए यह जमीन सरकार और प्रशासन के जिम्मे है। इस जमीन पर किसी भी व्यक्ति या जाति विशेष द्वारा कोई कार्य नहीं किया जा सकता। अंचलाधिकारी ने कहा कि इसके पूर्व भी एक समुदाय द्वारा मैदान के निकट ही मंदिर का निर्माण किया जा रहा था। उस पर भी रोक लगाई गई है। अवैध रूप से कुछ ग्रामीणों द्वारा ईट भट्टा लगाया गया है। ईट भट्ठा लगाने वाले संबंधित ग्रामीणों को भी अंचलाधिकारी की अदालत में उपस्थित होने को कहा गया है। उन्हें दंडित भी किया जाएगा।
वहीं मुस्लिम समुदाय के लोगों का कहना था कि इस मैदान के किनारे में ही उन्होंने कई वर्ष पूर्व शव को दफनाया है। अब क्यों रोका जा रहा है? वे लोग भूमिहीन हैं और उन्हें शव दफनाने के लिए कोई कब्रिस्तान नहीं है। इस पर अंचलाधिकारी खगेन महतो व पुलिस इंस्पेक्टर रामाकांत तिवारी और थाना प्रभारी कुलेश्वर सिंह आदि पुलिस प्रशासनिक पदाधिकारियों , कर्मियों , समाजसेवियों ने कहा कि आप लोग जिले के वरीय अधिकारियों और राज्य के राज्यपाल से कब्रिस्तान संबंधित जमीन की मांग करें । उनके आदेश पर ही कब्रिस्तान बनाने के लिए जमीन अधिकृत किया जा सकता है। वहीं दूसरे समुदाय के लोगों ने कहा की मुस्लिम समुदाय के लोगों द्वारा कई वर्षों पूर्व भी जबरन शव को दफनाया गया था जिसके बाद विवाद हुआ था। मामला अदालत में चला। गांव के निकट कहीं पर कब्रिस्तान बनाने के लिए प्राइवेट तौर पर जमीन की भी खरीद कर ली गई है । इसके बावजूद बेवजह विवाद खड़ा किया जा रहा है। फिलहाल पुलिस प्रशासन के हस्तक्षेप के बाद मामला शांत हो गया है।
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